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Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई जांच में अवैध अंग तस्करी और सेक्स-ड्रग रैकेट का पर्दाफाश हुआ है।

Kolkata Rape-Murder Case:कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर के मामले में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। सीबीआई द्वारा की गई जांच और डॉक्टर की साथी छात्रों के बयानों से यह खुलासा हुआ है कि ट्रेनी डॉक्टर को ह्यूमन ऑर्गन ट्रैफिकिंग का पर्दाफाश करने की कोशिशों के चलते रास्ते से हटा दिया गया। सीबीआई ने अब तक 19 लोगों से पूछताछ की है, जिसमें आधे से अधिक लोगों ने अस्पताल से जुड़े अंग तस्करी रैकेट के बारे में जानकारी दी है।

चार लोग सेक्स और ड्रग्स रैकेट चलाने के आरोपी
सीबीआई के सूत्रों के अनुसार, जांच में तीन डॉक्टर और एक हाउस स्टाफ के नाम सामने आए हैं, जो अस्पताल में सेक्स और ड्रग्स रैकेट चलाने में शामिल थे। इन आरोपियों का एक राजनीतिक दल से संबंध बताया जा रहा है। मामले में कोलकाता पुलिस के एक सिविक वॉलंटियर संजय रॉय को भी गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य एकत्र किए जा रहे हैं ताकि उन्हें न्याय के कटघरे में खड़ा किया जा सके। 

पीड़िता को हो गई थी अवैध गतिविधियों की जानकारी
जानकारी के अनुसार, पीड़िता को पहले से ही अस्पताल में हो रहे अवैध कार्यों की जानकारी थी और उसने इसके खिलाफ स्वास्थ्य विभाग में शिकायत भी की थी। हालांकि, आरोपियों के प्रभाव के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई। सीबीआई को शक है कि इन्हीं कारणों से उसकी हत्या की गई। पीड़िता सोशल मीडिया के माध्यम से इन गतिविधियों को उजागर करने की योजना बना रही थी। 

पुलिस और सीबीआई की जांच में गंभीर खुलासे
पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया है कि घटना के बाद शव को किसी और जगह से लाकर सेमिनार हॉल में रखा गया ताकि सबूत मिटाए जा सकें। उन्होंने दावा किया कि घटना स्थल के पास मरम्मत के नाम पर साक्ष्यों को नष्ट करने का प्रयास किया गया। इस मामले में कोलकाता हाई कोर्ट ने भी राज्य सरकार से सवाल किए हैं। सीबीआई के अनुसार, 2001 में इसी कॉलेज के छात्र सौमित्र विश्वास की मौत भी इसी तरह के रैकेट से जुड़ी हो सकती है। 

एक सीनियर नेता के बेटे का नाम सामने आया
कोलकाता पुलिस के अनुसार, इस मामले में एक सीनियर नेता और उनके बेटे के नाम सामने आए हैं। हालांकि, ठोस सबूतों के अभाव में उन्हें जांच के दायरे से हटा दिया गया। इस घटना से आरजी कर मेडिकल कॉलेज में चल रही अवैध गतिविधियों का पर्दाफाश हुआ है, जिससे राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। 

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