Kuwait Fire Victims: कुवैत में दो दिन पहले लगी भीषण आग में मारे गए 45 भारतीयों के शवों को लेकर भारतीय वायुसेना का एक विशेष विमान केरल के कोच्चि के लिए पहुंच गया है। इस घटना में कुल 48 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 45 भारतीय हैं। विमान केरल में सुबह 11 बजे कोच्ची एयरपोर्ट पर लैंड हुआ। एयरपोर्ट पर शवों को उतारे जाने के बाद केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन ने सभी मृतकों को श्रद्धांजलि दी।
दिल्ली लाए गए अन्य शव
भारतीय वायुसेना का सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान शुक्रवार को पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पहुंचा। भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज, योगेंद्र चंदोलिया और कमलजीत सहरावत सहित अन्य नेता हवाईअड्डे पर मौजूद रहे।
PM मोदी के प्रयासों से आई तेजी
केंद्रीय विदेश मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने बताया कि आमतौर पर शवों को लाने में 10 से 15 दिन लगते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के अनुरोध पर हम भारतीय नागरिकों को दो-तीन दिन में ही लाने में सफल हुए। डॉक्टरों ने हमें आश्वासन दिया कि घायल लोग जल्द ही ठीक हो जाएंगे। एक-दो दिन में अधिकांश घायलों को छुट्टी दे दी जाएगी। हालत सिर्फ एक व्यक्ति की गंभीर है, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
कुवैत सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है: मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा कि कुवैती सरकार ने इस घटना को बहुत गंभीरता से लिया है। वे इस बात की जांच कर रहे हैं कि यह कैसे हुआ, ताकि इस तरह की दुखद घटना फिर न हो। उन्होंने हमें यह भी आश्वासन दिया है कि परिवारों को दिए जाने वाले बीमा और मुआवजे से संबंधित सभी कागजी कार्रवाई जल्द से जल्द पूरी की जाएगी। कुवैत के किंग ने भी अपनी ओर से इस दुखद घटना में मारे गए पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया है।
- मृतकों के पार्थिव शरीर को उनके परिजनों को सौंपा गया।
- केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी और अन्य नेताओं ने कोच्ची अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कुवैत अग्निकांड मृतकों के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी।
- कोच्ची एयरपोर्ट पर कुवैत अग्निकांड के सभी मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई।
विमान के साथ आए मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह
केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह, जो हाल ही में विदेश मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त हुए हैं, कुवैत से इसी विमान में वापस पहुंचे। कोच्ची एयरपोर्ट पर एंबुलेंस स्टेंडबाय में पहले से खड़ी थी। अब शवों को विमान से उतारने के बाद डीएनए टेस्ट के आधार पर हुई पहचान के हिसाब से उनके परिजनों को सौंपा जाएगा।
इससे पहले कुवैत में भारतीय दूतावास ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, "कुवैत में आग की घटना में मारे गए भारतीय मृतकों के पार्थिव शरीर को लेकर एक विशेष भारतीय वायुसेना का विमान कोच्चि के लिए रवाना हो गया है। राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह इस विमान में सवार हैं। कोचीन हवाई अड्डे पर एम्बुलेंस स्टैंडबाय पर खड़ी थी।
यह एक त्रासदी है: चांडी ओमान
कुवैत अग्निकांड के पीड़ितों के पार्थिव शरीर कोच्चि हवाई अड्डे पर पहुंचने पर केरल कांग्रेस विधायक चांडी ओमन ने कहा कि यह एक त्रासदी है। हमने इस त्रासदी में अपने साथी भाइयों को खो दिया है। मुझे उम्मीद है कि कुवैत सरकार दोषियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई करेगी और वे शोक संतप्त परिवारों को मुआवजा प्रदान करेंगे। भारत सरकार को आवश्यक कार्रवाई करनी होगी ताकि हमारे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर आवास मिल सके।
भारत सरकार करती है भारतीयों के हितों की रक्षा: मुरलीधरन
भाजपा नेता वी मुरलीधरन ने कहा कि जैसे ही इस घटना के बारे में पता चला प्रधानमंत्री ने विदेश मंत्री की मौजूदगी में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई। प्रधानमंत्री के निर्देश पर विदेश राज्य मंत्री कल कुवैत गए। उन्होंने शवों को भारत वापस लाने और इस त्रासदी में घायल हुए लोगों के इलाज की निगरानी की। वे सभी शवों को भारत लेकर आएंगे। भारत के नागरिकों के हितों की रक्षा भारत सरकार करती है, इसलिए मुझे समझ में नहीं आता कि किसी राज्य के मंत्री को उस राज्य के लोगों के मुद्दों का ध्यान रखने के लिए किसी दूसरे देश की यात्रा क्यों करनी पड़ती है।
मृतकों में सबसे ज्यादा 23 लोग केरल से
