Lakshadweep History: लक्षद्वीप (Lakshadweep) इन दिनों चर्चा में है। मालदीव ने जबसे लक्षद्वीप पर पर्यटन विकसित करने के केंद्र सरकार की कोशिशों पर तंज कसा है, तब से इस द्वीपसमूह में लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई है। लक्षद्वीप, एक ऐसा द्वीप समूह है जिस पर हिंदू और मुस्लिम दोनों राजाओं ने शासन किया। यह कभी पुर्तगालियों के कब्जे में रहा तो कभी ब्रिटिश के कब्जे में। आज यह भारत का हिस्सा है। इस द्वीप को लेकर हम आज आपकी सभी शंकाओं का समाधान करेंगे। आपको बताएंगे कि यहां के लोग करते क्या हैं? आबादी कितनी है? भाषा कौन सी बोली जाती है, मौसम कैसा है और इतिहास कैसा है। जानिए लक्षद्वीप के बारे में कई अहम जानकारियां।

लक्षद्वीप पर छोटे-बड़े 36 द्वीप हैं।

लक्षद्वीप के जीवन यापन का मुख्य साधन क्या है ? (What is the main means of livelihood of Lakshadweep?)
लक्षद्वीप के जीवन यापन का मुख्य साधन समुद्री गतिविधियों से जुड़ा है। यहां के लोग मछली पकड़ना, कोरल कलेक्शन और समुद्री जीवों से मिलने वाली चीजों को जुटाते हैं। समुद्री वाणिज्य यहां के लोगों की आय का मुख्य स्रोत। लक्षद्वीप के लोग समुद्री उत्पादों का व्यापार करते हैं। इसके अलावा पर्यटन भी यहां के लोगों की आजीविका में एक बड़ी भूमिका अदा करता है।

इसके साथ ही द्वीप समूह पर नारियल की खेती और कॉयर उत्पादन अहम आर्थिक गतिविधियों में शामिल हैं। यहां नारियल तेल और नारियल के गोले का व्यापार होता है। लक्षद्वीप के लोग नारियल के रेशों से हस्तशिल्प तैयार कर उसे भी बेचते हैं। 

लक्षद्वीप पर पर्यटन के साथ ही नारियल की खेती आजीविका का अहम साधन है।

लक्षद्वीप की कुल कितनी आबादी है? (What is the total population of Lakshadweep?)
लक्षद्वीप की मौजूदा कुल आबादी लगभग 70,000 से 75,000 तक बताई जाती है। लक्षद्वीप में आखिरी बार जनगणना 2011 में हुई थी। आखिरी जनगणना में लक्षद्वीप की आबादी लगभग 64,473 थी। पुरुषों की संख्या लगभग 33,123 थी और महिलाओं की संख्या लगभग 31,350 थी। लक्षद्वीप में 96 प्रतिशत आबादी मुस्लिम है। बाकी हिंदू, बौद्ध, जैनल और इसाई धर्म के लोग भी यहां रहते हैं।

आखिरी जनगणना के मुताबिक इस द्वीप समूह पर शून्य से 6 साल की उम्र तक के 7255 बच्चे थे। इनमें से लड़कों की संख्या 3458  थी और लड़कों की संख्या 3797 थी। 

मौजूदा समय में लक्षद्वीप की आबादी 70 से 73 हजार के बीच बताई जाती है।

लक्षद्वीप का मुख्य त्योहार-कौन सा है ? (Which is the main festival of Lakshadweep?)
लक्षद्वीप का प्रमुख त्योहार 'ईद-उल-फ़ित्र' है। यह ईस्लामी त्योहार है। लक्षद्वीप पर ज्यादा आबादी मुसलमानों की है। यही वजह है कि यहां पर यह त्योहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार रमजान के आखिरी में आता है। इस मौके पर मुसलिम समुदाय के लोग एक साथ नमाज पढ़ते हैं। भोजन बांटते हैं। यहां रहने दूसरे धर्म के लोग भी अपना त्योहार मनाते हैं, लेकिन उनकी संख्या कम होने के कारण इस प्रकार का उत्साह नजर नहीं आता जैसा की 'ईद-उल-फ़ित्र' के दौरान देखने को मिलता है। 

लक्षद्वीप पर मुख्य रूप से ईद-उल- फित्र का त्योहार मनाया जाता है।

लक्षद्वीप का मौसम कैसा है ? (How is the weather of Lakshadweep?)
अगर लक्षद्वीप के मौसम की बात करें तो सामन्य तौर पर यहां उमस होती है। इस द्वीप पर मुख्य रूप से दो ऋतुओं गर्मी और बारिश का आगमन होता है। गर्मी आम तौर पर मार्च के अंत से शुरू हो जाती है और मई तक रहती है। जून से सितंबर के बीच यहां पर बारिश का मौसम होता है। लक्षद्वीप पर मॉनसून का ज्यादा असर होता है और खूब बारिश होती है। बारिश के मौसम में यहां का मौसम खुशनुमा हो जाता है। समुद्र से ठंडी हवाएं चलने लगती हैं।

