Land for Job Case Tejashwi Yadav: नौकरी के बदले जमीन घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के बाद मंगलवार को उनके बेटे और पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से पूछताछ की। रात 9 बजे तेजस्वी करीब 8 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद ईडी दफ्तर से बाहर आए। इस दौरान बाहर उनके सैकड़ों समर्थक मौजूद रहे। एक दिन पहले ही सोमवार को ईडी अधिकारियों ने लालू यादव से 10 घंटे लंबी पूछताछ की थी।

ईडी दफ्तर से बाहर RJD समर्थकों का हुजूम
प्रवर्तन निदेशालय लैंड फॉर जॉब (नौकरी के बदले जमीन) केस में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है। समन मिलने के बाद तेजस्वी यादव 30 जनवरी को सुबह 11.30 बजे पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस पहुंच गए। सूत्रों के अनुसार करीब 60 सवालों की लिस्ट तैयार की गई। प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर के बाहर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए। तेजस्वी जब यहां पहुंचे तो पहले से मौजूद आरजेडी समर्थकों ने उनके समर्थन में जमकर नारेबाजी की। ईडी ने 5 जनवरी को भी तेजस्वी को पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन वे नहीं गए थे।  

लालू यादव से पूछे गए 50 से अधिक सवाल
नौकरी के बदले जमीन घोटाले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव से पूछताछ की थी। इस दौरान उनसे 10 घंटे में करीब 50 सवालों के जवाब पूछे गए। जमीन के बदले रेलवे में नौकरी को लेकर दायर की गई चार्जशीट में लालू यादव के अलावा रेलवे के तत्कालीन जनरल मैनेजर भी आरोपी हैं। बता दें कि यह घोटाला 2004 से 2009 के बीच हुआ। इसी दौरान लालू यादव केंद्र सरकार में रेल मंत्री थे। 

CBI-ED दोनों एजेंसियां कर रही हैं जांच
सीबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव, राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती समेत 13 अन्य लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी। आरोप है कि रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले उम्मीदवारों से लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, मीसा भारती और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम जमीन ट्रांसफर की गई। बाद में इसी जमीन को मार्केट रेट से बढ़े हुए सर्किल रेट पर ऊंचे दामों पर बेचकर बेहिसाब मुनाफा कमाया गया। (राबड़ी के 'गोपालक' ने भी ली थी जमीन: लालू की बेटियां मुश्किल में, ED ने बताया कैसा था लैंड फॉर जॉब स्कैम, पढ़ें पूरी खबर...)

रेलवे में कैसे हुआ नौकरी का घोटाला?
सीबीआई के मुताबिक, नौकरी के बदले जमीन घोटाले में पहले उम्मीदवारों को रेलवे में ग्रुप डी की पोस्ट दिलाई गई। फिर जमीन ट्रांसफर होने के बाद उन्हें नियमित और पदोन्नत किया गया। इस मामले में सीबीआई नौकरी के बदले घूस के तौर पर जमीन देने और ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही है। सीबीआई घोटाले को लेकर चार्जशीट दायर कर चुकी है। दूसरी ओर, प्रवर्तन निदेशालय ने 8 जनवरी को दिल्ली की एक अदालत में आरोप पत्र दायर किया था। इसमें राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।