Kolkata Rape-Murder: कोलकाता के सरकारी आरजी सर मेडिकल एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर से दरिंदगी को लेकर देशभर में आक्रोश है। एक ओर केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई मामले की जांच में जुटी है तो दूसरी ओर पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में महिला सुरक्षा की मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी हैं। इसबीच, रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 दिन में दूसरी बार सार्वजनिक मंच से महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों में सख्त सजा की बात दोहराई। बता दें कि कोलकाता के हॉस्पिटल में 8 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।

अपराधी कोई भी हो, बख्शा नहीं जाना चाहिए: मोदी
महाराष्ट्र के जलगांव में लखपति दीदी सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीए मोदी ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध अक्षम्य हैं और हमारी सरकार महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेगी। देश में महिलाओं की सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण है। मैं एक बार फिर हर राज्य सरकार से कहना चाहता हूं कि महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले कोई भी हों, उन्हें बख्शा नहीं जाना चाहिए।

लालकिले से कहा था- फांसी जैसी सजा का डर हो
इससे 10 दिन पहले स्वतंत्रता दिवस के भाषण में भी प्रधानमंत्री मोदी ने देश में महिला अपराधों को लेकर चिंता जताई थी। कोलकाता रेप-मर्डर के खिलाफ जारी देशव्यापी विरोध के बीच उन्होंने लालकिले की प्राचीर से कहा था कि देश में महिलाओं के खिलाफ अपराध की घटनाएं बेहद चिंताजनक हैं। अपराधियों के मन में फांसी जैसी सख्त सजा का डर होना चाहिए। जब कोई अपराध की घटना होती है तो मीडिया में उस पर व्यापक चर्चा होती है, लेकिन जब किसी अपराधी को सजा मिले तो उसकी भी चर्चा हो ताकि अपराधियों के मन में भय पैदा हो। सरकार बहन-बेटियों को सुरक्षा देने के लिए कटिबद्ध है।

मोदी सरकार ने 3 करोड़ लखपति दीदी का टारगेट रखा

  • बता दें कि मोदी सरकार स्वसहायता समूहों की उन सदस्यों को लखपति दीदी के रूप में परिभाषित करती है। जिनकी वार्षिक घरेलू आय 1 लाख रुपए या उससे अधिक है। इस आय की गणना कम से कम चार कृषि मौसमों या व्यावसायिक चक्रों के लिए की जाती है, जिनकी औसत मासिक आय 10,000 रुपए से ज्यादा है, ताकि यह टिकाऊ हो।
  • आज के कार्यक्रम में पीएम मोदी ने महाराष्ट्र की 11 लाख नई लखपति दीदियों को प्रमाणपत्र बांटे। लखपति दीदी योजना की शुरुआत से अब तक एक करोड़ महिलाएं लखपति दीदी बन चुकी हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इस संख्या को बढ़ाकर 3 करोड़ तक किया जाए।