CV Ananda Bose Harassment Case: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने अपने ऊपर लगाए गए छेड़छाड़ के आरोपों को झूठा और निराधार बताया है। सोमवार को मीडिया से चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि राज्य की मुख्यमंत्री ने मुझे राजनीति में घसीटा है और पॉलिटिकल मु्द्दे पर बोलने के लिए मजबूर किया। उनकी राजनीति बहुत गंदी है, मैं किसी भी सूरत में उनकी 'दीदी गिरी' को स्वीकार नहीं करूंगा। बता दें कि राजभवन की महिला कर्मचारी ने 2 मई को राज्यपाल आनंद बोस के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत कोलकाता पुलिस के पास दर्ज कराई है। एक स्पेशल टीम आरोपों की जांच कर रही है।
ममता बनर्जी की राजनीति गंदी है: राज्यपाल
- गवर्नर आनंद बोस ने न्यूज एजेंसी से कहा- "किसी भी राज्यपाल को राजनीति से दूर रहना चाहिए। अब मुझे बहुत खेद है कि मुख्यमंत्री ने मुझे राजनीति में घसीटा है, खासकर ऐसे समय में जब देश में चुनाव हो रहे हैं। लेकिन अब उन्होंने मेरे खिलाफ जो अपमानजनक बयान दिया है, जो सच्चाई के बहुत दूर है। मैं आपको यह बताने के लिए मजबूर हूं कि एक राजनेता के तौर पर ममता बनर्जी की राजनीति गंदी है, फिर भी मैं ईश्वर से उन्हें बचाने की प्रार्थना करता हूं। यह भगवान के लिए भी मुश्किल काम है, मैं उनकी इस 'दीदी गिरी' को कभी स्वीकार नहीं करूंगा।"
- इससे पहले गवर्नर आनंद बोस ने कहा था कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है। वह इसका सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि इससे कैसे लड़ना है।
सीएम ममता ने प्रधानमंत्री मोदी को घेरा था
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राजभवन में कथित तौर पर यौन उत्पीड़न को लेकर चिंताजनक जाहिर की। उन्होंने एक रैली में कहा था कि राज्यपाल जिन्होंने संदेशखाली पहुंचने में काफी तेजी दिखाई थी, अब उन पर राजभवन की महिला कर्मचारी से छेड़छाड़ का आरोप है। ममता ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुप्पी साधने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आप (प्रधानमंत्री) संदेशखाली में बहुत सारी बातें कह रहे हैं। जैसे ही हमें कुछ गड़बड़ी मिली हमने जरूरी कार्रवाई की। लेकिन असहाय महिला के आरोप सामने आने पर भी आपने राजभवन में पूरी रात बिताई। आप क्यों चुप हैं? (ये भी पढ़ें... गवर्नर पर आरोप लगाने वाली महिला ने क्या कहा?)
राजभवन में पुलिस की एंट्री बैन, फिर कैसे होगी जांच?
- संविधान के मुताबिक, आर्टिकल 361 के तहत पद पर रहते हुए राज्यपाल के खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं हो सकता है। जब राज्यपाल पद से हटेंगे तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ मामले की जांच की जा सकती है। राजभवन ने एक स्टेटमेंट जारी कर पुलिस की एंट्री पर प्रतिबंध लगा दिया है।
- पुलिस राज्यपाल के खिलाफ छेड़छाड़ के आरोपों की जांच कर रही है। कोलकाता पुलिस ने 8 सदस्यीय विशेष जांच टीम (SIT) बनाई है, जिसने राजभवन से सीसीटीवी फुटेज मांगे। इसके लिए 3 मई को राजभवन के ओसी को एक पत्र लिखा। टीम आगे राजभवन के कुछ कर्मचारियों से पूछताछ कर सकती है।
राजभवन में क्वार्टर में रहती है पीड़िता
बंगाल के राज्यपाल पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिला 2019 से राजभवन में संविदा कर्मचारी है। वह राजभवन परिसर में बने आवासीय क्वार्टर में रहती हैं और टेलीफोन कक्ष में ड्यूटी करती हैं। महिलाकर्मी ने अपनी शिकायत में दावा किया कि दो मौके पर राज्यपाल सीवी आनंद ने उसका यौन उत्पीड़न किया।