Budget 2024: भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय आम बजट पेश करेंगी। कल यानी मंगलवार को 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश होगा। बजट से एक दिन पहले हरिभूमि ने एक्‍सपर्ट्स से बातचीत कर जाना कि आने वाला बजट कैसे हो सकता है? एमपी सरकार के पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया, आईसीएआई के पूर्व अध्यक्ष CA अंशुल अग्रवाल और आर्थिक विशेषज्ञ डॉ.देवेंद्र विश्वकर्मा ने बजट को लेकर अपनी-अपनी राय रखी। आइए जानते हैं कि  मोदी 3.0 के पहले बजट में क्‍या-क्‍या ऐलान होने की उम्मीद हैं? 

आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ सकता है: जयंत मलैया 
दमोह विधायक और मध्य प्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया ने कहा कि आने वाला बजट बड़ी राहत देगा। बजट अच्छा रहेगा। टैक्स में मध्यम वर्ग को राहत दी जाएगी। आयकर की सीमा में भी बदलाव किया जा सकता है। आयुष्मान योजना को लेकर चर्चा चल रही है। आयुष्मान योजना के दायरे को बढ़ाया जा सकता है। घर खरीदने पर लगने वाले टैक्स में बड़ी राहत दी जा सकती है।

व्यापारियों के लिए बड़े फैसले: अंशुल
आईसीएआई के पूर्व अध्यक्ष CA अंशुल अग्रवाल का कहना है कि यह बजट उद्योग से जुड़ा हो सकता है। छोटे और मध्यम वर्ग के व्यापारियों के लिए बड़े फैसले हो सकते हैं। 80C की लिमिट डेढ़ से बढ़ाकर तीन लाख तक हो सकती है। बिजनेसमैन और इंडस्ट्रीज के लिए कोई बड़ा ऐलान हो सकता है। विवादित टैक्स को लेकर कोई फैसला आ सकता है। सरकार ऐसा सोचती है कि विवाद में बहुत पैसा और एनर्जी खर्च होती है। इसलिए बीच का कोई ऐसा रास्ता निकल आए जिससे केस सुलझ जाए। इसलिए amnesty स्कीम पर कोई फैसला लिया जा सकता है। जीएसटी में बड़े ऐलान की उम्मीद नहीं है, क्योंकि GST के फैसले जीएसटी काउंसिल की तरफ से होता है।  

आयकर में राहत की उम्मीद: देवेंद्र
आर्थिक विशेषज्ञ डॉ देवेंद्र विश्वकर्मा ने जनता को सहूलियत और आयकर में राहत की उम्मीद जताई है। कहा, उच्च जीडीपी ग्रोथ, टैक्स कलेक्शन में 17.7 की वृद्धि और आरबीआई से मिले 2.1 लाख करोड़ के डिविडेंड वित्तीय अनुशासन बनाए रखने की गुंजाइश दे रहे हैं। डॉ देवेंद्र ने नौकरियों में कमी व बढ़ती असमानता पर चिंता जताई है। रिक्त पदों पर नियुक्ति करने के साथ स्वरोजगार बढ़ाने और शिक्षा बजट बढ़ाने का सुझाव दिया। उन्होंने कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ाने देने पर भी जोर दिया है।

किसानों की आय बढ़ाने पर फोकस
एक्सपर्ट ने यह भी बताया कि स्किल डेवेलपमेंट को लेकर भी कुछ फैसले हो सकते हैं। फिजिकल और डिजिटल इंफ्रा पर फोकस रहेगा। इससे रोजगार भी बढ़ेगा और अर्थव्‍यवस्‍था भी बेहतर होगी। किसानों की इनकम बढ़ाने को लेकर ऐलान हो सकते हैं। मर्चेंटेजाइस इकोनॉमी बढ़ाने पर फोकस हो सकता है। महंगाई को और कम करने का और प्रयास हो सकता है।

रोजगार और शिक्षा पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत: हर्षवर्धन
एकेएस विवि के प्रतिकुलपति व अर्थशास्त्री डॉ. हर्षवर्धन श्रीवास्तव ने बताया कि बजट  जनहित और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट आधारित होगा।  रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देने की ज्यादा जरूरत है। देश में बेरोजगारी दर 9 फीसदी से अधिक है। 10 फीसदी से ज्यादा बेरोजगारी किसी भी देश के लिए अलार्मिंग स्टेज होता है। आर्थिक सर्वेक्षण में 7 फीसदी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान है, लेकिन भारत के गांवों और छोटे शहरों में क्या स्थिति है, आम आदमी कैसे समृद्ध हो इस पर फोकस जरूरी है। जिस तरीक़े से पलायन बढ़ रहा है। यह भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। हमें ग्रामीण विकास और रोजगार आधारित विकास पर जोर देना होगा। इंडस्ट्रियलिस्ट्स और एकेडमिक इंस्टीट्यूशन्स में समन्वय बनाकर रोजगार आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने वाले प्रावधान करने होंगे। बजट प्लानिंग के साथ नीतियों के क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग पर भी फोकस जरूरी है।