NCERT textbook changes 2024: शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली संस्था, राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने 12वीं कक्षा की राजनीति विज्ञान की किताबों में बड़े बदलाव किए हैं। इन बदलावों में 2002 के गुजरात दंगे और बाबरी मस्जिद विध्वंस जैसे विवादास्पद शब्दों को हटा दिया गया है। इस कदम ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है, विपक्षी दलों ने एनसीईआरटी पर "आरएसएस के एजेंडे" को आगे बढ़ाने का आरोप लगाया है।
क्या क्या बदलाव किए गए हैं:
- NCERT की 12वीं कक्षा की 'राजनीतिक विज्ञान' और 'स्वतंत्रता के बाद भारत में राजनीति' किताबों में निम्नलिखित बदलाव किए गए हैं:
- आजाद कश्मीर से PoJK: किताब में "आजाद कश्मीर" शब्द को हटा दिया गया है और उसकी जगह "पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK)" जोड़ा गया है।
- भारत-चीन सीमा विवाद: 'चीन के साथ भारत की सीमा स्थिति' नामक पाठ में 'सैन्य संघर्ष' शब्द हटाकर 'चीन की घुसपैठ' कर दिया गया है।
- धारा 370: पहले किताब में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली धारा 370 के बारे में बताया गया था। अब कहा गया है कि राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को हटा दिया है।
- गुजरात दंगे: किताब में अब 'गुजरात दंगे' के बजाय 'मुस्लिम विरोधी दंगे' शब्द का प्रयोग किया गया है।
- बाबरी मस्जिद: 'बाबरी मस्जिद' शब्द को हटाकर 'तीन गुंबद वाला ढांचा' लिखा गया है।
एनसीईआरटी निदेशक ने किया बचाव
NCERT के निदेशक दिनेश प्रसाद सकलानी ने इन बदलावों का बचाव करते हुए कहा कि यह सिर्फ पाठ्यपुस्तकों का "अपडेशन" है, ना कि "पाठ्यक्रम संशोधन"। उन्होंने कहा कि दंगों की चर्चा से बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है, जिससे वे "हिंसक और उदास" हो सकते हैं। इस बात को ध्यान में रखते हुए पाठ्यपुस्तकों को अपडेट किया गया है।
विपक्षी दलों ने इन बदलावों पर दी कड़ी प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि NERT अब एक पेशेवर संस्थान नहीं है। यह 2014 से आरएसएस के एजेंडे को बढ़ावा दे रहा है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने NCERT की आलोचना करते हुए कहा कि बच्चों को आपराधिक कृत्यों का महिमामंडन करते हुए बड़ा नहीं होना चाहिए। आरजेडी के नेता मनोज झा (RJD ने कहा कि छात्रों को यह जानना चाहिए कि घृणा, नफरत और हिंसा के बावजूद भारत कैसे विकसित हुआ है।