Modi 3.0: नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनावों में शानदार जीत और 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद अपने पहले विदेशी दौरे पर इटली जाएंगे। यह लगातार एनडीए के तीसरे कार्यकाल में उनका बतौर प्रधानमंत्री पहला दौरा होगा। इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने उन्हें G7 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है। यह समिट 13 से 15 जून के बीच आयोजित की जाएगी।
इटली को लोगों को दी शुभकामनाएं
- नरेंद्र मोदी ने इस निमंत्रण के लिए आभार व्यक्त करते हुए इटली के लोगों को उनके 79वें मुक्ति दिवस की वर्षगांठ पर शुभकामनाएं दीं। मोदी ने बातचीत में इटली की पीएम मिलोनी को जून में G7 शिखर सम्मेलन के निमंत्रण के लिए शुक्रिया कहा। साथ ही दोनों नेताओं ने G20 भारत के परिणामों को G7 में आगे ले जाने पर चर्चा की।
- इटली में आयोजित G7 समिट में अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान शामिल होंगे। इसके अलावा यूरोपीय संघ को गेस्ट के तौर पर चर्चा में बुलाया गया है। अपनी यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अन्य जी7 नेताओं से मिलेंगे।
मोदी का संभावित स्विट्जरलैंड दौरा
G7 शिखर सम्मेलन के अलावा प्रधानमंत्री मोदी को 15 से 16 जून को बर्गनस्टॉक, स्विट्जरलैंड में आयोजित 'पीस इन यूक्रेन समिट' के लिए भी औपचारिक तौर पर इन्विटेशन मिला है। हालांकि, रूस को इस शिखर सम्मेलन में नहीं बुलाए जाने पर मोदी के इस आयोजन में शामिल होने की संभावना अनिश्चित है। स्विस संघीय विदेश मामलों के विभाग ने इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य यूक्रेन में स्थायी शांति समाधान की दिशा की खोज करना बताया है।
- लोकसभा चुनाव में जीत के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने नरेंद्र मोदी को भेजे अपने बधाई संदेश में शांति शिखर सम्मेलन में भाग लेने की अपील की थी।
संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान की पैरवी
- भारत लंबे समय से अंतरराष्ट्रीय संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान की पैरवी करता रहा है, जिसमें रूस-यूक्रेन संघर्ष भी शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी के शब्दों में, "यह युद्ध का युग नहीं है," देश की वार्ता और कूटनीति के माध्यम से विवादों को हल करने में विश्वास को दर्शाते हैं।
- हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी को निमंत्रण मिले हैं, लेकिन उनके इस शांति शिखर सम्मेलन में शामिल होने को लेकर आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने शिखर सम्मेलन की तारीखों के करीब एक ऐलान का संकेत दिया है, जिससे दुनिया को भारत के कूटनीतिक एजेंडे के बारे में जानकारी मिल सकेगी।