Modi New Cabinet: पीएम मोदी का क्या है पोर्टफोलियो, सहयोगी दलों, नए चेहरों को मिला कौन सा विभाग, जाने कैबिनेट की अहम बातें

PM Modi New Cabinet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट के अहम विभागों का बंटवारा हो गया है। आइए जानते हैं पीएम मोदी ने अपने पास रखा कौन सा पोर्टफोलियो, सहयोगी दलों और नए चेहरों को कौन सा विभाग सौंपा, किन मंत्रियों को सौंपी गई पुरानी जिम्मेदारी;

Update:2024-06-11 07:56 IST
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Modi New Cabinet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार के कैबिनेट में सोमवार को विभागों का बंटवारा हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट के अहम विभागों  को बांटने में गठबंधन धर्म का पालन किया है। एनडीए के सहयोगियों को महत्वपूर्ण मंत्रालय देकर, मोदी सरकार ने ने अपनी तीसरे कार्यकाल की मजबूत नींव रखने की  कोशिश है। राजनाथ सिंह, अमित शाह, एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण को पुराने मंत्रालय सौंपे गए। आइए जानते हैं पीएम मोदी ने अपने पास रखा कौन सा पोर्टफोलियो, सहयोगी दलों और नए चेहरों को कौन सा विभाग सौंपा, किन मंत्रियों को सौंपी गई पुरानी जिम्मेदारी

सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) में नहीं हुआ कोई बदलाव
मोदी 3.0 ने सुरक्षा कैबिनेट समिति में कोई बदलाव नहीं किया है। इसमें उन सभी पुराने चेहरों को शामिल किया गया है जो पिछली सरकार में थे। इसे आप मोदी कैबिनेट की कोर टीम कह सकते हैं। 

  • राजनाथ सिंह: रक्षा मंत्री (पहले भी रक्षा मंत्री)
  • अमित शाह: गृह मंत्री (पहले भी गृह मंत्री)
  • निर्मला सीतारमण: वित्त मंत्री (पहले भी वित्त मंत्री)
  • एस जयशंकर: विदेश मंत्री (पहले भी विदेश मंत्री)

नए चेहरे को सौंपा गया कौन सा विभाग

  • जेपी नड्डा: स्वास्थ्य विभाग (पहले मनसुख मंडाविया)
  • शिवराज सिंह चौहान: कृषि मंत्री (पहले नरेंद्र सिंह तोमर)
  • मनोहर लाल खट्टर: आवास एवं शहरी मामले, ऊर्जा मंत्री (पहले हरदीप सिंह पुरी और आरके सिंह)

किन विभागों में किया गया बदलाव:

  • मनसुख मंडाविया: श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, युवा मामले एवं खेल मंत्रालय (पहले भूपेंद्र यादव और अनुराग ठाकुर)
  • प्रहलाद जोशी: उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री (पहले पीयूष गोयल और आरके सिंह)
  • ज्योतिरादित्य सिंधिया: संचार मंत्रालय, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (पहले अश्विनी वैष्णव और गजेंद्र सिंह शेखावत)
  • गजेंद्र सिंह शेखावत: संस्कृति मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय (पहले जी किशन रेड्डी)
  • किरेन रिजिजू: संसदीय मामले, अल्पसंख्यक मामले मंत्री (पहले प्रह्लाद जोशी और मुख्तार अब्बास नकवी)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का क्या है पोर्टफोलियो

  • कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
  • परमाणु ऊर्जा विभाग
  • अंतरिक्ष विभाग
  • अन्य विभाग जो किसी मंत्री को आवंटित नहीं हैं

दूसरे प्रमुख मंत्रियों के विभाग:

  • नितिन गडकरी: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री (पहले भी)
  • सर्बानंद सोनोवाल: बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री (पहले भी)
  • भूपेंद्र यादव: पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री (पहले भी)
  • वीरेंद्र कुमार: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री (पहले भी)
  • अश्विनी वैष्णव: रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री (पहले भी)
  • पीयूष गोयल: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री (पहले भी)
  • धर्मेंद्र प्रधान: केंद्रीय शिक्षा मंत्री (पहले भी)
  • हरदीप सिंह पुरी: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री (पहले भी)

एनडीए सहयोगी दलों से कौन कौन बने मंत्री:

  • किंजरापु राम मोहन नायडू (TDP): नागरिक उड्डयन मंत्री
  • चिराग पासवान (LJP): खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री )
  • प्रतापराव जाधव (शिवसेना): आयुष मंत्रालय राज्य मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय राज्य मंत्री 
  • एचडी कुमारस्वामी (जेडीएस): भारी उद्योग एवं सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय 
  • जीतन राम मांझी (हम): सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (नया शामिल)
  • राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) (जेडीयू): पंचायती राज मंत्रालय, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय
  • जयंत चौधरी: कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय स्वतंत्र प्रभार 
  • पेम्मासनी चंद्रशेखर (TDP): ग्रामीण विकास एवं संचार राज्य मंत्री 
  • रामनाथ ठाकुर (जेडीयू): कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री

पहली बार सांसद बने मंत्री को मिले कौन से विभाग:
सुरेश गोपी: पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री, पर्यटन राज्य मंत्री 
रवनीत सिंह बिट्टू: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री, रेलवे राज्य मंत्री 

उमर अब्दुल्ला ने विभाग आवंटन पर उठाए सवाल
इस बीच, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को दावा किया कि एनडीए के सहयोगियों को महत्वपूर्ण विभाग नहीं मिले। एक्स पर एक पोस्ट में अब्दुल्ला ने कहा, "मोदी 3.0 मंत्रालय में एनडीए के सहयोगियों द्वारा उचित हिस्सेदारी के लिए दबाव डालने की सभी बातों के बावजूद, सत्ता के गलियारों में उनका कोई खास प्रभाव नहीं है।" उन्होंने यह भी दावा किया कि लोकसभा स्पीकर का पद भी भाजपा के पास ही रहेगा।

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