Manipur Internet Ban: मणिपुर सरकार ने एक बार फिर इंटरनेट सेवाओं पर लगी पाबंदी बढ़ा दी है। राज्य में लगातार हो रही हिंसक घटनाओं को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। इंटरनेट बैन 20 सितंबर तक जारी रहेगा। यह बैन इम्फाल वेस्ट, इम्फाल ईस्ट, थौबाल, बिशनुपुर और काकचिंग जिलों में लागू किया गया है। सरकार ने यह आदेश 15 सितंबर को जारी किया, जिसमें बताया गया कि इंटरनेट सेवाएं अगले 5 दिनों तक बंद रहेंगी। 

कानून व्यवस्था में सुधार नहीं
मणिपुर में कानून और व्यवस्था की स्थिति अब भी पूरी तरह सामान्य नहीं हो सकी है। पहले 10 सितंबर से 5 दिन के लिए इंटरनेट बैन लगाया गया था, लेकिन स्थिति में सुधार न होने की वजह से इसे बढ़ाने का फैसला लिया गया। मणिपुर सरकार ने यह निर्णय पिछले दो हफ्तों के दौरान इंटरनेट बंदी के दौरान कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के बाद लिया। इस अवधि में VSAT और VPN सेवाओं पर भी रोक जारी रहेगी।

राहत शिविरों में पहुंची CRPF टीम
13 सितंबर को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल मनीष कुमार सचार ने कांगपोकपी जिले के थांगकनपाई गांव में एक राहत शिविर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कूकी समुदाय के लोगों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि राहत शिविर में 100 से अधिक परिवार रह रहे हैं और इनकी केवल एक ही मांग है कि वे अपनी सामान्य जिंदगी में लौट सकें। (CRPF visit)

बड़ी मात्रा में हथियारों की बरामदगी
12 सितंबर को मणिपुर पुलिस और भारतीय सेना ने एक संयुक्त अभियान में चुराचांदपुर जिले से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया। इस अभियान में CRPF और सीमा सुरक्षा बल (BSF) की भी सहायता ली गई थी। बरामद किए गए हथियारों में 7.62 मिमी की एक AK सीरीज असॉल्ट राइफल, तीन मध्यम आकार के देशी मॉर्टार और अन्य युद्ध सामग्री शामिल थे।

इंटरनेट बैन क्यों है जरूरी?
मणिपुर में इंटरनेट बैन का उद्देश्य अफवाहों और गलत सूचना के प्रसार को रोकना है। सरकार का मानना है कि इंटरनेट सेवाएं चालू होने से राज्य में शांति और व्यवस्था बनाए रखना कठिन हो सकता है। यही कारण है कि बार-बार इंटरनेट सेवाओं को निलंबित किया जा रहा है। मणिपुर में चुनाव को लेकर भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसी के मद्देनजर सरकार ने इंटरनेट पर बैन को जरूरी कदम बताया है। स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि इंटरनेट बैन का मकसद केवल शांति और सुरक्षा बनाए रखना है ताकि किसी भी प्रकार की हिंसा को रोका जा सके।