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Wayanad landslide rescue: केरल के कालपेट्टा रेंज के फॉरेस्ट ऑफिसर्स ने भूस्खलन के बाद गुफा में फंसे चार मासूमों को बचाया। वन अधिकारियों ने बच्चों को सीने से बांधकर पहाड़ से नीचे उतारा।

Wayanad landslide rescue: केरल के वायनाड में भूस्खलन की भयानक त्रासदी के बीच, एक बेहद सुखद कहानी सामने आई है। गुरुवार को, कालपेट्टा रेंज के फॉरेस्ट ऑफिसर के. हाशीस की अगुवाई में चार सदस्यों की टीम ने 8 घंटे के कठिन अभियान के बाद एक आदिवासी परिवार के चार बच्चों को बचाया। यह ऑपरेशन जंगल के खतरनाक रास्तों को पार करके किया गया। सभी बच्चों की उम्र एक से चार साल के बीच है।

भूस्खलन में फंसे थे परिवार के सदस्य
वायनाड में हुए भयानक भूस्खलन के कारण अब तक 300 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। कई अभी भी लापता हैं। ऐसे मुश्किल वक्त में, वायनाड के दूरस्थ आदिवासी बस्ती से इन बच्चों को बचाना एक राहत भरी खबर है। यह परिवार पनिया समुदाय से है, जो वायनाड के पहाड़ों पर स्थित एक गुफा में फंसा हुआ था। गुफा के ऊपर एक गहरी खाई थी, जिसे पार करने में टीम को चार घंटे से भी ज्यादा का समय लगा।

Wayanad landslide rescue
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गुफा में भूख से लड़ रहे थे बच्चे
के. हाशीस ने बताया कि उन्होंने गुरुवार को जंगल के पास एक चार साल के बच्चे और उसकी मां को भटकते हुए देखा। पूछताछ करने पर पता चला कि परिवार के बाकी सदस्य गुफा में फंसे हुए हैं और उनके पास खाने का कोई साधन नहीं है। यह परिवार ऐसे आदिवासी समुदाय से है, जो सामान्यतः बाहरी लोगों से संपर्क नहीं करता। आमतौर पर वे जंगल से प्राप्त वस्तुओं को स्थानीय बाजार में बेचकर चावल खरीदते हैं, लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन के कारण वे ऐसा नहीं कर पाए।

Wayanad landslide rescue
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रॉक्स पर चढ़ने के लिए रस्सियों का इस्तेमाल  (Rescue operation Kerala)
हाशीस ने बताया कि उन्हें और उनकी टीम को भारी बारिश के बीच फिसलन भरे और खड़ी चट्टानों को पार करना पड़ा। इस दौरान बच्चों को जो भी खाद्य सामग्री उनके पास थी, वह खिलाई गई। परिवार के मुखिया को मनाने के बाद, बच्चों को उनकी कमर से बांधकर वापसी का सफर शुरू किया गया। चट्टानों पर चढ़ने के लिए पेड़ों और चट्टानों पर रस्सियों को बांधकर ऊपर चढ़ना पड़ा।

बचाए गए बच्चे अब सुरक्षित
बच्चों को अत्तामाला स्थित उनके स्थानीय कार्यालय में लाया गया, जहां उन्हें भोजन, कपड़े और जूते दिए गए। फिलहाल, उन्हें वहीं रखा गया है और अब वे सुरक्षित हैं। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस चुनौतीपूर्ण बचाव कार्य की सराहना करते हुए सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने वन अधिकारियों के साहस की तारीफ की और कहा कि केरल की मजबूत इच्छाशक्ति सबसे कठिन समय में भी चमकती रहती है।

Wayanad landslide rescue
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मुख्यमंत्री का सराहनीय संदेश
मुख्यमंत्री विजयन ने 'X' पर लिखा, 'हमारे हिम्मती फॉरेस्ट ऑफिसर्स ने वायनाड में भूस्खलन प्रभावित एक दूर दराज की आदिवासी बस्ती में 8 घंटे का ऑपरेशन चलाया। इस ऑपरेशन के बाद 4 मासूमों की जिंदगी बचा ली गई। यह काम हमें केरल की संघर्षशीलता और आशा की याद दिलाता है। हम साथ मिलकर दोबारा सब कुछ तैयार करेंगे और पहले से भी मजबूत बनकर उभरेंगे।'

ऑपरेशन में ये अधिकारी रहे शामिल
के. हाशीस के साथ सेक्शन फॉरेस्ट ऑफिसर बी. एस. जयचंद्रन, बीट फॉरेस्ट ऑफिसर के. अनिल कुमार और रैपिड रिस्पांस टीम (RRT) के सदस्य अनूप थॉमस ने परिवार को बचाने के लिए सात किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय किया। भारी बारिश के चलते, वन विभाग ने वायनाड के अधिकांश आदिवासी समुदाय के सदस्यों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया था, लेकिन यह परिवार अभी भी जंगल के अंदर रह रहा था।

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