Karnataka Government Receives Bomb Threat: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के फेमस द रामेश्वर कैफे में धमाका करने वाला आरोपी अभी तक पकड़ा नहीं गया है। एक बार फिर विस्फोट करने की धमकी दी गई है। सिद्धारमैया सरकार को मंगलवार को एक धमकी भरा ईमेल मिला, जिसमें शनिवार, 9 मार्च को बेंगलुरु में विस्फोट की चेतावनी दी। ईमेल में कहा गया है कि विस्फोट से शहर दोपहर 2.48 बजे दहल जाएगा।
यह मेल मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, गृह मंत्री और बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर के नाम आया है। इसे शाहिद खान नाम के व्यक्ति ने भेजा था। ईमेल के मुताबिक, विस्फोट रेस्तरां, मंदिर, बस या ट्रेन में किया जाएगा।
क्या-क्या है ईमेल में लिखा?
मेल में लिखा है कि फिल्म का ट्रेलर कैसा लगा? अगर आप हमें 2.5 मिलियन डॉलर नहीं देंगे तो हम पूरे कर्नाटक में बसों, ट्रेनों, मंदिरों, होटलों और सार्वजनिक क्षेत्रों में बड़े विस्फोट करेंगे। हम आपको एक और ट्रेलर दिखाना चाहते हैं। हम अगला विस्फोट अंबारी उत्सव बस में करने जा रहे हैं। अंबारी उत्सव बस विस्फोट के बाद हम सोशल मीडिया पर अपनी मांग उठाएंगे और आपको भेजे गए मेल के स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर अपलोड करेंगे। हम अगले विस्फोट के बारे में जानकारी ट्वीट करेंगे।
इस बीच बेंगलुरु सिटी क्राइम ब्रांच पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। बीते एक मार्च को द रामेश्वरम कैफे में आईईडी विस्फोट हुआ था। जिसमें 9 लोग घायल हुए थे। मामले की जांच एनआईए कर रही है।
Karnataka CM, along with many other cabinet ministers, receive threat mail. CCB police registered the case. Investigation going on. Details awaited.
— ANI (@ANI) March 5, 2024
पीएम मोदी और सीएम योगी को धमकी देने वाला अरेस्ट
कर्नाटक पुलिस ने मंगलवार को मोहम्मद रसूल कद्दारे नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। उसने वीडियो जारी कर पीएम नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जान से मारने की धमकी दी थी। कर्नाटक के यादगिरी के सुरपुर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी की गई।
भाजपा नेता ने कहा- अचानक ऐसे तत्व कहां से आए?
भाजपा नेता और वरिष्ठ वकील नलिन कोहली ने कहा कि कर्नाटक में अचानक ऐसे तत्व सामने आने लगे हैं जो पाकिस्तान जिंदाबाद कहना चाहते हैं, जो पीएम मोदी को जान से मारने की धमकी देते हैं और जो रेस्तरां में बम रख रहे हैं। कर्नाटक पुलिस और अन्य एजेंसियां वास्तव में काम कर रही हैं, लेकिन इस सब के पीछे की मानसिकता क्या है?