Navy Day: भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिए जल्द ही 26 राफेल-M लड़ाकू विमानों (नेवी वेरिएंट) और 3 अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों (Scorpene Submarines) खरीदने के लिए डील फाइनल की जा रही है। यह जानकारी नौसेना प्रमुख ( Navy chief) एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने सोमवार को नौसेना दिवस (Navy Day) से पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने कहा कि भारत समुद्री सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए मॉडर्न प्लेटफॉर्म और स्वदेशी निर्माण पर जोर दे रहा है।
राफेल-M जेट्स की खरीदारी
Rafale-M Jets को भारत के पहले स्वदेशी एयरक्रॉफ्ट कैरियर शिप आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा, जिससे इंडियन नेवी (Indian Navy) की शक्ति और हवाई युद्ध क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। इस खरीद प्रस्ताव को रक्षा मंत्रालय से जुलाई 2023 में हरी झंडी मिली थी। बता दें कि राफेल-M, फ्रांस में बना एक अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है, जो समुद्री ऑपरेशंस के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके शामिल होने से भारत की नेवी एयरक्रॉफ्ट कैपेसिटी वैश्विक स्तर पर मजबूत होगी।
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स्कॉर्पीन पनडुब्बियां
देश के प्रोजेक्ट-75 के तहत 3 अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियां तैयार की जा रही हैं। यह सबमरीन गहरे समुद्र में लंबी अवधि तक तैनात रह सकती हैं और दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने में सक्षम हैं। स्कॉर्पीन पनडुब्बियां साइलेंट ऑपरेशन और शक्तिशाली हथियारों से लैस हैं। इनके शामिल होने से नेवी की सबमरीन वारफेयर में ताकत बढ़ेगी।
स्वदेशी निर्माण पर जोर
एडमिरल त्रिपाठी ने बताया कि मौजूदा समय में 62 शिप और एक पनडुब्बी भारत में बनाई जा रही हैं। यह सभी प्रोजेक्ट मेक इन इंडिया कैंपेन के तहत स्वदेशी शिपयार्ड्स में तैयार हो रही हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार ने 2 परमाणु शक्ति चालित पनडुब्बियों (SSNs) के निर्माण को मंजूरी दी है। यह फैसला देश की स्वदेशी निर्माण क्षमताओं और तकनीकी विशेषज्ञता में विश्वास को दर्शाता है। अगले एक वर्ष में नौसेना में कई नए प्लेटफॉर्म शामिल किए जाएंगे, जिनमें कम से कम एक नया जहाज शामिल होगा।
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तकनीकी उन्नति और आधुनिकीकरण
भारतीय नौसेना भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए नई और अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने पर जोर दे रही है। नेवी चीफ त्रिपाठी ने बताया कि सटीकता, अडवांस सेंसर और नेटवर्क-केंद्रित युद्ध प्रणाली जैसे क्षेत्रों में नौसेना लगातार सुधार कर रही है। पाकिस्तान के अपनी समुद्री शक्ति बढ़ाने के कोशिशों पर एडमिरल त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय नौसेना हर प्रकार के क्षेत्रीय खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। भारत का उद्देश्य हिंद महासागर क्षेत्र में न केवल अपनी संप्रभुता बनाए रखना है, बल्कि इसे एक सुरक्षित और स्थिर समुद्री क्षेत्र बनाना भी है।
Navy Day पर नौसेना की प्रतिबद्धता
नौसेना प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारतीय नौसेना आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत स्वदेशी निर्माण को प्राथमिकता दे रही है और समुद्री सुरक्षा को नए आयाम दे रही है। राफेल-M जेट्स और स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद नौसेना की ताकत को नए स्तर पर ले जाएगी। भारत का यह कदम न केवल उसकी सामरिक क्षमता को मजबूत करेगा, बल्कि उसे हिंद महासागर और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में एक प्रमुख शक्ति के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगा।