Modi 3.0 NDA majority 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आ चुके हैं, और एनडीए गठबंधन ने 292 सीटें हासिल कर बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। बीजेपी ने अकेले 240 सीटों पर जीत दर्ज की है, जो बहुमत से थोड़ी कम है, लेकिन सहयोगी दलों के साथ मिलकर सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है। इस बीच, सभी की निगाहें जेडीयू के नीतीश कुमार और टीडीपी के चंद्रबाबू नायडू पर टिकी हैं, जो किंगमेकर की भूमिका निभा रहे हैं। आइए समझते हैं कि अगर नीतीश कुमार या चंद्रबाबू नायडू एनडीए का साथ छोड़ते भी हैं तो भी मोदी सरकार कैसे आसानी से चलती रहेगी।

एनडीए का गणित समझिए
एनडीए गठबंधन में कई क्षेत्रीय पार्टियां शामिल हैं, जिनमें नीतीश कुमार की जेडीयू और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी प्रमुख हैं। एनडीए को कुल 292 सीटें मिली हैं, जो बहुमत के 272 सीटों के आंकड़े से 20 अधिक हैं। इस प्रकार, एनडीए को अकेले सरकार बनाने में कोई समस्या नहीं है।

बीजेपी ने अकेले 240 सीटें जीती हैं, जो बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटों से 32 कम हैं। हालांकि, जब टीडीपी (16 सीटें), एकनाथ शिंदे की शिवसेना (7 सीटें), और जेडीयू (12 सीटें) की सीटें जोड़ी जाती हैं, तो यह कमी पूरी हो जाती है और एनडीए बहुमत से काफी आगे निकल जाता है।

NDA majority 2024

नायडू या नीतीश के बिना भी सरकार बनाना संभव
1.चंद्रबाबू नायडू के बिना:
टीडीपी के पास 16 सीटें हैं। अगर चंद्रबाबू नायडू की पार्टी एनडीए से अलग हो जाती है, तो भी एनडीए के पास 276 सीटें (292 - 16 = 276) बचती हैं, जो बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटों से 4 ज्यादा हैं। यानी, एनडीए बिना नायडू के भी सरकार बना सकती है।

2.नीतीश कुमार के बिना:
जेडीयू के पास 12 सीटें हैं। अगर नीतीश कुमार एनडीए का साथ छोड़ते हैं, तो एनडीए की सीटें घटकर 280 (292 - 12 = 280) रह जाएंगी, जो बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटों से 8 ज्यादा हैं। इसलिए, एनडीए बिना नीतीश कुमार के भी सरकार बनाने में सक्षम है।

निर्दलीय और छोटे दलों की भूमिका
इस बार 7 निर्दलीय और 11 छोटे दलों के सांसद जीते हैं, जो न तो एनडीए में हैं और न ही इंडिया गठबंधन में। इनमें से कई सांसद बीजेपी के पूर्व सहयोगी हैं, इसलिए संभावना है कि ये सांसद एनडीए का समर्थन कर सकते हैं। इससे एनडीए का पलड़ा और भी भारी हो जाएगा।

 

नीतीश और चंद्रबाबू के साथ छोड़ने पर क्या होगा विकल्प? जानिए स्टेप बाई स्टेप

  • एनडीए की कुल सीटें: 292
  • बीजेपी की सीटें: 240
  • नीतीश कुमार की जेडीयू (JDU) की सीटें: 12
  • चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी (TDP) की सीटें: 16
  • अब, यदि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू दोनों एनडीए का साथ छोड़ देते हैं, तो इनकी सीटें एनडीए की कुल सीटों से घट जाएंगी।
  • एनडीए की सीटें जेडीयू और टीडीपी की सीटें घटाने के बाद: 292 - 12 (जेडीयू) - 16 (टीडीपी) = 264 होगी
  • इस स्थिति में, एनडीए के पास 264 सीटें बचेंगी, जो कि बहुमत (272 सीटें) से महज 8 सीटें कम होंगी ऐसे में बीजेपी 11 निर्दलीय और छोटी पार्टियों के सांसदों को साथ लेकर आराम से अपना काम काज जारी रख सकेगी। 

एनडीए गठबंधन के बहुमत को लेकर देखें हमारी यह रिपोर्ट:

मोदी 3.0 के काम काज में नहीं आएगी कोई अड़चन
एनडीए को 2024 के चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिला है, और उनके पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें हैं। नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू जैसे प्रमुख सहयोगियों के बिना भी एनडीए सरकार बना सकती है। इसके अलावा, निर्दलीय और छोटे दलों के समर्थन से एनडीए की स्थिति और भी मजबूत होगी। इस लिहाज से देखें तो मोदी सरकार के तीसरे टर्म में कोई बड़ी अड़चन नहीं दिख रही है। 8 जून को पीएम मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने की संभावना है। इस तरह, एनडीए आसानी से अपनी सरकार जारी रख  सकती है।