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Sandeep Ghosh:सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष पर अवैध नियुक्तियां करने और फंड में हेराफेरी करने का दावा किया है। सीबीआई ने कहा जांच में हमें सुबूत मिले हैं।

Kolkata Rape-Murder Case: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं। सीबीआई ने स्टाफ भर्ती की नियुक्ति में पारदर्शिता की कमी को भी उजागर किया है। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि घोष ने नियमों को दरकिनार कर अपनी पसंद के हाउस स्टाफ को नियुक्त किया था।

सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को कोलकाता की सिटी कोर्ट में पेश किया, जिन्हें प्रतिष्ठान में कथित वित्तीय अनियमितता के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। 

एक प्रशिक्षु डॉक्टर से रेप-हत्या के कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित वित्तीय अनियमितताओं की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष द्वारा हाउस स्टाफ की नियुक्ति में भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय जांच एजेंसी ने विशेष सीबीआई अदालत में कहा कि घोष और उनके सहयोगी, जो इस मामले में सह-आरोपी हैं, ने हाउस स्टाफ की भर्ती में नियमों की अमदेखी करते हुए अपनी पसंद के उम्मीदवार को नियुक्त कर लिया। सीबीआई ने नियुक्तियों में पारदर्शिता की कमी को उजागर किया है और अपनी रिपोर्ट में कहा है कि घोष ने "प्रक्रिया को पार कर लिया और सीधे अपनी पसंद के हाउस स्टाफ को नियुक्त कर दिया।"

सीबीआई ने 2022- 23 के मामले की जांच की
सीबीआई ने 2022, 2023 की भर्ती प्रक्रिया की जांच करने के बाद खुलासा किया है। कहा कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को हाउस स्टाफ चयन के लिए किसी पैनल के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। रिपोर्ट में अदालत में सीबीआई की दलीलों का हवाला दिया गया है जिसमें उल्लेख किया गया है कि घोष चयन प्रक्रिया के लिए "साक्षात्कार" लेकर आए थे। "काल्पनिक साक्षात्कार" के लिए घोष कथित तौर पर योग्यता पर विचार किए बिना अपनी पसंद के उम्मीदवारों को नौकरी पर नियक्त कर दिया। इन साक्षात्कारों के अंक पसंदीदा उम्मीदवारों के अंतिम एमबीबीएस स्कोर में भी जोड़े गए थे, जिन्हें घोष के करीबियों को भुगतान के बदले चुना गया था। पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हाउस स्टाफ के नियुक्ति पत्र में सिर्फ फाइनल मार्क्स का जिक्र था।

सीबीआई ने अपनी जांच में क्या कहा? 
सीबीआई जांच में पता चला कि पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष ने अन्य "सह-अभियुक्तों" के साथ "आपराधिक सांठगांठ" कर रहा था। इसमें अपने पसंदीदा विक्रेताओं को अस्पताल अनुबंध प्रदान करने के लिए हेरफेर कर रहा था। घोष के साथ सीबीआई ने बिप्लब सिंघा, सुमन हाजरा और अफसर अली को वित्तीय अनियमितता मामले में आरोपी बनाया है। 

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