Dr. Sandeep Ghosh Controversy: आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष बीते कुछ दिनों से चर्चा में हैं। आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर की घटना के बाद सुर्खियों में आए हैं।यह पहला मौका नहीं है जब संदीप घोष विवादों में घिरे हैं। डॉ. संदीप घोष का पूरा करियर ही भ्रष्टाचार, और पद के दुरुपयोग केआरोपों घिरा हुआ है। आइए जानते हैं डॉ संदीप घोष का पूरा काला चिट्ठा
एक सामान्य छात्र से विवादित प्रिंसिपल तक का सफर
कोलकाता से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित छोटे से शहर बोंगांव में जन्मे और पले-बढ़े डॉक्टर संदीप घोष ने 1989 में बोंगांव हाई स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने आरजी कर मेडिकल कॉलेज से मेडिकल शिक्षा प्राप्त की।1994 में डॉ घोष ने मेडिकल में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।डॉक्टर घोष का करियर विवादों से भरा हुआ है लेकिन उनके सहकर्मी बताते हैं कि वह एक साधारण छात्र थे। हालांकि, जैसे ही पावर मिली तो वह पूरी तरह बदल गए।
पावर मिलने के बाद बदल गए डॉक्टर घोष
डॉक्टर बिदिशा दत्ता, जो कि संदीप घोष की बैचमेट थीं, बताती हैं कि कॉलेज के दौरान वह कोई शरारती छात्र नहीं थे। लेकिन, जैसे ही उन्हें पावर मिली, वह पूरी तरह बदल गए। संदीप घोष को 2021 में आरजी कर मेडिकल कॉलेज का प्रिंसिपल बनाया गया, हालांकि वह इस पद के लिए चुने गए प्रिंसिपल्स की सूची में 16वें स्थान पर थे। लेकिन, अचानक वह पहले स्थान पर आ गए और उन्हें यह पद मिल गया।
दो बार अपना ट्रांसफर ऑर्डर कैंसल करवाया
डॉ. घोष के खिलाफ राज्य स्वास्थ्य विभाग में कई शिकायतें भेजी गईं। नतीजन, उन्हें दो बार ट्रांसफर किया गया, लेकिन हर बार वह ट्रांसफर ऑर्डर कैंसल करवाने में कामयाब रहे। डॉ. घोष के छात्रों और इंटर्न्स का एक समूह भी हमेशा उनके समर्थन में प्रदर्शन करता था। इससे साफ जाहिर होता है कि डॉ घोष ने अपने पद का गलत इस्तेमाल किया।
पोस्टमार्टम के लिए रखी लाशों के गलत इस्तेमाल का आरोप
आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, डॉक्टर घोष पर गंभीर आरोप लगे। डाॅ. घोष पर भ्रष्टाचार से लेकर अवैध कमीशन और टेंडर में धांधली तक के आरोप लगे। यहां तक कि डॉ. घोष को पोस्टमॉर्टम के लिए रखी गई लाशों के अवैध इस्तेमाल तक का आरोप लगा। कई बार कॉलेज के कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग से डॉ. संदीप घोषण शिकायत की, लेकिन उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
'वह एक माफिया की तरह हैं' - डॉक्टर अख्तर अली
डॉ. अख्तर अली, जो आरजी कर अस्पताल के पूर्व डिप्टी सुपरिंटेंडेंट हैं, का कहना है कि "डॉ. संदीप घोष एक बहुत ही भ्रष्ट व्यक्ति हैं। वह छात्रों को फेल कर देते थे और 20% कमीशन लेते थे। वह हर काम में पैसा वसूलते थे और छात्रावास में छात्रों को शराब की सप्लाई करवाते थे। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।"
अब सीबीआई कर रही डॉ. घोष से पूछताछ
डॉ. संदीप घोष पर लगे आरोपों के बाद सीबीआई ने इस मामले की जांच शुरू की। सीबीआई डाॅ. संदीप घोष से अब तक 13 घंटे तक पूछताछ कर चुकी है। सीबीआई की जांच में कई खुलासे हुए हैं। बताया जा रहा है कि सीबीआई को आरजी कर मेडिकल कॉलेज में मानव अंगों की तस्करी होने की बात पता चली है। इसके साथ ही अस्पताल कैंपस में ड्रग रैकेट एक्टिव होने की भी बात कही जा रही है। अब इन सभी बातों को लेकर डाॅ. संदीप घोष से पूछताछ होगी।
अब जानिए डॉ. संदीप घोष का कैस रहा है करियर
- 2021: ऑर्थोपेडिक्स के प्रोफेसर डॉ. संदीप घोष को आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त किया गया।
- 31 मई, 2023: डॉ. घोष को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ऑर्थोपेडिक्स विभाग के प्रोफेसर के रूप में स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया गया, लेकिन उन्होंने इस आदेश को रद्द करवा दिया।
- 12 सितंबर, 2023: उन्हें एक बार फिर मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रोफेसर के रूप में स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया गया, और एक बार फिर घोष ने इस आदेश को रद्द करवा दिया।
- 12 अगस्त, 2024: डॉ. घोष को कोलकाता नेशनल मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के प्रिंसिपल के रूप में नियुक्त किया गया।