Mamata Banerjee Lollipop Reply: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेशी नेताओं के बयानों का करारा जवाब दिया है। बांग्लादेशी नेता ने कहा था कि हम इंडिया से बंगाल, बिहार और ओडिशा वापस ले लेंगे। इस बयान पर विधानसभा में ममता ने कहा, "क्या आपको ऐसा लगता है कि आप लोग हमारी जमीन पर कब्जा करेंगे और हम लॉलीपॉप खाते रहेंगे?" बंगाल की सीएम ने लोगों से अपील की कि वह शांति बनाए रखें। साथ ही कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार का जो भी फैसला होगा, राज्य सरकार उसका समर्थन करेगी।
जनता बांग्लादेशी नेताओं के बयान से परेशान ना हो
ममता ने विधानसभा में अपने संबोधन में भरोसा दिलाया कि पश्चिम बंगाल के नागरिक किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जनता को बांग्लादेशी नेताओं के बयानों से परेशान होने की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री ने मीडिया और राजनीतिक दलों से अपील की कि वे जिम्मेदारी के साथ बयान दें, ताकि राज्य में शांति बनी रहे।
बांग्लादेशी नेताओं का विवादित बयान
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) के जॉइंट जनरल सेक्रेटरी रूहुल कबीर रिजवी ने भारत के खिलाफ तीखे बयान दिए। कबीर रिजवी ने कहा, "अगर इंडिया चटगांव मांगता है, तो फिर हम बंगाल, बिहार और ओडिशा भी वापस ले लेंगे।" कबीर रिजवी ने कहा कि भारत शेख हसीना को अपना समर्थन देकर बांग्लादेश को नुकसान पहुंचाने की कोशिश रहा है।
विदेश सचिवों की उच्चस्तरीय बैठक
इस बीच, भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बांग्लादेशी विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन से बातचीत की। यह बैठक शेख हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद दोनों देशों के बीच पहला उच्चस्तरीय संवाद था। ममता ने इस बातचीत का स्वागत किया और कहा कि राज्य सरकार केंद्र के विदेश मंत्रालय के निर्देशों का पालन करेगी।
सभी समुदाय मिलकर शांति बरकरार रखें
ममता ने कहा कि राज्य में सभी समुदायों को साथ मिलकर शांति सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने इमामों और धार्मिक नेताओं के योगदान की सराहना की, जिन्होंने बांग्लादेश में हो रहे अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की। ममता ने मीडिया से भी संयम बरतने की अपील की, ताकि किसी प्रकार की अफवाहें ना फैलें। ममता ने कहा कि हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि पड़ोसी देश के नेताओं के बयानों से प्रदेश में शांति भंग नहीं हो।
बांग्लादेश हिंदुओं पर हमले का भारत में विरोध
बांग्लादेश में हिंदुओं और मंदिरों पर बढ़ते हमलों के कारण भारत में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। देशभर में रैलियों और रेजोल्यूशन पास किए जा रहे हैं। त्रिपुरा और कोलकाता के अस्पतालों में बांग्लादेश के मरीजों के इलाज पर रोक लगा दी गई है।बता दें कि बांग्लादेश में इस्कॉन के पूर्व प्रवक्ता और हिंदू संत चिन्मय प्रभु की गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में बांग्लादेश के खिलाफ लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है।