Maharashtra Majhi Ladki Bahin Yojana:महाराष्ट्र सरकार की महत्वाकांक्षी माझी लड़की बहिन योजना से महिलाओं में नई उम्मीद और आत्मनिर्भरता की भावना जगाई है। यह योजना हर महीने 15,000 रुपए की आर्थिक मदद देकर महिलाओं के जीवन को आसान बना रही है। योजना के तहत लाखों महिलाएं आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ रही हैं।

माजी लड़की बहिन योजना का उद्देश्य
महाराष्ट्र की महायुति सरकार ने 28 जून 2014 को माझी लड़की बहिन योजना की शुरुआत की। इस योजना का मकसद महिलाओं को आर्थिक मजबूती प्रदान करना है ताकि वह अपने परिवार में एक सशक्त भूमिका निभा सकें। इस योजना के तहत 21 से 65 वर्ष की उम्र की महिलाओं को 15,000 रुपए मासिक आर्थिक सहायता दी जाती है। इस पहल से अब तक करीब ढाई करोड़ महिलाएं लाभान्वित हो चुकी हैं, जिन्होंने इस योजना में अपना पंजीकरण कराया है। 

आलोचना के बावजूद सरकार का भरोसा
योजना को जहां एक ओर महिलाओं से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है, वहीं विपक्षी दलों ने इसकी वित्तीय स्थिरता पर सवाल उठाए हैं। आलोचकों का मानना है कि सरकार के पास इतना बड़ा बजट नहीं है कि वह इतनी बड़ी राशि का भुगतान कर सके। लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने योजना के लिए विशेष बजट में 46,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया है।

आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही महिलाएं
माझी लड़की बहिन योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता से कई महिलाओं ने खुद का व्यवसाय शुरू किया है और आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाया है। एक गृहिणी ने कपड़ों का व्यवसाय शुरू कर 7,500 रुपए से 15,000 रुपए तक का मुनाफा कमाया। दूसरी महिला ने योजना के धन का इस्तेमाल कर खुद का सिलाई व्यवसाय खड़ा किया, जिससे वह परिवार की आय में योगदान दे रही है। यह योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की राह आसान कर रही है।

छोटे व्यवसायों से बढ़ रही हैं महिलाएं
महाराष्ट्र की कई महिलाएं इस योजना के जरिए छोटे व्यवसाय शुरू कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। एक महिला ने अपने 'आदित्य क्लॉथ सेंटर' नामक व्यवसाय में इस योजना के धन का इस्तेमाल किया और 7,500 रुपए से इसे बढ़ाकर 15,000 रुपए तक पहुंचा दिया।

योजना का पड़ रहा सकारात्मक प्रभाव 
यह योजना महाराष्ट्र की महिलाओं को केवल आर्थिक सहायता ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और आत्मसम्मान का अहसास भी दिला रही है। माझी लड़की बहिन योजना के तहत कई महिलाएं अपने परिवार और समाज में सशक्त भूमिका निभा रही हैं। वह अपने बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हो रही हैं। योजना ने महिलाओं में आत्मनिर्भरता का नया जोश पैदा किया है।