मृतकों में इंजीनियर, ड्राइवर, सुपरवाइजर और अन्य पेशेवर शामिल हैं। इनमें से 23 केरल के और 7 तमिलनाडु के लोग शामिल हैं। कुवैत अग्निकांड में मारे गए भारतीयों में केरल के 23, तमिलनाडु के 7, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के 2-2, और बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के 1-1 व्यक्ति शामिल हैं। अधिकांश पीड़ित NBTC के लिए काम करते थे, जो कुवैत की सबसे बड़ी निर्माण कंपनियों में से एक है।
केरल के मृतकों की लिस्ट:
- आकाश एस नायर: पथानामथिट्टा जिले के 32 वर्षीय आकाश पिछले आठ सालों से कुवैत में काम कर रहे थे।
- चेन्नासेरिल साजू वर्गीस: पथानामथिट्टा जिले के 65 वर्षीय साजू 22 सालों से कुवैत में काम कर रहे थे।
- आकाश: पथानामथिट्टा के 23 वर्षीय निवासी, जिनके ठिकाने के बारे में अधिक जानकारी की प्रतीक्षा है।
- श्रीहरि प्रदीप: चंगनास्सेरी के मूल निवासी और कुवैत में मैकेनिकल इंजीनियर थे।
- ल्यूकोस: 48 वर्षीय कोल्लम के निवासी, कुवैत में 18 सालों से सुपरवाइजर के तौर पर काम कर रहे थे।
- साजन जॉर्ज: 29 वर्षीय एम.टेक स्नातक, कुवैत में एक महीने पहले ही नौकरी शुरू की थी।
- केलू पोनमलेरी: कासरगोड के निवासी, कुवैत में प्रोडक्शन इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे।
- रंजीत: 34 वर्षीय कासरगोड निवासी, पिछले 10 वर्षों से कुवैत में काम कर रहे थे।
- शेमीर: कोल्लम के निवासी, पिछले पांच वर्षों से कुवैत में ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे।
- स्टेफिन अब्राहम साबू: कोट्टायम पम्पाडी के निवासी, कुवैत में इंजीनियर के रूप में काम कर रहे थे।
- विश्वास कृष्णा: कन्नूर के 34 वर्षीय निवासी, कुवैत में एक निजी कंपनी में काम कर रहे थे।
- बिनॉय थॉमस: त्रिशूर के निवासी, पांच दिन पहले ही कुवैत पहुंचे थे।
- शिबू वर्गीस: 38 वर्षीय अकाउंटेंट, 11 साल से कुवैत में काम कर रहे थे।
- थॉमस सी ओमेन: पथानामथिट्टा के निवासी, पिछले छह साल से कुवैत में थे।
- बहुलेयन: मलप्पुरम के 36 वर्षीय व्यक्ति, कुवैत हाईवे हाइपर मार्केट में एक सेक्शन के प्रभारी थे।
तमिलनाडु के मृतकों की लिस्ट
- वीरचामी मरियप्पन: तूतीकोरिन के निवासी, 20 वर्षों से कुवैत में रह रहे थे।
- राजू इबामेसन: त्रिची के 54 वर्षीय व्यक्ति, कुवैत में एनबीटीसी में भारी वाहनों के चालक थे।
- करुपन्नन रामू: रामनाथपुरम के निवासी, 26 वर्षों से कुवैत में काम कर रहे थे।
- भूनाफ रिचर्ड: तंजावुर के निवासी, एनबीटीसी में क्वालिटी मैनेजर थे।
- कृष्णमूर्ति चिन्नादुरई: कुड्डालोर के निवासी, त्रासदी की रात अपने परिवार से आखिरी बार बात की थी।
- गोविंदन शिवशंकर: चेन्नई के 48 वर्षीय व्यक्ति, कुवैत में दो साल के अनुबंध पर ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे।
कुवैती अधिकारियों का बयान
कुवैती अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने 48 शवों की पहचान की है। भारतीय वाणिज्य दूतावास ने मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। सभी मृतकों की पहचान डीएनए टेस्टिंग के जरिए की गई। अभी भी कुछ शवों की पहचान नहीं हो पाई है जिसके लिए डीएनए टेस्टिंग जारी है।
176 भारतीय श्रमिकों में से 45 की मौत
भारतीय दूतावास ने कहा कि आवास सुविधा में काम करने वाले 176 भारतीय श्रमिकों में से 45 की मौत हो गई और 33 अस्पताल में भर्ती हैं। बाकी कथित तौर पर सुरक्षित हैं। पीड़ितों में केरल के 23, तमिलनाडु के सात, उत्तर प्रदेश के तीन, ओडिशा के दो और बिहार, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, झारखंड और हरियाणा के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री का दौरा
केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह गुरुवार को कुवैत पहुंचे और पांच अस्पतालों का दौरा किया, जहां घायल भारतीय श्रमिकों का इलाज किया जा रहा है। दूतावास ने अस्पताल अधिकारियों के हवाले से कहा कि उनके स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें क्रमिक रूप से छुट्टी दी जाएगी। अपनी यात्रा के दौरान, मंत्री ने कुवैत के प्रथम उप प्रधान मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबाह से भी मुलाकात की, जिन्होंने उन्हें शवों को जल्द से जल्द भारत भेजने में पूरी मदद करने का आश्वासन दिया।
शवों की पहचान डीएनए टेस्ट से हुई
शव इतने जल चुके थे कि उनकी पहचान नहीं हो पा रही थी और पीड़ितों की पहचान की पुष्टि के लिए उनका डीएनए परीक्षण किया गया। अधिकारियों ने 48 शवों की पहचान की है, जिनमें से 45 भारतीय और तीन फिलिपिनो राष्ट्रीयता के हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना की समीक्षा की है और कुवैत आग में मरने वालों के लिए 2 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की है। कुवैत में स्थानीय प्रशासन यह भी जांच कर रहा है कि इमारत में 160 से अधिक लोग कैसे रह रहे थे।