जम्मू-कश्मीर: राजौरी जिला  'रहस्यमय' बीमारी की चपेट में, अब तक 8 की मौत, सरकार ने विशेषज्ञों को बुलाया

Mysterious illness in Jammu & Kashmir
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जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एक अज्ञात बीमारी ने अब तक 8 लोगों की जान ले ली है।
Mysterious illness in Jammu & Kashmir:जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एक अज्ञात बीमारी फैल गई है। इस बीमारी से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। बीमारी के बारे में पता लगाने के लिए एक सेंट्रल टीम राजौरी भेजी गई है।

Mysterious illness in Jammu & Kashmir: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एक अज्ञात बीमारी फैल गई है। इस बीमारी से अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार को राजौरी के अस्पताल में इस रहस्यमय बीमारी से एक और बच्चे की मौत हो गई। इस बीमारी से मरने वालों की बढ़ती संख्या को देखते हुए स्वास्थ्य महकमे के अफसर चिंतित हैं। इस बीमारी के बढ़ते मामले को देखते हुए गांव में इसके फैलने की जांच करने के लिए एक सेंट्रल कमेटी गठित की गई है।

मोबाइल लैब राजौरी भेजी गई
राजौरी जिले के डिप्टी कमिश्नर (डीसी) अभिषेक शर्मा ने बधाल गांव में जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए सोमवार को कोटरंका का दौरा किया। अज्ञात बीमारी से मरने वालों में 14 साल से कम उम्र के सात बच्चे भी शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने कहा है कि टेस्टिंग में तेजी लाने और बीमारी की पहचान करने के लिए एक बायोसेफ्टी लेवल 3 (बीएसएल-3) मोबाइल लैब राजौरी भेजी है। राजौरी जिले के कोटरंका तहसील के बधाल गांव में यह मामले सामने आए हैं।

एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत
इस बीमारी से बधाल गांव के एक ही परिवार के तीन बच्चों की मौत हो गई है। सबसे ताजा मामला बुधवार का है। मोहम्मद रफीक के बारह साल के बेटे अशफाक अहमद ने बुधवार को जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। अशफाक इसी बीमारी की चपेट में आने के बाद बीते 6 दिनों से अस्पताल में भर्ती था। इससे पहले अशफाक के सात साल के छोटे भाई इश्तियाक और उसकी पांच साल की बहन नाजिया की भी इसी बीमारी की वजह से मौत हुई थी।बता दें कि रहस्मय बीमारी की चपेट में आकर जान गंवाने सभी 8 मृतक एक ही गांव के दो परिवारों के थे।

बीमारी के बारे में अब तक ज्यादा जानकारी नहीं
स्वास्थ्य महकमे के अफसरों के मुताबिक, अब तक इस बीमारी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। ऐसे में स्थानीय लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। मोबाइल लैब की मदद से गांव में पहुंचकर जरूर जांच की जाएगी। इसके साथ ही सेंट्रल टीम इन जांच रिपोर्ट्स का आकलन करेगी। इसके बाद ही पता चल पाएगा कि बीमारी की वजह क्या है।

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