Manipur Tension updates: मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा भड़क उठी है। मणिपुर में हालिया हिंसा से स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। जिरीबाम जिले में शनिवार को कुकी उग्रवादियों ने पुलिस स्टेशन और सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया। इस दौरान अंधाधुंध फायरिंग की गई। जवाब में सीआरपीएफ ने सख्ती से मोर्चा संभाला और लगभग 45 मिनट की भीषण गोलीबारी के बाद हालात पर काबू पाया गया। इस मुठभेड़ में 11 उग्रवादी मारे गए। घटना के बाद पूरे इलाके में डर का माहौल है। प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए कर्फ्यू लगा दिया गया है।

इलाके में कर्फ्यू और तलाशी अभियान जारी
हमले के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया। पुलिस ने मारे गए उग्रवादियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए। इसमें तीन एके-47, चार एसएलआर, दो इंसास राइफल, एक आरपीजी और पंप एक्शन गन शामिल हैं। इसके अलावा बीपी हेलमेट और कई मैगजीन भी बरामद की गईं। इन हथियारों की बरामदगी से इस हमले की गंभीरता को समझा जा सकता है।

कुकी संगठन ने बुलाया बंद
घटना के बाद कुकी-जो काउंसिल ने मंगलवार सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक बंद का आह्वान किया है। संगठन ने इसे अपने समुदाय के लोगों के प्रति एकजुटता और दुख प्रकट करने का माध्यम बताया है। कुकी संगठन ने इस हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि उनके समुदाय के कई ग्राम स्वयंसेवकों की हत्या कर दी गई है। इसके जवाब में उन्होंने पूरी पहाड़ी इलाके में बंद का समर्थन करने की अपील की है।

सीआरपीएफ के दो जवान घायल
मणिपुर पुलिस ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए बताया कि इस हमले में सीआरपीएफ के दो जवान घायल हुए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। घायल जवान का इलाज असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज में जारी है। सुरक्षाबलों ने बताया कि इलाके में उग्रवादियों के खिलाफ अभियान जारी रहेगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। सीआरपीएफ और असम राइफल्स की कई टुकरियां तैनात की गई है। इसके साथ सिविल पुलिस की टीमें चप्पे-चप्पे पर गश्त कर रही हैं।

लंबे समय से जारी है मणिपुर में हिंसा
मणिपुर में पिछले साल 3 मई से हिंसा का दौर शुरू हुआ था, जो अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय संघर्ष में सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और हजारों लोग बेघर हो चुके हैं। जिरीबाम जैसे कई इलाकों में रह-रह कर हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। बीते दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें उग्रवादियों ने गांवों में हमला किया है और आगजनी की है।

लोगों में डर का माहौल
घटना के बाद स्थानीय लोगों में डर का माहौल है। बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन परिसर में बने राहत शिविर में रह रहे कुछ लोग लापता हो गए हैं। आशंका है कि वे इस हमले के दौरान छिप गए हैं या उग्रवादियों द्वारा अगवा कर लिए गए हैं। पुलिस ने कहा कि लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कर्फ्यू लागू कर दिया गया है। फिलहाल उनकी तलाश जारी है, लेकिन स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है।

मैतेई-कुकी संघर्ष है काफी पुराना
मणिपुर का जातीय संघर्ष काफी पुराना है। मैतेई समुदाय के लोग इंफाल घाटी में रहते हैं और कुकी समुदाय पहाड़ों में। पिछले साल मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के बाद इस विवाद ने और जोर पकड़ा। कुकी समुदाय इस मांग का विरोध कर रहा है। दोनों समुदायों के बीच लगातार संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। मणिपुर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में शांति बहाल करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।