Logo
Nimisha Priya Death Sentence: केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा सुनाई गई है। यमन के राष्ट्रपति ने उसकी फांसी पर मुहर लगा दी है। भारत सरकार ने प्रिया को मदद का वादा किया है। जानें क्या है पूरा मामला।

Nimisha Priya Death Sentence: यमन में मुश्किलों में घिरी केरल की नर्स निमिषा प्रिया की मदद के लिए भारत सरकार आगे आई है। भारत सरकार ने कहा है कि वह निमिषा प्रिया की हर संभव मदद करेगी। निमिषा प्रिया 2017 से ही यमन की जेल में बंद है। साल 2018 में यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या के मामले में यमन के सुप्रीम कोर्ट ने निमिषा प्रिया को मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद से ही निमिषा प्रिया का परिवार उसकी रिहाई के लिए संघर्ष कर रहा है। अब यमन के राष्ट्रपति ने भी निमिषा प्रिया की फांसी पर मुहर लगा दी है। ऐसे में अब निमिषा के पास एक महीने से भी कम समय बचा है। आइए, जानते हैं कि भारत सरकार ने क्या कहा है और निमिषा प्रिया के पास बचने के क्या विकल्प हैं।

बेटी को बचाने की कोशिशों में जुटी निमिषा की मां
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत सरकार को निमिषा प्रिया को यमन में मौत की सजा सुनाए जाने की जानकारी है। जायसवाल ने कहा कि “हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार उसे बचाने की विकल्प तलाश रहा है। सरकार इस मामले में हरसंभव मदद कर रही है।" बता दें कि निमिषा की मां, प्रेमा कुमारी, इस साल की शुरुआत में यमन की राजधानी सना पहुंचीं थी। निमिषा की मां महदी के परिवार से बातचीत करके उनकी बेटी की सजा माफ कराने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि, बातचीत सफल नहीं हो सकी। 

nimisha priya death sentence
nimisha priya death sentence

भारत सरकार ने किया है हर संभव मदद करने का वादा
भारत सरकार ने इस मामले में दखल देते हुए हर संभव मदद देने का वादा किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने बताया कि निमिषा के परिवार को इस लड़ाई में सहयोग दिया जा रहा है। सरकार के साथ-साथ कई एनआरआई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी निमिषा प्रिया की जिंदगी बचाने के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। निमिषा के परिवार ने उसे बचाने के लिए कैंपेन चलाया है। इसके तहत और Save Nimisha Priya International Action Council ने महदी के परिवार को "ब्लड मनी" देने की पेशकश की भी थी। 40,000 डॉलर (करीब 34 लाख रुपए) जुटाए भी गए, लेकिन सितंबर में यह बातचीत विफल हो गई। भारतीय दूतावास के वकील ने और अधिक फीस की डिमांड रख दी, जिससे मामला अटक गया।  

Nimisha Priya Death Sentence
यह तस्वीर उसी यमनी शख्स की है जिसकी हत्या के आरोप में निमिषि प्रिया को मौत की सजा हुई है।

क्या है निमिषा प्रिया की कहानी, कैसे मुश्किलों में फंसी ?
साल 2014 में निमिषा प्रिया यमन के एक अब्दो महदी नामक शख्स के संपर्क में आई। अब्दो ने निमिषा को अपना क्लीनिक शुरू करने में मदद करने का वादा किया। बता दें कि यमन के नियम के मुताबिक, कोई विदेशी शख्स किसी स्थानीय नागरिक के साथ पार्टनरशिप करने पर ही अपना बिजनेस शुरू कर सकता है। निमिषा प्रिया ने महदी की मदद से 2015 में एक क्लीनिक शुरू की।

Nimisha Priya Death Sentence
तस्वीर में लाल घेरे में निमिषा की बेटी, मां और उसका पति।

क्लीनिक शुरू करते ही निमिषा महदी में होने लगे मतभेद
क्लीनिक शुरू करने के कुछ ही दिन बाद निमिषा और महदी में मतभेद होने लगे। निमिषा ने आरोप लगाया कि महदी ने उसका शोषण शुरू कर दिया और उसका पासपोर्ट छीन लिया। इसकी वजह से निमिषा भारत नहीं लौट पा रही थी। महदी ने यमन के अधिकारियों के सामने गलत ढंग से खुद को निमिषा के पति के तौर पर पेश किया। इसकी वजह से निमिषा को स्थानीय अधिकारियों से भी कोई मदद नहीं मिली।  

निमिषा ने महदी को ज्यादा मात्रा में बेहोशी की दवा दे दी
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, निमिषा ने अपना पासपोर्ट हासिल करने के लिए महदी को बेहोश करने की कोशिश की। हालांकि, दवा के ओवरडोज की वजह से महदी की मौत हो गई। महदी के हत्या के आरोप में निमिषा को 2017 में गिरफ्तार कर लिया गया। एक साल तक अदालतों में सुनवाई हुई। आखिरकार 2018 में यमन की सुप्रीम कोर्ट ने निमिषा प्रिया को महदी की हत्या का दोषी करार दे दिया। निमिषा को फांसी की सजा सुना दी गई। 

क्या अभी भी निमिषा की जान बचाने का कोई विकल्प है?
फिलहाल निमिषा की जान बचाने का सिर्फ एक ही विकल्प ही है। अगर तलाल अब्दो महदी का परिवार निमिषा को माफ कर दे। चूंक यमन में शरिया कानून लागू होता है। इस कानून के तहत अगर महदी का परिवार ब्ल्ड मनी स्वीकार कर ले तो निमिषा की जान बचाई जा सकती है। निमिषा का केस लड़ रहे वकील सुभाष चंद्रन ने एक मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने सोमवार को प्रिया को मौता की सजा को मंजूरी दे दी। अब निमिषा प्रिया को एक महीने के भीतर फांसी दी जा सकती है। यमन के कानूनी विशेषाज्ञें के मुताबिक मौत की सजा के मामलों में सर्वोच्च न्यायिक परिषद के आदेश के बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिलना एक औपचारिक प्रक्रिया है। इसके बाद भी अगर मृतक का परिवार ब्लड मनी कबूल ले तो निमिषा प्रिया की जान बच सकती है।

निमिषा प्रिया की जान बचाने में क्या आ रही हैं दिक्कतें
निमिषा प्रिया के वकील सुभाष चंद्रन के मुताबिक, मौजूदा समय में यमन राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। इसकी वजह से महदी के परिवार के साथ बातचीत करने में दिक्कतें आ रही हैं। बता दें कि यमन 2014 से ही गृहयुद्ध का सामना कर रहा है। हूती विद्रोहियों ने यमन की राजधानी सना पर कब्जा कर लिया था। हूती विद्रोही यमन पर कब्जा करते जा रहा है। ऐसी स्थिति में हम लोग यमन नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में केंद्र सरकार से मदद मिलने की दरकार है। अगर केंद्र सरकार हमारी मदद करती है सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशन एक्शन कांउसिल ब्लड मनी के तौर पर मांगी गई रकम का भुगतान करने के लिए तैयार हैं।

jindal steel jindal logo
5379487