Karnataka Muslim Communities in OBC List: देश के संसाधनों पर मुस्लिमों के पहले हक को लेकर छिड़ी बहस के बीच कर्नाटक सरकार ने बड़ा दांव चल दिया है। कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने मुसलमानों की सभी जातियों और समुदायों को राज्य सरकार के तहत रोजगार और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए ओबीसी की सूची में शामिल किया है। इसकी जानकारी राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग यानी एनसीबीसी ने दी है।
कर्नाटक सरकार के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का कहना है कि मुस्लिम और ईसाई जैसे समुदाय न तो जाति हैं और न धर्म। 2011 की जनगणना के अनुसार, राज्य में 12.92 फीसदी आबादी मुस्लिमों की है। इसलिए इन्हें अल्पसंख्यक माना जाता है। ओबीसी आरक्षण की कैटेगरी एक में 17 सामाजिक और शैक्षणिक रुप से पिछड़ी जातियों, कैटेगरी 2 में 19 जातियों के लिए आरक्षण का प्रावधान किया है।
As per the data from Karnataka government, all castes and communities of Muslims of Karnataka have been included in the list of OBCs for reservation in employment and educational institutions under the state govt. Under Category II-B, all Muslims of Karnataka state have been… pic.twitter.com/eh1IYF3FX0
— ANI (@ANI) April 24, 2024
एनसीबीसी सिद्धारमैया सरकार के फैसले के खिलाफ
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने कर्नाटक सरकार के इस फैसले की निंदा की है। आयोग ने कहा कि पिछड़ी जाति के रूप में मुस्लिमों का वर्गीकरण सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को कमजोर करता है। धर्म आधारित आरक्षण स्पष्ट रूप से सामाजिक न्याय की नैतिकता को प्रभावित करता है।
आयोग ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के भीतर वंचित और हाशिए पर रहने वाले लोग मौजूद हैं। लेकिन पूरे धर्म को पिछड़ा मानने से मुस्लिम समाज के भीतर भी विविधता और जटिलताओं की अनदेखी होती है।
भाजपा ने कहा- हिंदू ओबीसी के आरक्षण में कटौती
भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने कर्नाटक सरकार पर पलटवार किया है। उन्होंने एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में कर्नाटक सरकार ने पूरे मुस्लिम समुदाय को पिछड़े वर्ग में वर्गीकृत किया है। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने इसकी निंदा की है। इसका मतलब है कि मुसलमान अब भारत के संविधान का घोर उल्लंघन करते हुए हिंदू ओबीसी के लिए आरक्षण में कटौती करेंगे। पश्चिम बंगाल ने भी ऐसा किया है। मामला न्यायाधीन है।