Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता की सियालदाह कोर्ट में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के रेप और मर्डर केस की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को CBI के जांच अधिकारी और वकील समय से नहीं पहुंचे। कोर्ट में CBI के वकील के मौजूद नहीं होने पर जज नाराज हो गए। बता दें कि कोर्ट में मुख्य आरोपी संजय रॉय की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन CBI वकील 50 मिनट देर से पहुंचे। वकील के देर से आने पर अदालत ने कहा कि जांच में देरी हो रही है और CBI को इस मामले में तेजी दिखानी चाहिए।
जज ने जताई कड़ी नाराजगी
अदालत में वकील के देरी से पहुंचने पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पामेला गुप्ता ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, "क्या मुझे संजय रॉय को जमानत देनी चाहिए?" CBI की सुस्त प्रतिक्रिया पर जज ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। अदालत ने CBI की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस गंभीर मामले में त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए। )
वकील ने किया जमानत का विरोध
जब CBI के वकील दीपक पुरिया आखिरकार 50 मिनट की देरी से पहुंचे, तो उन्होंने संजय रॉय की जमानत का विरोध किया। उन्होंने अदालत को बताया कि जमानत से जांच प्रभावित हो सकती है। हालांकि, वकील ने इस पर कोई विस्तृत तर्क नहीं दिए। इस दौरान, रॉय के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल निर्दोष है और उसके खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं किए गए हैं।
TMC का CBI पर आरोप
इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस (TMC) के राज्यसभा सांसद साकेत गोखले ने CBI पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि CBI आरोपी को जमानत दिलवाने की कोशिश कर रही है। गोखले ने सोशल मीडिया पर लिखा, "CBI, बीजेपी और मोदी सरकार एक राजनीतिक एजेंडा चला रही हैं और इस मामले को दफन करने का प्रयास कर रही हैं।"
सुप्रीम कोर्ट में होगी अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 9 सितंबर को करेगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए, अदालत ने खुद से इस पर संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले कोलकाता पुलिस पर भी सवाल उठाए थे, क्योंकि डॉक्टर की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज करने में देरी हुई थी।
CBI की जांच की रफ्तार को लेकर उठ रहे सवाल
अदालत में हुए घटनाक्रम के बाद CBI की जांच को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि सीबीआई इस मामले में बेहद धीमी जांच कर रही है। बता दें कि इस मामले में संजय रॉय 20 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में रहेगा। कोर्ट ने CBI को इस मामले की जांच तेजी से पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने साफ किया है कि इस मामले में किसी भी प्रकार की देरी न्याय के साथ खिलवाड़ होगा।