Manipur Violence Updates: मणिपुर में एक बार फिर हिंसा का दौर शुरू हो गया है। पिछले 48 घंटों के दौरान अलग-अलग घटनाओं में बुधवार और गुरुवार को हिंसा पांच 5 नागरिकों और तीन सेना के जवान मारे गए। मृतकों में पिता-पुत्र भी शामिल हैं। मणिपुर पुलिस ने गुरुवार 18 जनवरी को बताया उग्रवादियों ने बिष्णुपुर जिले में ​​​ओइनम बमोलजाओ (61 साल) और उनके बेटे ओइनम मैनिटोम्बा (35 साल) की हत्या कर दी। साथ ही उसी जिले के स्वयंसेवक थियाम सोमेन (54 साल) की भी गोली मार दी गई। इससे थियाम की मौत हो गई। 

वहीं, बुधवार की रात कांगपोकपी जिले की सीमा से लगे इम्फाल पश्चिम जिले के कांगचुप में एक गांव के स्वयंसेवक ताखेललंबम मनोरंजन (26) की मौत हो गई। साथ ही एक अन्य स्वयंसेवक मंगशताबम वांगलेन भी गोली लगने से घायल हो गया था। दो दिनों की हिंसा में 8 लोगों की मौत हुई है। बीते 8 महीने से राज्य में हिंसा नहीं थम नहीं है। 

बुधवार की देर रात मणिपुर पुलिस ने बताया कि उग्रवादियों ने घात लगाकर सुरक्षाबलों पर हमला किया। जिसमें मणिपुर राइफल्स के एक जवान, मणिपुर पुलिस के आईआरबी फोर्स के एक जवान और भारतीय रिजर्व बटालियन के एक जवान समेत तीन सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई। 

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सुरक्षाबलों पर क्या म्यांमार के आतंकियों ने किया हमला?
वहीं, बुधवार को थौबल जिले में सुरक्षा बलों पर हुई गोलीबारी की घटना में विदेशी आतंकियों के शामिल होने के बात सामने आ रही है। मणिपुर से सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा कि म्यांमार के कई आतंकी हिंसा के लिए भाड़े पर बुलाए गए थे। उन्होंने कहा कि इसमें म्यांमार स्थित आतंकवादियों के शामिल होने की संभावना है, लेकिन अभी तक कोई सबूत नहीं है। उन्होंने कहा कि कमांडो कम ऊंचाई पर हैं, और आतंकवादी ऊंचे स्थानों से गोलीबारी कर रहे हैं। हमने फैसला किया है कि कमांडो को ऊंचे स्थान पर तैनात किया जाना चाहिए।

मणिपुर में अब तक 200 से ज्यादा मौतें
मणिपुर 3 मई, 2023 को हिंसा भड़की थी। तब से कुकी और मैतेई के बीच जातीय हिंसा जारी है। अब तक 200 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। राज्य में अब तक 65 हजार से ज्यादा लोग अपना घर छोड़ चुके हैं। 6 हजार मामले दर्ज हुए हैं और 144 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।