Mahakumbh 2025 Amrit Snan: महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान भव्य, दिव्य और अलौकिक रहा। मकर संक्रांति के पवन अवसर पर मंगलवार (14 जनवरी 2025) को त्रिवेणी संगम पर सुबह अलग-अलग अखाड़ों के साधुओं ने स्नान किया। सबसे पहले जूना अखाड़े के नागा साधुओं ने स्नान किया। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मकर संक्रांति के मौके पर 3.50 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। इसके साथ ही प्रयागराज से लोगों के लौटने का सिलसिला भी शुरू हो गया है। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर भारी भीड़ देखी जा सकती है।
नागा साधुओं ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में डुबकी लगाई। हाथों में तलवार, त्रिशूल और शरीर पर भस्म-भभूत रमाए नागा साधु भगवान शिव का जयघोष करते हुए संगम पहुंचे। कड़ाके की ठंड के बीच अलमस्त नागा साधुओं का जत्था शंखनाद करते, जटाओं को हवा में लहराते हुए संगम की ओर बढ़ रहा था। इस विहंगम दृश्य को देखकर साधुओं का इंतजार कर रहे श्रद्धालु जयघोष करने लगे। नागा साधुओं और श्रद्धालुओं के जयघोष से प्रयागराज की गलियां गूंज उठी। आइए, आपको ले चलते हैं प्रयागराज में संगम तट पर सजे महाकुंभ 2025 के सफर पर। यहां पढ़िए लाइव अपडेट।
श्रद्धालुओं पर की गई पुष्प वर्षा
महाकुंभ में स्नान करने पहुंचे करोड़ों श्रद्धालुओं पर पुष्प की वर्षा की गई।
3.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का किया स्नान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'महाकुम्भ-2025' में 'मकर संक्रांति' के शुभ अवसर पर संगम में डुबकी लगाने वाले सभी संतगणों, कल्पवासियों व श्रद्धालुओं का अभिनंदन किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट पर जानकारी दी कि प्रथम अमृत स्नान पर्व पर 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों/श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
आस्था, समता और एकता के महासमागम 'महाकुम्भ-2025, प्रयागराज' में पावन 'मकर संक्रांति' के शुभ अवसर पर पवित्र संगम में आस्था की पवित्र डुबकी लगाने वाले सभी पूज्य संतगणों, कल्पवासियों व श्रद्धालुओं का हार्दिक अभिनंदन!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 14, 2025
प्रथम अमृत स्नान पर्व पर आज 3.50 करोड़ से अधिक पूज्य संतों/श्र… pic.twitter.com/awRyDY5OkH
Live Updates:
- शाम 5 बजे तक 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया पवित्र स्नान
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, शाम 5 बजे तक 3.50 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान किया। महाकुंभ के दौरान 30 घंटे में 3 करोड़ से अधिक लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए आर्मी को स्टैंडबाई पर रखा गया है। सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए हर घाट पर पुलिस और प्रशासन की सख्त निगरानी जारी है। संगम जाने वाले रास्तों पर 8 से 10 किलोमीटर लंबी कतारें देखी गईं। सभी 13 अखाड़ों को स्नान के लिए 30-40 मिनट का समय दिया गया। - साध्वी निरंजन ज्योति ने की सनातन बोर्ड की मांग
साध्वी निरंजन ज्योति की सनातन बोर्ड की मांग पर समाजवादी पार्टी के नेता उदयवीर सिंह ने कुंभ का राजनीतिकरण न करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कुंभ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व का पर्व है, इसे राजनीति से दूर रखना चाहिए।वहीं, किन्नर अखाड़ा की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इस आयोजन को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने मकर संक्रांति के अवसर पर संगम में डुबकी लगाने पर खुशी जाहिर की।
महाकुंभ 2025 में देशभर से आए भक्त, आस्था और सनातन संस्कृति के इस महासंगम में डूबकर भक्ति की लहर का आनंद ले रहे हैं।
— MahaKumbh 2025 (@MahaaKumbh) January 14, 2025
यह दिव्यता और भक्ति का पर्व है। pic.twitter.com/77Teu0Yzdv
- दुनिया के 50 देशों से पहुंचे हैं श्रद्धालु
महाकुंभ 2025 में दुनियाभर से श्रद्धालु संगम पहुंचे हैं। 50 से अधिक देशों के लोग इस आयोजन का हिस्सा बने। संगम के तट पर विदेशी श्रद्धालुओं के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मीडिया की भी बड़ी मौजूदगी है। एपल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लारेन पॉवेल ने भी संगम में डुबकी लगाई, जो आकर्षण का केंद्र बनी। भीड़ को देखते हुए लेटे हुए हनुमान मंदिर को बंद कर दिया गया। सुरक्षा कारणों से ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए स्थिति पर नजर रखी जा रही है। - सभी कंट्रोल रूम अलर्ट, आर्मी स्टैंडबाई पर
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि आज घाटों पर जबरदस्त भीड़ है। सुबह 7 बजे तक 98 लाख 20 हजार लोगों ने स्नान कर लिया था। डीजीपी ने बताया कि सभी कंट्रोल रूम, मुख्यमंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव कार्यालय रेड अलर्ट पर हैं। प्रशासन स्नान को पूरी तरह शांतिपूर्ण और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों की मदद से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। - महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा ने सबसे पहले किया स्नान
सुबह 6.15 बजे अमृत स्नान शुरू हुआ। सबसे पहले महानिर्वाणी पंचायती अखाड़ा और शंभू पंचायती अटल अखाड़ा ने सुबह 6:15 बजे संगम में डुबकी लगाई। इसके बाद, तपोनिधि पंचायती निरंजनी अखाड़ा और पंचायती अखाड़ा आनंद ने स्नान किया। इसके बाद पंचदशनाम जूना, आवाहन, और अग्नि अखाड़े के साधुओं ने स्नान किया। इससे पहले साधु हाथी, घोड़े और रथ पर सवार होकर स्नान करने पहुंचे। - अखाड़ों ने किया है शाही स्नान के नाम में बदलाव
जूना अखाड़ा समेत 7 संन्यासी अखाड़ों ने पहले ही स्नान कर लिया। इसके बाद वैरागी अखाड़ों के संत संगम पहुंचे। इस बार शाही स्नान को "अमृत स्नान" नाम दिया गया, जिसे अखाड़ों ने प्रस्तावित किया था। अखाड़ों के महामंडलेश्वर ने इसे ऐतिहासिक निर्णय बताया। संतों ने कहा कि यह कदम सनातन धर्म की गरिमा को और बढ़ाएगा। कई अखाड़ों के महामंडेलश्वरों से विचार विमर्श के बाद इस बार शाही स्नान का नाम बदलने का फैसला लिया गया। - आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि
स्वामी कैलाशानंद गिरि ने महाकुंभ में गैर सनातनियों की एंट्री पर बैन को लेकर कहा, "यह महाकुंभ हिंदू धर्म की आस्था का महापर्व है और इसमें केवल सनातनी श्रद्धालुओं का स्वागत किया जाना चाहिए। यह हमारी संस्कृति और परंपरा की रक्षा के लिए आवश्यक है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि महाकुंभ का उद्देश्य केवल आस्था का प्रचार करना है, न कि किसी अन्य धर्म को बढ़ावा देना। - स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कही ये बात
जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा, "जल हमारी सनातन संस्कृति का पर्याय है। यह जीवन का आधार है और हमारे देवताओं का अस्तित्व जल से जुड़ा हुआ है। इस महाकुंभ में स्नान करने आए भक्त न केवल अपने लिए बल्कि पूरे विश्व के कल्याण की कामना कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी बताया कि यह पर्व मानव जीवन के अर्थ और सार की खोज का अवसर है। स्वामी अवधेशानंद गिरि ने कहा कि आज यक्ष, गंधर्व और किन्नर ने अमृत स्नान किया और विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना की। - हर एक अखाड़े के स्नान के लिए समय तय
पंचायती निर्वाणी अखाड़े के स्नान के साथ मकर संक्रांति पर अमृत स्नान यानी कि शाही स्नान की शुरुआत हुई। इसके बाद 13 प्रमुख अखाड़ों ने अपनी बारी-बारी से स्नान किया। हर एक अखाड़े को 30-40 मिनट का समय दिया गया। साधु संत ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य रथों पर सवार संतों होकर संगम तट पर पहुंचे। इन साधुओं के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु सड़कों के किनारे कतार में लग कर इंतजार कर रहे थे। श्रद्धालुओं ने स्नान पर निकले साधुओं से आशीर्वाद लिया।
#WATCH | Prayagraj, Uttar Pradesh | Anand Akhada Acharya Mandleswar Balkanand ji Maharaj leads the processions for the first Amrit Snan of #MahaKumbhMela2025🕉️on the auspicious occasion of Makar Sankranti.
— ANI (@ANI) January 14, 2025
Sadhus of the 13 akhadas of Sanatan Dharm will take holy dip at Triveni… pic.twitter.com/fptLFfKOhI
- संगम पहुंचने वाले सभी रास्तों पर भीड़
अमृत स्नान देखने के लिए संगम पर लाखों श्रद्धालु पहुंचे। सुबह से ही त्रिवेणी के तटों पर भीड़ जुटने लगी। श्रद्धालुओं ने कतार में खड़े होकर नागा साधुओं और संतों के स्नान का नजारा देखा। संगम तक पहुंचने वाले सभी रास्तों पर भक्तों की भीड़ नजर आई। 50 से अधिक देशों के भक्त इस आयोजन में शामिल हुए। साधु संतों के स्नान के लिए प्रशासन की ओर से पहले से कुछ घाटों पर सभी व्यवस्था की गई थी। वहीं, श्रद्धालुओं के स्नान के लिए अलग घाट तय किए गए थे ताकि किसी तरह की असुविधा ना हो।
#WATCH | Prayagraj | Naga sadhus of Niranjani and Anand Akharas proceed for 'Amrit Snan' at #MahaKumbhMela2025 pic.twitter.com/oXZ5NJiNsl
— ANI (@ANI) January 14, 2025
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया संदेश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने महाकुंभ को भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अमृत स्नान जैसी परंपराएं सनातन धर्म की गहराई और विशालता को दर्शाती हैं।
यह हमारी सनातन संस्कृति और आस्था का जीवंत स्वरूप है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 14, 2025
आज लोक आस्था के महापर्व 'मकर संक्रांति' के पावन अवसर पर महाकुम्भ-2025, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में प्रथम 'अमृत स्नान' कर पुण्य अर्जित करने वाले सभी श्रद्धालु जनों का अभिनंदन!#महाकुम्भ_अमृत_स्नान pic.twitter.com/NAN0IlkGf4
- किन्नर अखाड़े ने सोलह श्रृंगार के साथ किया स्नान
किन्नर अखाड़ा, जिसे 2019 में महाकुंभ में शामिल किया गया था, ने इस बार भी अपनी परंपरा को जारी रखा। महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में किन्नर संन्यासियों ने सोलह श्रृंगार के साथ स्नान किया। किन्नर अखाड़ा के बड़े संत आगे रथों में चल रहे थे। उनके पीछे सभी किन्नर संत अनुशासित ढंग से जयघोष करते हुए चल रहे थे। बता दें कि किन्नर अखाड़ा जूना अखाड़ा से जुड़ा हुआ है।
#WATCH | Prayagraj | Procession of Mahanirvani Panchayati Akhada as the first Amrit Snan of #MahaKumbh2025 will begin with Mahanirvani Panchayati Akhara taking holy dip in Triveni Sangam on the auspicious occasion of Makar Sankranti
— ANI (@ANI) January 14, 2025
Sadhus of the 13 akhadas of Sanatan Dharm will… pic.twitter.com/Od2zjTTcnk
- सुरक्षा और प्रबंधन में चाक-चौबंद व्यवस्था
महाकुंभ की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए 60 हजार पुलिसकर्मियों और पैरामिलिट्री बल के जवान तैनात किए गए। संगम क्षेत्र को दो हिस्सों में बांटा गया। एक तरफ अखाड़ों का स्नान हुआ और दूसरी तरफ आम श्रद्धालुओं के लिए घाट तैयार किए गए। इन दोनों ही क्षेत्रों में पुलिसकर्मी गश्त करते नजर आए। पुलिस का घुड़सवार दस्ता भी मेले क्षेत्र में घूम घूम कर नजर रख रहा है। वहीं, नदी की ओर से नाव पर बनाई गई चाैकी पर मौजूद पुलिसकर्मी ध्यान रख रहे हैं। मेले के ऊपर पर हाई डिफिशन कैमरों से लैस ड्रोन कैमरे के जरिए नजर रखी जा रही है। यानी कि जल, जमीन और आसमान हर ओर से सुरक्षा चुस्त-दुरुस्त है।
#WATCH | Prayagraj | Preparations are underway for the first Amrit Snan of #MahaKumbh2025
— ANI (@ANI) January 13, 2025
The first Amrit Snan of #MahaKumbh2025 will begin with Mahanirvani Panchayati Akhara taking holy dip in Triveni Sangam on the auspicious occasion of #MakarSankranti pic.twitter.com/fIlzfygkos
- अमृत स्नान का है खास महत्व
मकर संक्रांति के पावन पर्व पर सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का यह आयोजन सनातन धर्म की प्रमुख परंपराओं में से एक है। नागा साधुओं और संतों के स्नान ने इस दिन को और भी खास बना दिया। अमृत स्नान को आत्मा और परमात्मा के मिलन का माध्यम माना जाता है। यही वजह है कि मकर संक्रांति पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु कुंभ स्नान के लिए पहुंचते हैं। - श्रद्धालुओं के लिए खास सुविधाएं
संगम क्षेत्र में लाखों श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। प्रशासन ने घाटों और शिविरों पर जल, स्वच्छता और चिकित्सा सेवाओं का प्रबंध किया। भक्तों ने पवित्र डुबकी लगाने के बाद दान और पूजा-अर्चना की।