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Kolkata rape-murder case: बीजेपी नेता ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष (Sandeep Ghosh) द्वारा हस्ताक्षरित एक कथित आदेश पत्र को सोशल मीडिया एक्स पर साझा किया है। बीजेपी का आरोप है कि पूर्व प्रिंसिपल ने सुबूत मिटाने का काम किया है।

Kolkata rape-murder case : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष द्वारा हस्ताक्षरित एक कथित पत्र साझा कर पूर्व प्रिंसिपल पर हमला बोला है। बीजेपी का दावा है कि जहां 9 अगस्त को कथित तौर पर बलात्कार और हत्या की शिकार 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर का शव मिला था उसके पास सेमिनार हाल के जीर्णोद्धार का आदेश पत्र में दिया गया था। बीजेपी का दावा है कि मरम्मत कार्य का 10 अगस्त को यानी वारदात के एक दिन बाद दिया गया था।

कई समाचार रिपोर्टों में पहले से ही दावा किया जा रहा है कि घोष ने सेमिनार हॉल के पास जीर्णोद्धार का आदेश दिया था, जिससे सबूतों से छेड़छाड़ की अटकलों को बल मिला है।

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भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने जारी की पत्र की कॉपी 
पश्चिम बंगाल भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उस कथित पत्र को साझा किया है, जिसमें उचित और अलग डॉक्टरों के कमरे और शौचालय की कमी का हवाला देते हुए नवीनीकरण का आदेश दिया गया था। मजूमदार ने अपनी पोस्ट में लिखा, "आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व निदेशक संदीप घोष द्वारा हस्ताक्षरित यह आदेश 10 अगस्त का है, यानी पीड़िता की मौत के ठीक एक दिन बाद। हालांकि सहकर्मियों और प्रदर्शनकारियों द्वारा अपराध स्थल से छेड़छाड़ के आरोपों के बावजूद, पुलिस आयुक्त ने इससे इनकार किया है।"

पत्र में क्या बात लिखी गई थी?
कोलकाता के लोक निर्माण विभाग के कई विभागों के कार्यकारी अभियंताओं को संदीप घोष द्वारा लिखे गए ज्ञापन में कहा गया है कि अस्पताल के अधिकारी संलग्न शौचालयों की मरम्मत करना चाहते हैं। कथित पत्र का शीर्षक था, “आरजीकेएमसीएंडएच, कोलकाता के सभी विभागों में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों के कमरों के साथ-साथ अलग से संलग्न शौचालयों की तत्काल मरम्मत/नवीनीकरण/पुनर्निर्माण”। 

पत्र में लिखा था, “मैं आपको सूचित करना चाहता हूं कि आरजीकेएमसीएंडएच, कोलकाता के विभिन्न विभागों में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों के कमरों और अलग से संलग्न शौचालयों की कमी है। आपसे अनुरोध है कि आरजीकेएमसीएंडएच के रेजिडेंट डॉक्टरों की मांग के अनुसार तुरंत आवश्यक कार्रवाई करें।” “इस मुद्दे पर पहले ही चर्चा हो चुकी है और आज आरजीकेएमसीएंडएच के पीआईई के बोर्ड रूम में पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के प्रधान सचिव और पश्चिम बंगाल सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के चिकित्सा शिक्षा निदेशक के साथ बैठक में इसका समाधान हो चुका है। कृपया तुरंत आवश्यक कार्रवाई करें,”।

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