Malegaon Blast Case 2008: साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को स्पेशल कोर्ट ने लगाई फटकार, NIA से मांगी भाजपा सांसद की हेल्थ रिपोर्ट
Malegaon Blast Case 2008: 29 सितंबर 2008 को मालेगांव ब्लास्ट केस हुआ था। बाइक में एक्सप्लोसिव डिवाइस लगाई गई थी। घटना में 6 लोगों की जान गई थी। 100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे।
Malegaon Blast Case 2008: भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ने वाली हैं। एक विशेष अदालत ने बुधवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से प्रज्ञा सिंह ठाकुर की हेल्थ रिपोर्ट तलब की है। अदालत ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर की स्वास्थ्य स्थिति की जांच कराई जाए। वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर कई सुनवाइयों से गैरहाजिर रही हैं। इससे अदालती कार्यवाही पर असर पड़ रहा है।
भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर मालेगांव बम विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी हैं। 29 सितंबर, 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव में एक मस्जिद के पास कथित तौर पर मोटरसाइकिल पर रखे विस्फोटक में धमाका हुआ था। इसमें छह लोगों की मौत हुई थी। जबकि 100 से अधिक घायल हो गए थे। मोटरसाइकिल प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर थी।
प्रज्ञा सिंह ठाकुर के वकील ने दिया ये तर्क
प्रज्ञा सिंह ठाकुर के वकील ने बुधवार को उनकी उपस्थिति के लिए छूट मांगी थी। अदालत को बताया था कि वह भोपाल में अपने घर में इलाज की मांग कर रही हैं। आगे बताया कि उनकी शारीरिक स्थिति अप्रत्याशित और उनके नियंत्रण से परे है। प्रार्थना की गई कि उसकी चिकित्सा और शारीरिक स्थिति पर विचार करते हुए पर्याप्त समय दिया जाए। ताकि बीमारी से उबर सकें।
क्या है प्रज्ञा को बीमारी?
छूट आवेदन के साथ कुछ सर्टिफिकेट भी लगाए गए। जिनमें कहा गया है कि आरोपी सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और माइग्रेन से पीड़ित हैं और इसलिए उनके डॉक्टर ने उन्हें पूरी तरह से आराम करने की सलाह दी है। जिसका एनआईए ने विरोध किया।
22 मार्च के बाद से गैर हाजिर
दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को एक दिन के लिए छूट दी। विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी ने कहा कि अन्य राज्यों के निवासियों को अंतिम समय में टिकट प्राप्त करने में होने वाली कठिनाई को दूर करने के लिए सभी आरोपियों को पहले से ही तारीखें प्रदान की गई थीं।
आरोपी (ठाकुर) 22 मार्च 2024 को छोड़कर लंबे समय से अनुपस्थित है। 22 मार्च को आरोपी अदालत में पेश हुई और उसकी शारीरिक और मानसिक स्थिति को देखते हुए उसे अदालत से बाहर जाने की अनुमति दी गई। इसके बाद, भोपाल रवाना होने से पहले वह अपना बयान दर्ज कराने के लिए अदालत में वापस नहीं आईं। उनकी अनुपस्थिति से अदालती कार्यवाही में बाधा आ रही है।
एनआईए भोपाल से मांगी सत्यापन रिपोर्ट
अदालत ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति के संबंध में एनआईए भोपाल से सत्यापन रिपोर्ट मांगी है। एनआईए को 8 अप्रैल तक रिपोर्ट तलब की है। एनआईए अदालत वर्तमान में आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 313 के तहत आरोपियों के बयान दर्ज कर रही है।