MP again leopard state: मध्य प्रदेश एक बार फिर तेंदुआ स्टेट बन गया। केंद्रीय पर्यावरण, मंत्री भूपेन्द्र यादव ने रिपोर्ट जारी कर बताया कि देश के सर्वाधिक 3907 तेंदुए मध्यप्रदेश के जंगलों में उपलब्ध हैं। मप्र को लगातार दूसरी बार तेंदुआ स्टेट घोषित किए जाने पर मुख्यमंत्री मोहन यादव और वन मंत्री नागर सिंह चौहान ने विभागीय अमले को दी बधाई दी है। कहा, उनकी वजह से ही यह उपलब्धि मिली है।
मध्यप्रदेश के बाद देश में तेंदुओं की सर्वाधिक संख्या महाराष्ट्र में हैं। यहां 1985 तेंदुए उपलब्ध हैं। जबकि, कर्नाटक में 1,879 और तमिलनाडु में 1,070 तेंदुए रहते हैं। वर्ष 2018 में मप्र में 3421 तेंदुए मिले थे, जो बढ़कर 3907 हो गए हैं। टाइगर रिजर्व वाले क्षेत्र में सर्वाधिक तेंदुए आंध्रप्रदेश के श्रीशैलम में नागार्जुन सागर और मप्र में पन्ना और सतपुड़ा के जंगलों में हैं। वन राज्य मंत्री दिलीप अहिरवार ने इन्हें जंगल की शान बताया।
नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने रिपोर्ट सार्वजनिक करते हुए बताया कि देश में तेंदुओं की आबादी 13,874 (रेंज 12,616 - 15,132) होने का अनुमान है। जो छह साल पहले 2018 में 12852 (12,172-13,535) की तुलना में स्थिर आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह अनुमान तेंदुए के निवास स्थान की 70 प्रतिशत आबादी को दर्शाता है। इसमें हिमालय और देश के अर्धशुष्क हिस्सों के आंकड़े नहीं हैं। क्योंकि यह बाघों का निवास स्थान नहीं हैं।
मध्य भारत में तेंदुओं की आबादी बढ़ी है (2018: 8071, 2022: 8820), शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानी इलाकों में गिरावट देखी गई (2018: 1253, 2022: 1109)। यदि हम उस क्षेत्र को देखें जिसका पूरे भारत में 2018 और 2022 दोनों में नमूना लिया गया था, तो प्रतिवर्ष 1.08 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। शिवालिक पहाड़ियों और गंगा के मैदानों में, प्रतिवर्ष -3.4 प्रतिशत की गिरावट हो रही है, जबकि सबसे बड़ी वृद्धि दर मध्य भारत और पूर्वी घाट में 1.5 प्रतिशत थी।