Mamata Banerjee removes Kolkata Police commissioner:पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में जूनियर डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के बाद तीन बड़ी मांगों को मानते हुए कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल और स्वास्थ्य विभाग के दो वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों को हटाने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों के 38 दिनों के विरोध प्रदर्शन के बाद उठाया गया है, जिसमें डॉक्टरों ने स्वास्थ्य अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और लापरवाही का आरोप लगाया था। इस निर्णय से डॉक्टरों में खुशी की लहर दौड़ गई है।
ममता बनर्जी ने दिया डॉक्टरों को भरोसा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डॉक्टरों से मुलाकात के बाद कहा कि उन्होंने डॉक्टरों की 99 प्रतिशत मांगों को स्वीकार कर लिया है। उनका कहना था, "डॉक्टर हमारे छोटे भाई हैं, इसलिए उनकी मांगें मान ली गई हैं।" बैठक के दौरान ममता बनर्जी ने यह भी बताया कि डॉक्टरों की प्रमुख मांगों में शामिल दो स्वास्थ्य अधिकारियों और कोलकाता के पुलिस प्रमुख को हटाने का फैसला लिया गया है।
हड़ताली डॉक्टरों ने पुलिस पर उठाए थे सवाल
आरजी कर मेडिकल कॉलेज में 9 अगस्त को एक जूनियर डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म के बाद यह मामला तूल पकड़ गया था। डॉक्टरों ने भ्रष्टाचार और सबूतों को छिपाने के आरोप लगाए थे। कोलकाता पुलिस के नॉर्थ जोन के चीफ पर भी सवाल उठाए गए थे, जिसके बाद उनका ट्रांसफर कर दिया गया। हालांकि, सरकारी आदेश के जारी होने तक विरोध जारी रहेगा।
ममता ने किया ₹100 करोड़ की परियोजना का ऐलान
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अस्पताल के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए ₹100 करोड़ की राशि निर्धारित की गई है। हेल्थ डिपार्टमेंट के दो वरिष्ठ अधिकारियों को नई पोस्ट पर ट्रांसफर कर दिया जाएगा। ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि यह फैसला डॉक्टरों के विश्वास की कमी को देखते हुए लिया गया है।
डॉक्टरों ने ममता के फैसले को अपनी जीत बताया
जूनियर डॉक्टरों ने ममता बनर्जी की इस घोषणा को अपनी बड़ी जीत करार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार के मौखिक आश्वासन के बाद भी आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक औपचारिक आदेश नहीं जारी किए जाते। डॉक्टरों का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है और वे स्वास्थ्य सचिव के हटाने की मांग पर भी डटे रहेंगे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद डॉक्टरों का प्रदर्शन
इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही डॉक्टरों को काम पर लौटने का आदेश दिया था, लेकिन पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों ने विरोध प्रदर्शन जारी रखा। पूरे देश के डॉक्टरों ने इस मुद्दे पर एकजुटता दिखाई। जनता का समर्थन भी डॉक्टरों के साथ बना हुआ था, जिससे विरोध प्रदर्शन और भी मजबूत हो गया।
अस्पताल प्रशासन पर सबूतों को छिपाने का आरोप
कोलकाता के RG KAR मेडिकल अस्पताल में 31 वर्षीय जूनियर डॉक्टर की हत्या और दुष्कर्म ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। घटना के बाद पुलिस और अस्पताल प्रशासन पर सबूतों को छिपाने का आरोप लगा। इस मामले में मुख्य संदिग्ध संजय रॉय है। संजय रॉय कोलकाता पुलिस का एक सिविक वॉलंटियर था, को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना ने देशभर में विरोध की लहर पैदा कर दी है।