Maldives-India relations: भारत से पंगा लेना मालदीव पर भारी पड़ गया है। नौबत ये आ गई है कि मालदीव अब भारत के सामने अपने पर्यटकों को भेजने के लिए गिड़गिड़ाने लगा है। मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने गुरुवार को भारत के पहले आधिकारिक दौरे पर पहुंचे। मूसा जमीन ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मालदीव के कुछ मंत्रियों द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों के विवाद को लेकर प्रतिक्रिया दी।
अपमानजनक टिप्पिणयों को समर्थन नहीं करता मालदीव
मूसा जमीर ने गुरुवार को भारत को आश्वासन दिया कि मोहम्मद मुइज्जू सरकार ऐसी टिप्पणियों का समर्थन नहीं करती है। साथ ही कहा कि भविष्य में दोबारा ऐसी घटना नहीं हो इसके लिए मुइज्जू सरकार की ओर स कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही कहा कि मालदीव और भारत के बीच संबंधों को बढ़ाया जाना चाहिए। मूसा जमीर ने गुरुवार को नई दिल्ली में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की।
मालदीव और भारत के बीच इस साल बढ़ा विवाद
बता दें कि इस साल की शुरुआत में मालदीव के तीन राजनेताओं द्वारा पीएम मोदी पर अपमानजनक टिप्पणियां की गई थी। इसके बाद भारत और मालदीव के बीच तनाव बढ़ गया था। विवाद बढ़ने पर मालदीव के डिप्टी मिनिस्टर मरियम शिउना, महजूम माजिद और मालशा शरीफ को अनिश्चितकाल के लिए निलंबित कर दिया गया था। हालांकि, ऐसी रिपोर्ट भी आई कि इन मंत्रियों को वेतन मिलता रहेगा।
दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और पारस्परिक संबंध: मूसा
बता दें कि भारत और मालदीव के संबंधों में आई कड़वाहट के मद्देनजर मूसा का यह भारत दौरा दोनों देशों के बीच सुधारने के लिहाज से अहम माना जा रहा है। मूसा ने कहा कि 1965 में मालदीव की आजादी के बाद से दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और पारस्परिक संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा कि मालदीव में भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आई है। ऐसे में दोनों देशाें के बीच संबंधों को गहरा करने की दिशा में कदम उठाया जाना चाहिए। मूसा जमीर ने कहा कि भारत के पर्यटकों का मालदीव खुले दिल से स्वागत करेगा।
भारतीय सैनिकों को वापस भेजने पर कही ये बात
मालदीव से भारतीय सैन्य कर्मियों की वापसी को लेकर जमीर ने कहा कि भारत और मालदीव के संबंध कुछ सैन्य कर्मियों की तैनाती से बढ़कर हैं। दोनों देशों के बीच कई अहम रक्षा समझौते हैं। प्रमुख रक्षा अभियानों का प्रबंधन अब आम नागरिक करेंगे। राजनीतिक बयानबाजी के बावजूद, दोनों देशों ने संयुक्त सैन्य अभ्यायों में हिस्सा लिया है। दोनों देश क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने में आपस में सहयोग कर रहे हैं।