मनोज कुमार को राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई, पंचतत्व में विलीन 'भारत कुमार'; अमिताभ समेत कई दिग्गज पहुंचे

Manoj Kumar passed away: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक मनोज कुमार का शुक्रवार को मुंबई के कोकिलाबेन अस्पताल में निधन हो गया। वे 87 वर्ष के थे। आज (शनिवार) उनका अंतिम संस्कार मुंबई के पवनहंस श्मशान घाट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। अभिनेता और फिल्म निर्देशक मनोज कुमार की पत्नी शशि गोस्वामी अपने पति के अंतिम संस्कार में शामिल हुईं। इसके साथ ही अमिताभ बच्चन बेटे अभिषेक के साथ मनोज कुमार के अंतिम संस्कार में शामिल हुए।
21 तोपों की सलामी
मनोज कुमार के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा गया और सेना की ओर से 21 तोपों की सलामी दी गई। यह दृश्य हर उस व्यक्ति की आंखें नम कर गया, जिसने कभी उनकी देशभक्ति से ओतप्रोत फिल्मों को देखा और महसूस किया था।
VIDEO | Mumbai: Mortal remains of veteran actor Manoj Kumar, who passed away at the age of 87, brought to Pawan Hans crematorium for last rites.
— Press Trust of India (@PTI_News) April 5, 2025
(Full video available on PTI Videos - https://t.co/n147TvqRQz) pic.twitter.com/sp2Oc9p6ml
नम आंखों से अंतिम विदाई
शनिवार सुबह से ही उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके गोस्वामी टावर्स स्थित निवास पर बड़ी संख्या में प्रशंसक, परिवारजन और फिल्म इंडस्ट्री के लोग पहुंचे। सबकी आंखें नम थी। सबने यही कहा- एक युग अब समाप्त हो गया है।
प्रेम चोपड़ा ने याद किया
अभिनेता प्रेम चोपड़ा ने कहा, "हम शुरुआत से ही साथ थे। यह एक शानदार सफर रहा। उनके साथ काम करके हर किसी को फायदा हुआ। मुझे भी उनसे बहुत कुछ मिला। वह मेरे बहुत अच्छे दोस्त थे, बल्कि कह सकता हूं कि वह मेरे सबसे अच्छे दोस्तों में से एक थे।"
VIDEO | Manoj Kumar No More: Actor Prem Chopra says, "We have been together from the beginning, and it has been a great journey. Everyone has benefitted by working with him, I have also benefitted from him. He was a very, very good friend of mine; rather he was one of my best… pic.twitter.com/ZvKy7wD241
— Press Trust of India (@PTI_News) April 5, 2025
भारत कुमार के नाम से जानें जाते थे मनोज
मनोज कुमार को ‘भारत कुमार’ के नाम से इसलिए जाना गया क्योंकि उन्होंने "पूरब और पश्चिम", "शहीद", "रोटी कपड़ा और मकान", और "क्रांति" जैसी फिल्मों के जरिए देशभक्ति की भावना को जन-जन तक पहुंचाया। उनकी फिल्मों में सिर्फ अभिनय ही नहीं, एक संदेश भी होता था।
सिनेमा का वह युग जो कभी भुलाया नहीं जा सकता
मनोज कुमार ने हिंदी सिनेमा में एक ऐसा दौर जिया जब फिल्मों का मकसद सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि समाज को जागरूक करना भी होता था। उन्होंने अपनी लेखनी, निर्देशन और अभिनय के ज़रिए दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई। उनकी विदाई सिर्फ एक कलाकार की विदाई नहीं है, बल्कि एक सोच, एक विचार और एक युग की विदाई है।
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