NPS Vs OPS: कर्नाटक सरकार ने 2006 के बाद भर्ती हुए लगभग 13,000 कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना के तहत कवर करने के लिए एक अधिसूचना जारी की है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपनी एक्स पोस्ट में कहा कि जब सरकारी कर्मचारी नई पेंशन योजना के खिलाफ हड़ताल पर थे तो उन्होंने उनसे इस मांग को पूरा करने का वादा किया था।
सिद्धारमैया ने कहा कि 2006 के बाद भर्ती हुए राज्य सरकार के लगभग 13,000 सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल करने का आदेश जारी किया गया है। चुनाव से पहले राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के खिलाफ कर्मचारी हड़ताल पर थे। मैं कर्मचारियों के बीच गया था। मैंने उनकी मांगों को राज्य में सरकार बनने पर पूरा करने का वादा किया था। मुझे उम्मीद है कि इस फैसले से 13,000 एनपीएस कर्मचारियों के सभी परिवारों को आराम मिला होगा।
5 राज्यों में पहले से लागू है ओपीएस
देश के पांच राज्यों ने एनपीएस की जगह ओपीएस सिस्टम लागू किया था। इनमें राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश हैं। अब इस लिस्ट में कर्नाटक का भी नाम जुड़ गया है। राजस्थान अप्रैल 2022 में ओपीएस को फिर से शुरू करने वाला पहला राज्य था। इसके बाद दिसंबर 2022 में छत्तीसगढ़, अक्टूबर 2022 में झारखंड और पंजाब और अप्रैल 2023 में हिमाचल प्रदेश ने लागू किया।
इनमें से अधिकांश राज्यों में कर्मचारियों को या तो ओपीएस या राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) चुनने का विकल्प दिया गया है। हालांकि, राज्यों ने यह नहीं बताया है कि सेवानिवृत्त हुए कितने कर्मचारियों ने ओपीएस का विकल्प चुना
वर्तमान मे राजस्थान और छत्तीसगढ़ में ओपीएस को लेकर कर्मचारी संशय में हैं। क्योंकि एनपीएस को रद्द कर तत्कालीन कांग्रेस सरकार ओपीएस लाई थी। लेकिन कांग्रेस दोनों राज्यों से सत्ता गंवा बैठी और भाजपा आसीन हुई। ऐसे में कर्मचारियों को डर सता रहा है कि भाजपा सरकार ओपीएस का फैसला रद्द कर सकती है।
जानिए क्या है NPS और OPS में अंतर?
पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन का हकदार होता है। मासिक पेंशन आम तौर पर कर्मचारी की अंतिम वेतन का आधा होती है। जबकि नई पेंशन योजना के तहत कर्मचारी अपने वेतन का एक हिस्सा पेंशन फंड में योगदान करते हैं। इसके आधार पर वे रिटायरमेंट पर एकमुश्त राशि के हकदार हैं। पुरानी पेंशन योजना को दिसंबर 2003 में बंद कर दिया गया था। नई पेंशन योजना 1 अप्रैल 2004 को लागू हुई।