Lok Sabha Election 2024: चुनाव आयोग ने शनिवार (16 मार्च) को लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav) की तारीखों का ऐलान किया। देश में 19 अप्रैल से 1 जून के बीच 7 चरणों में मतदान होगा। इस दौरान 543 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार मैदान में उतारे जाएंगे। चुनाव परिणामों का ऐलान 4 जून को किया जाएगा। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (CEC Rajeev Kumar) ने फेक न्यूज, आदर्श आचार संहिता उल्लंघन, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) जैसे मुद्दों पर नई व्यवस्था के बारे में बताते हुए रहीम से लेकर बशीर बद्र तक के शेर-शायरी और दोहे में अपनी बात बड़े ही रोचक अंदाज में रखी। आइए जानते हैं, सीईसी राजीव कुमार ने कौन से शेर पढ़े...
1) झूठ के बाजार में रौनक...
राजीव कुमार ने मिस इंफॉर्मेशन/फेक न्यूज पर खुद की लिखी लाइनें पढ़ीं- ''झूठ के बाजार में रौनक तो बहुत है, गोया बुलबुले जैसी तुरंत ही फट जाती है, पकड़ भी लोगे तो क्या हासिल होगा, सिबाय धोखे के...''
उन्होंने कहा कि आलोचना ठीक है, लेकिन फेक न्यूज नहीं चलेगी। इसके लिए मिथ बनाम रियालिटी नाम का पोर्टल लॉन्च करेंगे। फेक न्यूज की शिकायत के लिए वेबसाइट मिलेगी।
2) रहिमन धागा प्रेम का...
मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट (MCC) पर बोलते हुए राजीव कुमार ने कहा कि हमने राजनीतिक पार्टियों के स्टार कैंपेनर्स को गाइडलाइन जारी की है। इन पर चुनाव आयोग नजर रखेगा, ताकि आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन न हो। मेरी आपसे अपील है कि प्रचार अभियान के दौरान सुचिता रखें। एक बार जब लड़ाई झगड़ा होता है तो प्रेम का धागा टूट जाता है और एक बार यह टूट गया तो जोड़ने में बड़ी मुश्किल होती है। तो क्यों ऐसी गांठ बांधनी है, थोड़ा प्यार मोहब्बत से कैंपेन करें। शोर शराबा कम हो।
रहीम का दोहा पढ़ा- ''रहिमन धागा प्रेम का मत तोड़ो चटकाए, टूटे से फिर न मिले, मिले गांठ पड़ जाए।''
3) दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे...
नेताओं के दल बदल पर राजीव कुमार ने चुटकी ली। कहा- आजकल जल्दी-जल्दी दोस्त बनने की प्रक्रिया ज्यादा चल रही है। नेता कोई ऐसी बात न करें कि उनके बीच दुश्मनी लंबी चले। चुनाव आयुक्त ने बशीर बद्र का एक शेर भी पढ़ा- ''दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे, जब कभी हम दोस्त हो जाएं तो शर्मिंदा ना हों...''
4) अधूरी हसरतों का इल्जाम हर बार...
ईवीएम पर सवाल उठाए जाने को लेकर राजीव कुमार ने कहा कि 40 बार कोर्ट ईवीएम की चुनौतियों को देख चुकी हैं। इस दौरान इसके हैक होने, वायरस आने, खराब होने, अवैध वोटिंग, चोरी होने, टेम्परिंग जैसे सवाल उठाए गए। अब तो कोर्ट ऐसे मुद्दों को उठाने पर जुर्माना लगा रही हैं। परिणाम आते हैं वो ही प्रमाण हैं। कोई भी सोशल मीडिया पर डिब्बा रूपी डिवाइस लेकर बैठ जाता है और ईवीएम की प्रोसेस पर सवाल उठाने लगते हैं। राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने सभी ईवीएम का मॉक पोल होता है। ईवीएम से जुड़ी एक बुकलेट तैयार की है, इसमें 40 केस शामिल हैं। फ्लो चार्ट भी शामिल हैं।
फिर मैंने रात में कुछ लिखा, जिसमें ईवीएम कह रही है- ''अधूरी हसरतों का इल्जाम हर बार हम पर लगाना ठीक नहीं, बफा खुद से नहीं होती खता ईवीएम की कहते हो... '' बाद में गोया परिणाम आता है उसके पक्ष में भी नहीं होते, आप ही के पक्ष में रिजल्ट आ जाता है। ईवीएम 100% सेफ हैं।