बीजेपी ने बुधवार को लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपने 72 प्रत्याशियों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी। इस सूची में शामिल केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल पहली बार लोकसभा चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हैं। गोयल को मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। आईए एक नजर डालते हैं मोदी मंत्रिमंडल के विश्वस्त सिपहसालार पीयूष गाेयल के राजनीतिक सफर पर।
35 साल पुराना है राजनीतिक सफर
अपनी 35 साल लंबी राजनीतिक यात्रा में पीयूष गोयल ने भाजपा के भीतर विभिन्न महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। पीयूष गोयल मौजूदा समय में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं। इससे पहले बीजेपी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष के रूप में भी सेवाएं दे चुके हैं।
कई बार मंत्री पद संभाल चुके हैं गाेयल
गोयल को उनके पूरे कार्यकाल के दौरान महत्वपूर्ण मंत्रीस्तरीय विभाग सौंपे गए हैं। वर्तमान में, वह वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, कपड़ा मंत्रालय की देखरेख करते हैं। इसके साथ ही राज्यसभा में सदन के नेता का पद भी संभालते हैं। वह पहले रेलवे, वित्त, कॉर्पोरेट मामले, कोयला, बिजली, नई और नवीकरणीय ऊर्जा और खनन मंत्री के ताैर पर भी सेवाएं दे चुके हैं।
कई उपलब्धियां रहीं हैं गाेयल के नाम
पीयूष गोयल ने बिजली, कोयला और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान दुनिया का सबसे बड़ा एलईडी बल्ब वितरण कार्यक्रम 'उजाला' का सफल कार्यान्वयन किया।- पीयूष गाेयल ने संयुक्त अरब अमीरात के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह विश्व स्तर पर अब तक सबसे कम समय में किया गया एफटीए समझा जाता है।
- गोयल ने 'मेक इन इंडिया' पहल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं की शुरुआत की। इसके अलावा, उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े खाद्य सुरक्षा कार्यक्रम, प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के कार्यान्वयन की अगुवाई भी की।
क्या है पीयूष गोयल का फैमिली बैकग्राउंड
पीयूष गाेयल एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। पीयूष गोयल के पिता, वेदप्रकाश गोयल, जहाजरानी मंत्री के रूप में कार्यरत थे और दो दशकों से अधिक समय तक भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष के पद पर रहे। इसी तरह, उनकी मां, चंद्रकांता गोयल, मुंबई से महाराष्ट्र विधानसभा की तीन बार निर्वाचित सदस्य थीं। यह चुनाव पीयूष गोयल के लिए बहुत अहम है क्योंकि वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, इससे पहले वह सिर्फ राज्यसभा में नॉमिनेट होकर सांसद की जिम्मेदारी निभाते रहे हैं।