Mamta Banerjee letter to PM Modi: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को राज्य में आधार कार्डों के अचानक डिएक्टिवेट होने की शिकायत की। इस संबंध में ममता ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह खत अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी पोस्ट किया। ममता ने अपनी चिट्ठी में पीएम मोदी से राज्य में आधार कार्ड के बड़े पैमान पर डिएक्टिवेट होने की वजह बताने का अनुरोध किया है। चिट्ठी में ममता बनर्जी ने लिखा है कि इस तरह की कोशिश नियमों  के मुताबिक सहीं नहीं है। प्राकृतिक न्याय के खिलाफ है। इससे राज्य के लोगों में केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी बढ़ गई है। 

पिछड़े वर्ग के लोगों के आधार कार्ड डिएक्टवेट हो रहे
ममता ने  सोमवार को राज्य में सिटिजन ग्रेवांस पोर्टल ऑफ वेस्ट बंगाल(GoWB ) भी लॉन्च किया। इस पोर्टल से सरकारी योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है। यहां पर आवेदन करने वालों को लाभ के लिए आधार कार्ड होना जरूरी नहीं होगा। ममता ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि पश्चिम-बंगाल की एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के लोगों के आधार कार्ड बड़े पैमाने पर डिएक्टिवेट किए गए हैं।

क्या है आधार कार्ड डिएक्टिवेट करने की वजह
ममता ने चिट्ठी में पूछा है कि बिना कारण बताए आधार कार्ड क्यों डिएक्टिवेट किए जा रहे हैं। इसके पीछे की वजह क्या है। क्या यह विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को उन्हें मिलने वाले फायदे से वंचित रखने के लिए किया जा रहा है। कहीं यह लोकसभा चुनाव से ऐन पहले राज्य के लोगों के बीच घबराहट पैदा करने की कोशिश तो नहीं है। इस बारे में स्पष्ट तौर पर जानकारी दी जानी चाहिए। 

राज्य सरकार लोगों को अलग से जारी करेगी कार्ड
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) बिना किसी जांच के राज्य के लोगों के आधार कार्ड कैंसल कर रहा है। इसकी ओर से लोगों को डिएक्टिवेशन की चिट्ठी जारी की जा रही है। ममता ने कहा कि जिन लोगोंं का नाम आधार कार्ड से काटा जा रहा है, उन्हें राज्य सरकार अलग से कार्ड जारी करेगी। हम किसी गरीब के साथ गलत नहीं होने देंगे। जिन लोगों के भी आधार कार्ड डिएक्टिवेट किए गए हैं, वह तुरंत इसकी सूचना सरकार को दें। 

मतुआ समुदाय से किए गए वादे पूरे नहीं हो रहे
ममता बनर्जी ने एक सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने मतुआ समुदाय के लोगों को नागरिकता देने का वादा किया था। अब अपने इस वादे से मुकर रही है। उन्हें विदेशी बताया जा रहा है, क्या यह उनका अपमान नहीं है। जो लोगा आधार कार्ड के साथ खेल रहे हैं, उन्हें एक वक्त ऐसा भी आएगा जब जनता अंधेरे में फेंक देगी। सरकार मतुआ समुदाय के लोगों को वैकल्पिक कार्ड देगी। इससे उन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। बीजेपी याद रखे कि हम बंगाल में किसी भी हालत में एनआरसी नहीं लागू होने देंगे। हम उसके लिए अपना खून देने के लिए भी तैयार हैं।