Congress Bigwigs Opt Out of Contesting Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान अब कभी भी हो सकता है। एक तरफ जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के लिए 370 सीटों के जीतने का लक्ष्य रखा है। वहीं, कांग्रेस में कई दिग्गज नेता चुनाव ही नहीं लड़ना चाहते हैं। दरअसल, सोमवार को कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) की दूसरी बैठक हुई। सूत्रों का कहना है कि बैठक में गुजरात की 14, राजस्थान की 13, मध्य प्रदेश की 16, असम की 14 और उत्तराखंड की 5, कुल 5 राज्यों की 62 सीटों पर चर्चा हुई। लेकिन चार पूर्व मुख्यमंत्रियों अशोक गहलोत, कमल नाथ, दिग्विजय सिंह और हरीश रावत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का नाम सूची में नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक, ये राजनीतिक दिग्गज लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। इन नेताओं ने अपनी जगह अन्य नेताओं के नामों को आगे किया है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनकी जगह अपने बेटे वैभव के नाम पर जोर दिया। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के केंद्रीय पैनल ने जालोर सीट से वैभव के नाम पर मुहर लगा दी है। हालांकि, बैठक में अशोक गहलोत के गृह क्षेत्र जोधपुर पर चर्चा नहीं हुई।
जानिए कौन क्या चाहता है?
सूत्रों ने बताया कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ के बेटे और छिंदवाड़ा से मौजूदा सांसद नकुल नाथ संभवत: फिर से इस सीट से चुनाव लड़ेंगे।
इसी तरह उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए हरिद्वार से चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। वह चाहते हैं कि उनकी जगह उनके बेटे वीरेंद्र रावत को टिकट दिया जाए।
छत्तीसगढ़ में पार्टी के प्रभारी महासचिव सचिन पायलट ने आश्वासन दिया है कि वह चुनाव लड़ने के बजाय राजस्थान की चार लोकसभा सीटों पर फोकस करेंगे। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने यह भी कहा कि वह छत्तीसगढ़ में पार्टी में सुधार लाने का काम करेंगे।
असम की 14 सीटों पर भी हुई चर्चा, गौरव गोगोई की सीट पर सस्पेंस
केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में असम की सभी 14 सीटों पर भी चर्चा हुई। लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि क्या कांग्रेस अपना गठबंधन बरकरार रख पाएगी या नहीं। गौरव गोगोई किस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, अभी यह स्पष्ट नहीं है। उनकी पिछली सीट कलियाबोर परिसीमन के कारण बदल गई है। सूत्रों के मुताबिक, वह अपने दिवंगत पिता तरुण गोगोई के गृह क्षेत्र जोरहाट से टिकट की तलाश में हैं।
केंद्रीय चुनाव समिति की अगली बैठक 15 मार्च को होगी, जिसमें महत्वपूर्ण राज्यों उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब पर चर्चा होने की संभावना है।
अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भी चुनाव लड़ने पर सस्पेंस
कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे इस बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। खड़गे के करीबी सूत्रों का कहना है कि वे अपने दामाद राधाकृष्णन डोड्डामणि को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। खड़गे गुलबर्गा से दो बार जीते थे। लेकिन 2019 में हार गए। तब से वह राज्यसभा में हैं, और वह विपक्ष के नेता हैं। उच्च सदन में अभी उनके चार साल और बचे हैं।
खड़गे के बेटे प्रियांक खड़गे कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के मंत्रिमंडल में मंत्री हैं। प्रियांक भी लोकसभा चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं। मल्लिकार्जुन खड़गे का मानना है कि वे एक सीट तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि पूरे देश पर फोकस करना चाहते हैं।