What are Exit Polls: एक जून को 7वें और आखिरी चरण की वोटिंग खत्म होने के बाद लोकसभा चुनाव 2024 में मतदान की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। 4 जून को नतीजे आएंगे, जब वोटों की गिनती की जाएगी। लेकिन वोटों की गिनती से पहले एक जून को मतदान खत्म होते ही सभी पोल एजेंसियां और न्यूज चैनल एग्जिट पोल जारी कर देंगे। 

यह एग्जिट पोल कितने सटीक बैठेंगे, यह तो 4 जून को ही पता चलेगा। लेकिन उससे पहले एग्जिट पोल से जुड़ी अहम बातों को समझने की कोशिश करते हैं और देखेंगे कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल और असली नतीजे क्या थे? एग्जिट पोल और अपिनियन पोल में क्या अंतर होता है, यह भी समझेंगे। 

क्या होता है एग्जिट पोल, कैसे किया जाता है?
EXIT एक अंग्रेजी शब्द है, जिसका मतलब बाहर निकलना है। इसीलिए एग्जिट शब्द ही बताता है कि यह पोल क्या है? यह एक तरह का सर्वे है। जब मतदाता बूथ पर वोट डालने के बाद बाहर निकलता है तो उससे सवाल होता है कि आपने किस पार्टी या किस उम्मीदवार को वोट दिया है। एग्जिट पोल कराने वाली एजेंसियां अपने लोगों को बूथ के बाहर खड़ा कर देती हैं। जब मतदाता वोट डालकर बाहर निकलता है तो उससे पूछा जाता है कि उन्होंने किसे वोट किया। कुछ और भी सवाल हो सकते हैं। मतदाताओं से मिले इनपुट के आधार पर रिपोर्ट तैयार की जाती है। यह अनुमान लगाने की कोशिश की जाती है कि चुनाव के नतीजे क्या होंगे?

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एग्जिट पोल कब जारी किए जाते हैं?
चुनाव आयोग ने पहली बार 1998 में एग्जिट पोल की गाइडलाइंस जारी की थी। मतदान प्रक्रिया के दौरान एग्जिट पोल जारी नहीं किए जा सकते हैं। एग्जिट पोल अंतिम वोट डाले जाने के 30 मिनट बाद ही जारी करने की परमीशन है। एग्जिट पोल या ओपिनियन पोल जारी करते वक्त सर्वे एजेंसी का नाम, कितने मतदाताओं से और क्या सवाल पूछे गए, यह बताना होता है। नियमों के अनुसार मतदान के अंतिम चरण यानी 1 जून को शाम 6:30 बजे से पहले एग्जिट पोल डेटा जारी नहीं किया जा सकता। एग्जिट पोल जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 ए द्वारा कंट्रोल किया जाता है। 

कोई भी व्यक्ति जो धारा 126 ए के प्रावधानों का उल्लंघन करता है, उसे कानून के अनुसार दो साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।

ओपिनियन पोल क्या है?
ओपिनियन पोल भी एक तरह का चुनावी सर्वे है। मगर इसे चुनाव से पहले किया जाता है। इसमें शामिल होने के लिए मतदाता होने की शर्त नहीं है। इस सर्वे में विभिन्न मुद्दों पर क्षेत्रवार जनता का मूड का आकलन किया जाता है। जनता किस पार्टी या नेता से कितनी खुश है, नाराज है। इसका अनुमान ओपिनियन पोल से लगाया जाता है। 

भारत में एग्जिट पोल करने वाली एजेंसियां?
एक्सिस माय इंडिया, सीएनएक्स, सी वोटर, इप्सोस, चाणक्य, नील्सन, वीएमआर समेत भारत में कई प्रमुख एजेंसियां हैं। यह एग्जिट पोल और ओपिनियन पोल करती हैं। 

पहली बार कब हुए एग्जिट पोल?
भारत में दूसरे आम चुनाव के दौरान 1957 में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक ओपिनियन ने पहली बार चुनावी पोल किया था। इसके प्रमुख एरिक डी कॉस्टा थे। उसके बाद 1980 में डॉक्टर प्रणव रॉय ने एग्जिट पोल किया। 1984 में उन्होंने दोबारा एग्जिट पोल किया। उसके बाद 1996 में दूरदर्शन ने एग्जिट पोल किया था। यह पोल पत्रकार नलिनी सिंह ने किया था। फील्ड वर्क का काम सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवेलपिंग स्टडीज (CSDS) ने किया था। उसके बाद यह सिलसिला चल पड़ा।  

विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में एग्जिट पोल की सटीकता में सुधार हुआ है। 1957 में एग्जिट पोल शुरू होने के बाद से कम से कम एक पहलू में बहुत सुधार हुआ है, जो कि सैंपल साइज है। नई दिल्ली स्थित सामाजिक विज्ञान और मानविकी के शोध संस्थान सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज (CSDS) के संजय कुमार ने कहा कि वे दिन चले गए जब 20,000-30,000 का राष्ट्रीय नमूना बड़ा माना जाता था।

सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी।

2019 और 2014 में क्या हुआ था?
2019 के लोकसभा चुनावों में एग्जिट पोल करने वाली एजेंसियों ने एनडीए के लिए लगभग 285 सीटों की भविष्यवाणी की थी। हालांकि, भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 353 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की, जिसमें अकेले भाजपा ने 303 सीटें हासिल कीं। कांग्रेस ने 52 सीटें जीतीं और उसके यूपीए ने 91 सीटें जीतीं। 

इसी तरह 2014 के लोकसभा चुनावों में एनडीए को लगभग 257-340 सीटें मिलने का अनुमान था। हालांकि, एनडीए ने 336 सीटें जीतीं।

272 का आंकड़ा सरकार बनाने के लिए जरूरी
केंद्र में सत्ता में रहने के लिए किसी पार्टी या गठबंधन को 543 लोकसभा सीटों में से कम से कम 272 सीटें जीतनी होंगी। 2024 के चुनाव में चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) रिकॉर्ड तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश कर रहा है। सत्तारूढ़ गठबंधन को कांग्रेस के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टियों से चुनौती मिल रही है। 

25 मई को छठे चरण के बाद 543 लोकसभा सीटों में से 486 के लिए मतदान समाप्त हो गया। आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में फैले 57 लोकसभा क्षेत्रों के मतदाता शनिवार को सातवें और अंतिम चरण के मतदान में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे, जो लगभग 44 दिनों तक चलने वाले मतदान प्रक्रिया का अंत होगा। 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे।