Maharashtra Elections voting Live updates: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज उठी है। महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर वोटिंग चल रही है। बुधवार (20 नवंबर) सुबह 7 बजे वोटिंग शुरू हो गई जाे शाम 6 बजे तक चलेगी। यह चुनाव राज्य के लिए बेहद खास है क्योंकि शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में हुई टूट के बाद पहली बार दोनों पार्टियों के अलग-अलग गुट मैदान में हैं। भाजपा और कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियों के लिए यह चुनाव लिटमस टेस्ट होगा।
8.35 करोड़ वोटर्स करेंगे वोटिंग राइट का इस्तेमाल
महाराष्ट्र में 158 पार्टियां चुनावी रण में ताल ठोक रही हैं। 6 बड़ी पार्टियां अलग-अलग गठबंधनों का हिस्सा बनकर अपनी किस्मत आजमा रही हैं। शिवसेना और एनसीपी में बंटवारे ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है। राज्य में कुल 8.35 करोड़ पंजीकृत मतदाता हैं। इनमें 4 करोड़ से अधिक महिला मतदाता हैं। 18 से 29 साल के युवा मतदाताओं की संख्या करीब 2 करोड़ है।
भाजपा-कांग्रेस के बीच जोरदार मुकाबला
भारतीय जनता पार्टी (BJP) 149 सीटों पर और कांग्रेस 101 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। पिछले चुनाव में भाजपा और शिवसेना के गठबंधन ने बहुमत पाया था।इसके बाद महाविकास अघाड़ी सरकार बनी जिसमें उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बने। लेकिन बाद में राजनीतिक मतभेद के कारण गठबंधन टूट गया। इस बार भाजपा शिंदे गुट की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी के साथ 'महायुति' का हिस्सा है।
शिवसेना और एनसीपी के बंटवारे के बाद पहला चुनाव
अब शिवसेना और NCP के बंटवारे के बाद यह पहला चुनाव है। कांग्रेस महाविकास अघाड़ी के तहत शिवसेना (UBT) और शरद पवार के एनसीपी गुट के साथ चुनाव लड़ रही है। भाजपा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में मैदान में है। वहीं, कांग्रेस ने अनुभवी नेताओं पर भरोसा किया है।
शिवसेना की साख का बड़ा इम्तिहान
इस चुनाव में शिवसेना के लिए बड़ी चुनौती है। पार्टी का बंटवारा होने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। एक तरफ उद्धव ठाकरे का गुट शिवसेना (UBT) के नाम से मैदान में है। दूसरी तरफ, एकनाथ शिंदे की अगुवाई में बालासाहेबांची शिवसेना ने मोर्चा संभाला है। दोनों गुट खुद को असली साबित करने में लगे है। पिछले चुनाव में कांग्रेस और एनसीपी ने एकसाथ 98 सीटें जीती थीं। हालांकि, बगावत और गठजोड़ ने इस बार समीकरण पूरी तरह बदल दिए हैं।
अपराधी छवि और करोड़पति उम्मीदवार चर्चा में
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, 2201 उम्मीदवारों में से 29% यानी 629 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से 412 उम्मीदवारों पर हत्या, अपहरण और बलात्कार जैसे गंभीर आरोप हैं। वहीं, 38% यानी 829 उम्मीदवार करोड़पति हैं।
युवा और अनुभवी उम्मीदवारों का संतुलन
31% उम्मीदवार 25 से 40 साल के हैं, जबकि 14% उम्मीदवार 61 से 80 साल की उम्र के बीच हैं। केवल 204 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, जो कुल का 9% हैं। यह आंकड़े दिखाते हैं कि राजनीति में महिलाओं की भागीदारी अभी भी कम है।
प्रमुख सीटें: जहां दांव पर हैं बड़े नेता
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ठाणे सीट से मैदान में हैं, जिसे शिवसेना का गढ़ माना जाता है। नागपुर दक्षिण-पश्चिम से देवेंद्र फडणवीस छठी बार विधायक बनने की रेस में हैं। बारामती सीट पर शरद पवार के भतीजे युगेंद्र पवार और अजित पवार आमने-सामने हैं।
वर्ली और बांद्रा: सियासी युद्ध के नए मोर्चे
वर्ली सीट पर उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का सामना शिंदे गुट के मिलिंद देवरा से है। बांद्रा पूर्व सीट पर कांग्रेस, शिवसेना (UBT), और निर्दलीय प्रत्याशियों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है।
लोकसभा नतीजों से सबक लेती पार्टियां
लोकसभा चुनाव में उद्धव गुट ने शिंदे गुट पर बढ़त बनाई थी। इससे सवाल खड़े हो गए थे कि असली शिवसेना कौन है? इस विधानसभा चुनाव के नतीजे यह तय करेंगे कि महाराष्ट्र का आम मराठी मतदाता किसे बालासाहेब ठाकरे की विरासत मानता है।
युवा नेता और उनकी नई भूमिका
नागपुर और बारामती जैसे इलाकों में युवा नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। देवेंद्र फडणवीस और आदित्य ठाकरे जैसे युवा नेता अपने-अपने क्षेत्रों में जनता का विश्वास जीतने की कोशिश कर रहे हैं।
किसके सिर सजेगा महाराष्ट्र का ताज?
राजनीति के इस महायुद्ध में शिवसेना और एनसीपी के बंटवारे के बाद जनता का फैसला महत्वपूर्ण होगा। भाजपा और कांग्रेस के पारंपरिक संघर्ष के बीच छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।