Naveen Patnaik on successor: ओडिशा विधानसभा चुनाव के नतीजों के कुछ दिनों बाद, राज्य के निवर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने उत्तराधिकारी को लेकर बड़ा बयान दे दिया है। उन्होंने शनिवार, 8 जून को कहा है कि बीजू जनता दल (BJD) के नेता वीके पांडियन (VK Pandian) उनके "उत्तराधिकारी" नहीं हैं। इसका फैसला ओडिशा की जनता करेगी।
नवीन पटनायक ने उत्तराधिकारी पर क्या कहा?
ओडिशा के भुवनेश्वर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान पटनायक ने कहा, "मैं यह कहना चाहूंगा कि पांडियन ने स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल और मंदिर जीर्णोद्धार के हमारे कार्यक्रम में भी काम किया है और मदद की है। पांडियन पार्टी में शामिल हुए, लेकिन उन्हें कोई पद नहीं मिला। मैंने हमेशा स्पष्ट रूप से कहा है कि मेरे उत्तराधिकारी पांडियन नहीं हैं। मैं इसे दोहराता हूं। ओडिशा के लोग मेरे उत्तराधिकारी का फैसला करेंगे।"
भारतीय जनता पार्टी ने ओडिशा में किया कमाल
147 विधानसभा सीटों वाली ओडिशा में इस बार बीजू जनता दल को हार का सामना करना पड़ा पड़ा है। भारतीय जनता पार्टी ने 147 सीटों में से 78 सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, बीजेडी ने 51 सीटें हासिल कीं, जो बहुमत के 74 के निशान से काफी पीछे थीं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने राज्य की 14 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही।
विधानसभा चुनाव में हार पर नवीन पटनायक
इस चुनाव में हार के बाद नवीन पटनायक का 24 साल पुराना शासन खत्म हो गया। विधानसभा चुनाव में हार के बाद पटनायक ने ओडिशा के लोगों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, "मुझे बार-बार आशीर्वाद देने और अपना आशीर्वाद देने के लिए ओडिशा के लोगों के प्रति मेरी गहरी कृतज्ञता। साथ ही, मुझे लगता है कि हमने हमेशा बेहतरीन काम करने की कोशिश की है और हमें अपनी सरकार और अपनी पार्टी पर गर्व करने के लिए बहुत कुछ है।"
ओडिशा में बीजेडी की हार पर उन्होंने कहा, "यह जनता के हाथ में है। लोकतंत्र में या तो आप जीतते हैं या हारते हैं। लंबे समय के बाद हारने के बाद हमें हमेशा जनता के फैसले को शालीनता से स्वीकार करना चाहिए। मैंने हमेशा कहा है कि ओडिशा के साढ़े चार करोड़ लोग मेरा परिवार हैं और मैं उनकी हर संभव तरीके से सेवा करता रहूंगा।"
पांडियन की आलोचना पर भी बोल नवीन पटनायक
पूर्व मुख्यमंत्री ने पूर्व आईएएस वीके पांडियन की आलोचना पर कहा, "मेरे संज्ञान में यह भी आया है कि पार्टी के नेता पांडियन की कुछ आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। एक अधिकारी के रूप में उन्होंने बेहतरीन काम किया। उन्होंने हमारे राज्य में दो चक्रवातों और कोविड-19 महामारी से निपटने में बेहतरीन काम किया। बाद में वे नौकरशाही से सेवानिवृत्त हो गए और मेरी पार्टी में शामिल हो गए और उन्होंने बेहतरीन काम करके इसमें काफी योगदान दिया है। वे एक ईमानदार व्यक्ति हैं और इसके लिए उनका सम्मान किया जाना चाहिए।"
2024 के लोकसभा चुनावों में भी, भाजपा ने ओडिशा की 21 लोकसभा सीटों में से 20 सीटों पर जीत दर्ज की है। जबकि, एक सीट कांग्रेस ने जीती। राज्य में नए मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह के लिए तैयारियां शुरू हो गई है।