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Mahavikas Aghadi Protest: महाविकास अघाड़ी ने बदलापुर यौन शोषण मामले को लेकर पुणे में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया। शरद पवार और सुप्रिया सुले ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया।

Mahavikas Aghadi Protest: बदलापुर घटना के खिलाफ, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (Sharad Pawar) प्रमुख शरद पवार और बारामती की सांसद सुप्रिया सुले  (Supriya Sule) पुणे रेलवे स्टेशन (Pune Railway Station) पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने एक घंटे के मौन प्रदर्शन का नेतृत्व किया। दोनों नेताओं ने महाराष्ट्र में महिला सुरक्षा के प्रति सरकार की उदासीनता के खिलाफ मुंह पर काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया।

एनसीपी (SCP) प्रमुख शरद पवार और उनकी बेटी सुप्रिया सुले ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया। उन्होंने अपने हाथों पर काली पट्टी बांधकर सरकार के खिलाफ नाराजगी जताई। इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है, जिसे लेकर MVA ने महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया था, लेकिन हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब यह विरोध प्रदर्शन शांति पूर्ण तरीके से किया जा रहा है।

संजय राउत बोले- 'हमारी आवाज यूक्रेन तक जाएगी'
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि हमारे विरोध प्रदर्शन की आवाज सिर्फ महाराष्ट्र में ही नहीं, बल्कि यूक्रेन तक सुनी जाएगी, जहां प्रधानमंत्री मोदी दौरे पर हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र की महिलाओं और बच्चों पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए हम बंद का ऐलान किया था, लेकिन अदालत ने इसे रोक दिया। हम अदालत के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी।

बंद के फैसले पर बॉम्बे हाई कोर्ट का आदेश
बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति को बंद का आह्वान करने की अनुमति नहीं है। न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की बेंच ने कहा कि अगर कोई बंद का आयोजन करने की कोशिश करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने 2004 के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि बंद पूरी तरह से अवैध है और अगर किसी तरह का नुकसान होता है तो राजनीतिक पार्टियों को इसकी भरपाई करनी होगी।

'असंवेदनशील सरकार पहले कभी नहीं देखी'
सुप्रिया सुले ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार के मामलों में सरकार की संवेदनहीनता साफ नजर आती है। उन्होंने कहा, "राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति चिंताजनक है, और सरकार इस पर चुप है। जब तक दोषियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, हमारा विरोध जारी रहेगा।"

 'अपराधियों में कानून का डर नहीं'
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति बिगड़ चुकी है। उन्होंने कहा, "हमारी कोशिश सरकार का ध्यान महिलाओं के खिलाफ हो रही घटनाओं की ओर आकर्षित करने की है। अगर इन घटनाओं के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, तो यह स्पष्ट है कि राज्य में अपराधियों का कोई डर नहीं रह गया है।"

हाईकोर्ट ने दिया महाराष्ट्र बंद कैंसल करने का आदेश
बॉम्बे हाई कोर्ट के शुक्रवार को दिए गए आदेश के बाद महा विकास अघाड़ी (MVA) ने महाराष्ट्र बंद को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने किसी भी राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति को बंद की घोषणा करने से रोकने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि बंद होने से आम जन जीवन अस्त-व्यस्त होता है। इसके चलते महा विकास अघाड़ी ने अब शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का फैसला लिया है।

एमवीए के नेताओं ने कहा- कोर्ट के आदेश का सम्मान करें
शरद पवार (Sharad Pawar) ने एक्स पर पोस्ट कर एमवीए नेताओं से अदालत के आदेश का सम्मान करने और बंद को रद्द करने की अपील की। पवार ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचने का समय कम होने के कारण, बंद को रद्द करना ही उचित होगा। इस बीच, पुणे में कांग्रेस शहर इकाई के अध्यक्ष अरविंद शिंदे ने प्रेस बयान जारी कर बंद को रद्द करने की घोषणा की।

अब मौन धारण कर प्रदर्शन करेंगे एमवीए के नेता
शिवसेना (Shiv Sena) (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की है कि वे अपने-अपने शहरों और गांवों के मुख्य चौराहों पर एक घंटे का मौन धारण (Silent March) करें। इस फैसले के बाद, पुणे में प्रस्तावित लाल महल से जिला कलेक्टरेट तक की शांतिपूर्ण मार्च भी रद्द कर दी गई है।  उद्धव ठाकरे ने कहा कि इतने कम समय में सुप्रीम कोर्ट जाना संभव नहीं है, इसलिए कोर्ट के आदेशों को मानते हुए प्रदर्शन किया जाएगा।

महिला सुरक्षा के मुद्दे पर महा विकास अघाड़ी ने स्पष्ट किया है कि वे अपने मांगों पर डटे रहेंगे। एमवीए नेताओं ने राज्य को महिला सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता बताई है। इस शांतिपूर्ण विरोध के माध्यम से वे सरकार को इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने के लिए मजबूर करना चाहते हैं।

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