Narendra Modi Oath Ceremony News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कल यानी रविवार (9 जून 2024) को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। भव्य शपथ ग्रहण की तैयारयां शुरू कर दी गई है। इस समारोह में नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, भूटान, नेपाल, मॉरीशस और सेशेल्स और मालदीव के प्रधानमंत्री को आमंत्रित किया गया है।इन नेताओं को भारत की नेबर फर्स्ट पॉलिसी के तहत आमंत्रित किया है। इसके साथ ही समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों जैसे कि कुछ चुनिंदा डॉक्टर, कलाकार, मजदूर, इंजीनियर को भी इस समारोह में शामिल होने का न्योता भेजा गया है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंच गई हैं। शेख हसीना ने बुधवार को इस समारोह में शामिल होने की पुष्टि कर दी थी।
Bangladesh PM Sheikha Hasina arrives in New Delhi to attend oath-taking ceremony of PM-Designate Narendra Modi. pic.twitter.com/aEreHD1s2h
— ANI (@ANI) June 8, 2024
सीनियर अफसर ने की पुष्टि
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे शामिल होंगे। तीनों नेता इस समारोह में शामिल होने के लिए 9 जून को नई दिल्ली पहुंचेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया कि बुधवार शाम को इन नेताओं से टेलीफोन पर बातचीत हुई। इस दौरान नरेंद्र मोदी ने शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए निमंत्रण दिया। सभी ने अपने मौजूदगी की पुष्टि की है।
मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू रहेंगे मौजूद
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का चीन के प्रति झुकाव है। इसकी वजह से मालदीव और भारत के रिश्ते खराब हुए हैं। हालांकि इस भव्य समारोह के लिए मुइज्जू को भी न्यौता दिया गया है। मुइज्जू मालदीव सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समारोह के लिए शनिवार को नई दिल्ली के लिए रवाना हो सकते हैं। अगर मुइज्जू इस समारोह में भारत आते हैं, तो यह दोनों पारंपरिक साझेदारों के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है। मुइज्जू के पूर्ववर्ती अब्दुल्ला यामीन ने मई 2014 में मोदी के शपथ समारोह में भाग लिया था।नवंबर 2023 में मुइज़ू के सत्ता में आने के बाद भारत और मालदीव के संबंधों में खटास आ गई है। उन्होंने भारत से देश से अपने सैन्य कर्मियों को वापस बुलाने को कहा है। उन्होंने इंडिया आउट के नारे पर चुनाव लड़ा था।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री भी शपथ ग्रहण में पहुंचेंगे
श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने भी बुधवार (5 जून 2024) को शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया। श्रीलंका के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने फोन पर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की चुनावी जीत पर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी। रानिल विक्रमसिंघे समारोह में हिस्सा लेने के लिए 9 जून को कोलंबो से नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे।
एक दिन आगे बढ़ाई गई शपथ ग्रहण की तारीख
18वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने 293 सीटें जीतकर बहुमत का आंकड़ा हासिल किया है, जबकि विपक्षी गठबंधन इंडिया ने 234 सीटें हासिल कीं हैं। इससे पहले शपथ ग्रहण समारोह 8 जून को होना था। हालांकि, बाद में इसकी तारीख एक दिन आगे बढ़ा दी गई। पीएम मोदी के शपथ ग्रहण के बाद एनडीए सहयोगी दल के करीब 3 दर्जन नव निर्वाचित सांसद भी केंद्रीय मंत्री पद की शपथ लेंगे।
दिल्ली में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद
रविवार को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर, अधिकारियों ने दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। कुछ इलाकों में धारा 144 लागू करने का निर्देश जारी किया गया है। इसके साथी ही 9 जून को राष्ट्रीय राजधानी को नो-फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है। बता दें कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को शाम 7:15 बजे राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में मोदी और उनके कैबिनेट मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी।
दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था के व्यापक इंतजाम
- दिल्ली पुलिस के शीर्ष अधिकारियों ने इस मेगा इवेंट की तैयारियों के तहत राष्ट्रपति भवन में सुरक्षा की गहन समीक्षा की।
- बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे सहित विदेशी गणमान्य व्यक्तियों के लिए भी विशेष सुरक्षा उपाय किए गए हैं, जो पीएम मोदी के शपथ समारोह में भाग लेने के लिए राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने वाले कुछ वैश्विक नेताओं में से हैं।
- नई दिल्ली की अपनी यात्रा के दौरान जिन होटलों में ये विदेशी मेहमान ठहरेंगे, वहां सुरक्षा प्रोटोकॉल बढ़ा दिए गए हैं।
- इसके अतिरिक्त, शहर की पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली पर ‘नो-फ्लाई ज़ोन’ की घोषणा करते हुए एक परामर्श जारी किया है।
- परामर्श में उप-पारंपरिक हवाई प्लेटफार्मों के संचालन पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिसका उद्देश्य नई केंद्र सरकार के शपथ समारोह के दौरान आपराधिक और असामाजिक तत्वों या आतंकवादियों से उत्पन्न होने वाले किसी भी संभावित खतरे को रोकना है।
- परामर्श में कहा गया है कि प्रतिबंध और निषेध 9 जून से 10 जून तक प्रभावी रहेंगे।
- पुलिस ने एक एडवाजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि "राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह के मद्देनजर दिल्ली के अधिकार क्षेत्र में पैरा-ग्लाइडर, पैरा-मोटर्स, हैंग-ग्लाइडर, यूएवीएस, यूएएसएस, माइक्रोलाइट एयरक्राफ्ट, रिमोट से संचालित एयरक्राफ्ट, हॉट एयर बैलून, छोटे आकार के एयरक्राफ्ट, क्वाडकॉप्टर या एयरक्राफ्ट से पैरा-जंपिंग आदि जैकी उड़ान पर 09 जून 2024 से प्रतिबंध रहेगा, ताकि भारत विरोधी आपराधिक, असामाजिक तत्वों या आतंकवादी इनका इस्तेमाल करके आम जनता, गणमान्य व्यक्तियों और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा नहीं कर सकें।"
- नियमों का उल्लंघन करने वालों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 188 के तहत दंडित किया जाएगा और उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।
- राष्ट्रपति भवन ने 8 जून को साप्ताहिक चेंज ऑफ गार्ड समारोह को भी रद्द करने की घोषणा की।
- शुक्रवार को राष्ट्रपति द्वारा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए औपचारिक रूप से नियुक्त किए जाने के बाद सुरक्षा संबंधी ये कदम उठाए गए हैं।