आम तौर पर लक्षद्वीप पर उमस भरा मौसम होता है लेकिन बारिश में मौसम खुशनुमा हो जाता है।

लक्षद्वीप में कौन-सी भाषा बोली जाती है? (Which language is spoken in Lakshadweep?)
लक्ष्यद्वीप पर मुख्य रूप से मलयालम भाषा बोली जाती है। यह केरल की भी भाषा है। इस द्वीप समूह पर लोग महल नामक भाषा भी बोलते हैं। यह भाषा मलयालम भाषा से काफी मिलती जुलती है। यहां के कुछ लोग धीवी भाषा में भी बात करते हैं। हालांकि, इस भाषा का इस्तेमाल लक्षद्वीप के कुछ गांवों तक ही सीमित है। बता दें कि लक्षद्वीप पर सरकारी काम काज में मलयालम भाषा का इस्तेमाल होता है। मलयालम यहां की आधिकारिक भाषा है। 

लक्षद्वीप पर मुख्य रूप से मलयालम भाषा बोली जाती है।

लक्षद्वीप में कुल कितने द्वीप हैं? (How many islands are there in Lakshadweep?)
लक्षद्वीप समूह पर 36 छोटे-बड़े द्वीप हैं। इन द्वीपों में सिर्फ कुछ द्वीप पर ही जाया जा सकता है। यहां के द्वीपों में अगत्ती, कवरत्ती, कावारती, कदमठ, और बंगारपाली प्रमुख माने जाते हैं। तीन प्रमुख द्वीप हैं जो घूमने के लिहाज से सबसे अच्छे हैं। यह तीनों द्वीप पर्यटकों को सबसे ज्यादा आकर्षित करते हैं। 

  • कवरत्ती (Kavaratti): यह लक्षद्वीप का प्रमुख और सबसे बड़ा द्वीप है। यहीं से लक्षद्वीप का प्रशासन चलता है। यहां पर घूमने के लिए सुंदर समुद्र तट, ताजा पानी की झीलें है। इसके साथ ही यहां पर स्थानीय संस्कृति को भी एक्सप्लोर किया जा सकता है। 
  • अगत्ती (Agatti): यह द्वीप पर्यटन के लिए लोकप्रिय है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य मनमोहक। स्वच्छ और सुंदर समुद्री तट हैं। स्नॉर्कलिंग, और स्कूबा डाइविंग का आनंद लिया जा सकता है।
  • कडमठ (Kadmat): यह द्वीप भी पर्यटन के लिहाज से काफी लोकप्रिय है। यहां के समुद्री तट सुंदर और साफ सुथरे हैं। इस द्वीप पर भी स्नॉर्कलिंग और स्कूबा डाइविंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं। 

लक्षद्वीप के नाम का क्या अर्थ है ? (What is the meaning of the name of Lakshadweep?)
'लक्षद्वीप' शब्द संस्कृत शब्दों से बना है। यह  संस्कृत 'लक्ष' और 'द्वीप' दो शब्दों से मिलकर बना है। 'लक्ष' का अर्थ होता है 'लाख' और 'द्वीप' का अर्थ होता है ' टापू या ज़मीन'। इस तरह से, लक्षद्वीप शब्द का अर्थ होता है लाखों द्वीप या लाखों ज़मीन। इस द्वीप समूह पर छोटे-बड़े कई द्वीप हैं। यही वजह है कि इसे इस नाम से जाना जाता है।  हिंदू धर्म के प्राचीन पुरानों में भी इस द्वीप के नाम का जिक्र मिलता है। 

लक्षद्वीप का इतिहास क्या है ? (What is the history of Lakshadweep?)
लक्षद्वीप के पहले हिंदू राजा शासक चिरक्कल राजा था। यह केरल के कोलाथिरी राजवंश से ताल्लुक रखते थे। इसके बाद इस पर मुस्लिम शासकों का भी प्रभाव रहा। मुख्य रूप से बात करें तो लक्षद्वीप के ईतिहास में पुर्तगाल, ब्रिटिश और भारत के शासन का उल्लेख किया जा सकता है। 

  • पुर्तगाल का शासन (16वीं सदी): 16वीं सदी में, पुर्तगाली लोगों ने लक्षद्वीप पर कब्जा कर लिया। पुर्तगालियों ने इस द्वीप समूह का इस्तेमाल समुद्री व्यापार के लिए किया। इसे पुर्तगालियों ने व्यापारिक केंद्र के तौर पर इस्तेमाल किया
  • ब्रिटिश शासन (17वीं सदी): 17वीं सदी में, ब्रिटिश साम्राज्य ने लक्षद्वीप को अपने कब्जे में ले लिया। ब्रिटिश शासनकाल में व्यापार और प्रशासनिक कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता था। 
  • भारत का शासन (20वीं सदी): 1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद भारत ने इस द्वीप पर अपना दावा पेश किया। हालांकि लक्षद्वीप भारत का हिस्सा 1956 में बना। 1956 से पहले इसे भारत आंध्र प्रदेश का हिस्सा मानता था। इसके बाद इसे केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दे दिया गया।