Modi Government Bans Separatist Groups: केंद्र की मोदी सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंक और अलगाववाद को बढ़ावा देने में शामिल लोगों पर बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने जेल में बंद आतंकी आरोपी यासीन मलिक की पार्टी जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट, जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग और चार जम्मू-कश्मीर पीपुल्स लीग गुटों पर प्रतिबंध लगा दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने वाले किसी भी व्यक्ति को कठोर कानूनी परिणाम भुगतने होंगे।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जे-के पीपुल्स लीग के चार गुटों- जेकेपीएल (मुख्तार अहमद वाजा), जेकेपीएल (बशीर अहमद तोता), जेकेपीएल (गुलाम मोहम्मद खान) और याकूब शेख के नेतृत्व वाली जेकेपीएल (अजीज शेख) पर भी प्रतिबंध लगा दिया।
अमित शाह ने कहा- आतंकी संगठनों को बख्शेगी नहीं सरकार
अमित शाह ने 'एक्स' पर लिखा, 'मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (मोहम्मद यासीन मलिक गुट) को अगले पांच साल के लिए 'गैरकानूनी संगठन' घोषित कर दिया है। मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पीपुल्स फ्रीडम लीग को पांच साल के लिए प्रतिबंधित समूह घोषित किया गया था। लीग ने आतंकवाद के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के अलगाव को बढ़ावा, सहायता और बढ़ावा देकर भारत की अखंडता को खतरे में डाला है। मोदी सरकार आतंकी गतिविधियों में शामिल लोगों और संगठनों को बख्शेगी नहीं।
यासीन पर तीन बड़े आरोप
- भारतीय वायुसेना के 4 जवानों की हत्या।
- जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम मुफ्ती मोहम्मद की बेटी का अपहरण।
- कश्मीरी पंडितों की हत्या कर उन्हें घाटी छोड़ने के लिए मजबूर करना।
कौन है यासीन मलिक?
यासीन मलिक घाटी का एक प्रमुख अलगाववादी लीडर है। उसने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट संगठन बनाया था। उस पर घाटी के युवाओं को भड़काने और हथियार उठाने के लिए प्रेरित करने का आरोप है। उसकी राजनीति में भी काफी सक्रियता रही है। यासीन मलिक को अब 9 मामलों में सजा हो चुकी है। जिसमें 5 साल की सजा से लेकर उम्रकैद और जुर्माना भी शामिल है। इस समय वह तिहाड़ जेल में बंद है।