Manmohan Singh Memorial Controversy: देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार (26 दिसंबर) को 92 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। अपनी ईमानदार छवि और शानदार आर्थिक नीतियों के लिए मशहूर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार और स्मारक को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में ठन गई है। कांग्रेस ने इसे देश के पहले सिख पीएम का अपमान बताया। वहीं, बीजेपी ने भी कांग्रेस पर पलटवार किया। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि आखिर सरकार ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का स्मारक बनवाने के लिए कोई जगह क्यों तय नहीं किया। इसको लेकर दे रात तक शिकायतें होती रहीं। मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर स्मारक के लिए तुरंत कोई उपयुक्त जगह तलाशने का अनुरोध किया। हम आपको यहां बता रहे हैं कि इस मामल में अब तक क्या हुआ है।
खड़गे की चिट्ठी पर गृह मंत्रालय ने दिया जवाब
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सरकार से मांग की कि पूर्व पीएम का अंतिम संस्कार वहीं किया जाना चाहिए, जहां पर उनका स्मारक बनेगा। कांग्रेस ने स्मारक के लिए जगह नहीं तय करने को लेकर केंद्र सरकार पर निशान साधा। मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस मुद्दे को लेकर पीएम मोदी से फोन पर भी बातचीत की। खड़गे ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए चिट्ठी पब्लिक कर दी। इसके बाद गृह मंत्रालय ने देर रात जवाब दिया। कहा कि अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर होगा और दिल्ली में एक जगह तलाशकर उसपर मनमोहन सिंह का स्मारक बनाया जाएगा। इसके लिए एक ट्रस्ट भी बनाया जाएगा। इन सब कामों में वक्त लग जाएगा।
कांग्रेस ने स्मारक को लेकर रखी थी कई डिमांड?
ऐसा कहा जा रहा है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की स्मारक को लेकर कांग्रेस ने सरकार के सामने कई मांगे रखी थी। पहली मांग तो यही थी कि अंतिम संस्कार वहीं पर हो जहां,स्माकर बनाया जाए। दूसरी बड़ी मांग थी कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार ऐसी जगह पर किया जाए जहां पर इससे पहले किसी भी पूर्व प्रधानमंत्री की अंत्येष्टि नहीं की गई हो। टाइम्स की रिपोर्ट में तो यहां तक दावा किया गया है कि कांग्रेस का कहना था कि किसी भी पूर्व पीएम का कद मनमोहन सिंह के बराबर नहीं था और यही वजह है कि ऐसी जगह पर उनकी अंत्येष्टि की जाए, जहां पर किसी और पूर्व पीएम का अंतिम संस्कार नहीं हुआ हो।
वेणुगोपाल बोले- यह देश के पहले सिख पीएम का अपमान
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक, मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर ने ही यह इच्छा जाहिर की थी कि उनका अंतिम संस्कार उसी जगह पर किया जाए, जहां पर स्मारक बनाया जाना है। कांग्रेस के नेता केसी वेणुगोपाल ने तो इसे देश के पहले सिख प्रधानमंत्री का अपमान बता दिया। वेणुगोपाल ने कहा कि यह देश के पहले सिख् प्रधानमंत्री का अपमान है। वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि अगर सरकार के पास जगह की कमी महसूस हो रही है कि मनमोहन सिंह का स्मार इंदिरा गांधी के स्मारक शक्ति स्थल या फिर राजीव गांधी स्मारक वीरभूमि के पास बनाया जा सकता है।
कांग्रेस महासचिव जयराम नरेश ने जताई नाराजगी
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पीएम मोदी को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए चिट्ठी लिखी है जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि हमारे देश के लोग सीधे-सादे हैं। वह समझते हैं कि भारत सरकार पूर्व प्रधानमंत्री के स्मारक के लिए एक अनुकूल जगह क्यों नहीं खोज पा रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का स्मारक उनके वैश्विक कद, शानदार उपलब्धियों और दशकों तक उनकी ओर से राष्ट्र को दी गई सेवाओं के मुताबिक होनी चाहिए।
बीजेपी ने सांसद बोले- सरकार बनाएगी स्मारक
बीजेपी सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का स्मारक बनवाएगी। गृह मंत्री अमित शाह ने मल्लिकार्जुन खड़गे को इसकी जानकारी दे दी है। स्मारक के लिए भूमि अधिग्रहण और ट्रस्ट का गठन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके बाद उचित प्रक्रियाओं का पालन करते हुए स्मारक का निर्माण कराया जाएगा। स्मारक का निर्माण जल्द से जल्द किया जाएगा।
कांग्रेस ने कभी मनमोहन सिंह को सम्मान नहीं दिया
सुधांशु त्रिवेदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस ने कभी भी मनमोहन सिंह को सम्मान नहीं दिया। आज जब उनका निधन हो गया है तो कांग्रेस राजनीति कर रही है। मनमोहन सिंह गांधी कांग्रेस पार्टी के पहले ऐसे प्रधानमंत्री थे जो नेहरू-गांधी परिवार से ताल्लुक नहीं रखते थे। यह बेहद दुख की घड़ी है। ऐसे समय में राजनीति करने से बचना चाहिए। पीएम मोदी की सरकार ने पार्टी की भावनाओं से ऊपर उठकर हमेशा सभी नेताओं को सम्मान दिया है।
क्या यह विवाद तूल पकड़ेगा?
फिलहाल पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करने के लिए कांग्रेस मान गई है। राहुल गांधी, सोनिया गांधी और कांग्रेस के सभी बड़े नेता शनिवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पहुंचे। जहां पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार किया गया। हालांकि, अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह मामला तूल पकड़ेगा। कांग्रेस ने जिस तरह से अपनी मांगे रखी हैं, उससे तो फिलहाल यही लग रहा है कि इसको लेकर बात यहीं नहीं रुकने वाली। यह स्मारक के लिए अगर केंद्र सरकार जगह चुनती है तो यह कांग्रेस को पसंद होगा या नहीं? अगर पसंद नहीं हुआ तो फिर इसको लेकर मामला तूल पकड़ सकता है। इसके साथ ही स्मारक के लिए कितना फंड आवंटित किया जाता है, इसका डिजाइन क्या होगा और इसके लिए बनने वाले ट्रस्ट में किसकी भागीदारी होगी, इस मुद्दे को लेकर भी कांग्रेस और बीजेपी में विवाद गहराने की संभावना है।