Rana Sanga Controversy: उत्तर प्रदेश के आगरा में सपा सांसद रामजी लाल सुमन के आवास पर करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने बुधवार (26 मार्च) दोपहर बुलडोजर लेकर हमला बोल दिया। यह घटना सुमन के राजपूत शासक राणा सांगा को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के बाद हुई। सपा सांसद ने राज्यसभा में राणा सांगा को 'गद्दार' बताया था।
क्या है पूरा मामला?
21 मार्च को राज्यसभा में समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद रामजी लाल सुमन ने मेवाड़ के शासक राणा सांगा को "हिंदुओं का गद्दार" बताया था। उन्होंने कहा कि राणा सांगा ने बाबर को भारत लाए थे। जबकि इतिहासकार उन्हें भारत के अंतिम स्वतंत्र हिंदू सम्राटों में से एक मानते हैं। उनका शासनकाल राजपूत गौरव और साम्राज्य विस्तार का स्वर्णिम दौर माना जाता है।
करणी सेना ने सपा नेता के घर पर बोला हमला
इस विवाद में करणी सेना भी कूद गई और बुधवार को सांसद रामजी लाल सुमन के घर पर हमला बोल दिया। इस दौरान करणी सेना के कार्यकर्ताओं और पुलिस में झड़प हो गई। विवाद बढ़ता देख पुलिस ने लाठी चार्ज किया, जिसमें करणी सेना के कई कार्यकर्ता घायल हो गए। बताया जा रहा है कि पुलिसकर्मियों को भी गंभीर चोटे आई हैं।
#WATCH | Agra, UP: Vandalism and stone pelting broke outside the residence of Samajwadi Party MP Ramji Lal Suman. Police try to disperse the crowd and bring the situation under control.
— ANI (@ANI) March 26, 2025
(Note: Abusive language) pic.twitter.com/ocsKqkgUJD
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
अब, इस विवाद पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी ने सांसद के घर पर हुए हमले की निंदा की और आरोप लगाते हुए कहा कि यह हमला भाजपा के इशारे पर हुआ है। हालांकि, दूसरी ओर भाजपा सपा सांसद के राणा सांगा पर दिए बयान की निंदा की। बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर ने संसद ने इस बयान को लेकर विपक्ष पर हमला किया।
बाहर निकल बाबर की औलाD #रामजी_लाल_सुमन सपा सांसद के घर
— Rajput's Of INDIA (@rajput_of_india) March 26, 2025
अब बता कौन थे - राणा सांगा 💪💪 pic.twitter.com/aqalXoGHmq
कौन थे राणा सांगा?
राणा सांगा मेवाड़ के सिसोदिया वंश के प्रतापी शासक थे, जिन्होंने 1509 से 1528 तक राज किया। इनका पूरा नाम महाराणा संग्राम सिंह था और वे भारतीय इतिहास में राजपूत शौर्य के प्रतीक माने जाते हैं। राणा सांगा ने अपने जीवन में 80 से अधिक युद्ध लड़े। अपने शरीर पर अधिक घावों के साथ एक आंख व एक हाथ गंवाने के बाद भी राणा सांगा ने युद्ध लड़ा। 1527 में खानवा के युद्ध में बाबर से हार के बावजूद, उन्होंने मुगलों को भारी नुकसान पहुंचाया था।