Lok Sabha Election 2024: पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने रविवार को पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। इसके साथ ही यह भी तय हो गया कि लोकसभा चुनाव टीएमसी अकेले ही लड़ेगी। इसके बाद इंडिया ब्लॉक के सबसे अहम दल कांग्रेस ने ममता बनर्जी पर निशाना साधा। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला इसलिए लिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाराज नहीं हो।
'ममता पर कोई पार्टी विश्वास नहीं करे'
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी ने आज यह साबित कर दिया है कि देश के किसी भी पार्टी को उनके जैसे नेता पर विश्वास नहीं करना चाहिए। ममता बनर्जी को इस बात का डर था कि अगर वह इंडी गठबंधन में शामिल होंगी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नाराज हो जाएंगे। अपने आप को इंडी गठबंधन से अलग करके ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को यह संकेत देने की कोशिश है कि मुझसे नाराज मत होईए, मैं बीजेपी के खिलाफ नहीं लड़ रही हूं।
कांग्रेस ने सीट शेयरिंग पर क्या कहा?
वहीं, कांग्रेस ने रविवार को सोशल मीडिया X पर लिखा कि इंडियन नेशनल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में टीएमसी के साथ गठबंधन में सम्मानजनक सीट शेयरिंग करने की इच्छा बार-बार जाहिर की। कांग्रेस ने हमेशा यह माना कि ऐसे समझौते हमेशा आपसी बातचीत से किए जाते हैं, नाकि एकपक्षीय ऐलान करके। कांग्रेस की हमेशा यह इच्छा रही है कि इंडिया ग्रुप साथ मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ाई लड़े।
टीएमसी ने 8 सांसदों का टिकट काटा
टीएमसी ने रविवार को 42 लोकसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया। पार्टी ने अपने 8 सीटिंग सांसदों का टिकट काट दिया है। इनकी जगह पर कुछ नए चेहरों को मौका दिया है। पार्टी ने अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ क्रिकेटर युसुफ पठान को मौका दिया है। बता दें कि अधीर रंजन चौधरी सीट शेयरिंग को लेकर टीएमसी को कई मौकों पर घेर चुके हैं। ऐसा कहा जा रहा है कि अधीर रंजन चौधरी को सबक सिखाने के लिए ही टीएमसी ने उनके खिलाफ युसुफ पठान जैसा जान माना चेहरा उतारा है।
टीएमसी-कांग्रेस में सीट शेयरिंग पर नहीं बनी बात
बता दें कि कांग्रेस और टीएमसी के बीच बीते कई महीनों से सीट शेयरिंग पर बात हो रही थी। टीएमसी नेताओं ने कांग्रेस नेताओं से दिल्ली और कोलकाता में मुलाकात की थी। हालांकि कांग्रेस और टीएमसी के बीच सीट शेयरिंग को लेकर सहमति नहीं बन पाई। इसके लिए टीएमसी के नेताओं ने अधीर रंजन चौधरी को भी जिम्मेदार ठहराया था। कहा था कि अधीर रंजन चौधरी नहीं चाहते कि टीएमसी इंडिया गठबंधन में शामिल होकर लोकसभा चुनाव लड़ें। वहीं ममता बनर्जी इंडिया ब्लॉक को 2 से ज्यादा सीटें देने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थी। इन सब कारणों से दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर समझौता नहीं हो सका।