NEET Exam Investigation: जांच में सच आएगा सामने, बड़े मोहरों की होगी पहचान, जानें क्या है CBI का बड़ा एक्शन प्लान

NEET Exam Investigation: डीजी सुबोध कुमार सिंह को हटाया गया है क्योंकि उन्होंने मामले को सही तरीके से डील नहीं किया। गैर जरूरी ग्रेस मार्क परंपरा देने की शुरूआत की। सीबीआई सभी आरोपों की जांच करेगी। 

Updated On 2024-06-24 07:41:00 IST
NEET Exam Investigation: सीबीआई ने नीट एग्जाम पेपर लीक से जुड़े सभी मामले टेकओवर कर लिए हैं। तस्वीर इस मामले में पटना में गिरफ्तार आरोपियों की है।

NEET Exam Investigation: NEET परीक्षा मामले की जांच के लिए सीबीआई की स्पेशल टीम ने तुरंत एफआईआर दर्ज करके मामले से जुड़े सभी दस्तावेज खंगालने शुरू कर दिए हैं। यह टीम बिहार से लेकर अन्य स्थानों तक पेपर लीक और गड़बड़ियों की जांच करेगी। सीबीआई पेपर लीक में शामिल तथाकथित बड़े मोहरों की पहचान करेगी। शिक्षा मंत्रालय ने इस मामले की गहनता से जांच के लिए सीबीआई को स्पष्ट अनुरोध किया है।

पेपर लीक स्थानीय स्तर तक सीमित?
शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि पेपर लीक का मामला स्थानीय स्तर पर सीमित है और बिहार के चुनिंदा केंद्रों तक ही सीमित है। इस मामले में पटना के विभिन्न केंद्रों में परीक्षा देने वाले 17 छात्रों को डिबार करने का नोटिस भी दिया गया है। सीबीआई की जांच से उम्मीद है कि किसी भी गड़बड़ी को लेकर कोई शंका नहीं रह जाएगी।

सुधार के लिए कदम उठाने के निर्देश
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के निर्देश पर मंत्रालय ने कई सुधार के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। पहले कदम के रूप में, जांच एजेंसियों को स्वतंत्रता से काम करने का अवसर दिया गया है। दूसरे, डीजी सुबोध कुमार सिंह को हटाया गया है क्योंकि उन्होंने मामले को सही तरीके से डील नहीं किया और गैर जरूरी ग्रेस मार्क परंपरा देने की शुरूआत की। सुबोध कुमार सिंह पर और भी कई आरोप हैं। सीबीआई सभी आरोपों की जांच करेगी। 

AICTE के चेयरमैन ने क्या कहा। 
NEET-UG मुद्दे पर ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन(AICTE) के चेयमरैन प्रो. टीजी सीताराम ने कहा कि पूरे मामले से  छात्रों को बहुत दुख पहुंच है। केंद्र सरकार अच्छी तरह जानती है कि छात्रों को क्या झेलना पड़ रहा है, और उनके द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं। हम इस परीक्षा को पारदर्शिता के उच्चतम स्तर पर आयोजित करना चाहते हैं।

छात्रों को उम्मीद नहीं खोनी चाहिए
छात्रों को आश्वस्त करने के लिए NTA प्रमुख को बदल दिया गया है कि जल्द ही पारदर्शिता के साथ दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी। जो कुछ हुआ है वह बीती हुई बात है और आपको उम्मीद नहीं खोनी चाहिए और सिस्टम पर भरोसा रखना चाहिए। NTA की संरचना और प्रक्रियाओं को देखने के लिए एक समिति बनाई गई है।

एआईसीटीई चेयरमैन की अपील
AICTE के चेयमरैन ने कहा कि मैं छात्रों से सिस्टम और इस मुद्दे को देखने के लिए इस बहुत ही प्रतिष्ठित नव नियुक्त टीम पर भरोसा रखने की अपील करता हूं। सीबीआई ने NEET (UG) और UGC-NET दोनों परीक्षाओं को रजिस्टर किया है। AICTE और UGC अब NTA का हाथ थामने जा रहे हैं और देश भर में परीक्षा आयोजित करने में उनकी मदद करेंगे।

सुबोध सिंह पर क्या हैं आरोप
सुबोध सिंह पर जांच एजेंसियों को सहयोग न करने और तथ्यों को छिपाने का आरोप है। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, बिहार से गुजरात के गोधरा तक की एफआईआर की जांच के बाद आवश्यक होने पर एनटीए के अधिकारियों से भी पूछताछ की जाएगी। तीसरे कदम में, एनटीए में आंतरिक सुधार और परीक्षा प्रक्रिया में सुधार के लिए उच्च स्तरीय समिति को जिम्मेदारी सौंपी गई है।

भविष्य की परीक्षाओं में किया जाएगा सुधार
चौथा महत्वपूर्ण कदम भविष्य में परीक्षाओं को पूरी तरह गड़बड़ी मुक्त बनाने के लिए उठाया जाएगा। इसमें केंद्रों के चयन से लेकर परीक्षा की निगरानी तक के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। यह कार्य तेजी से पूरा करना है क्योंकि कई लंबित परीक्षाओं को जल्द ही फिर से कराना है।

राजनीतिक स्तर पर दिया जाएगा जवाब
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान संसद सत्र के दौरान विपक्ष के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हैं। मंत्रालय सुधारों के फायदे भी सामने रखेगा। इस बार देश के करीब 4500 केंद्रों से एक लाख बच्चे मेरिट क्रम में आए हैं। से सभी बच्चे अलग अलग बैकग्रांउड से हैं। इनमें से बहुत सारे बच्चे हैं ऐसे हैं जिन्होंने ग्रामीण इलाकों में रहते हुए इस परीक्षा को पास किया है। इन सभी बातों को सरकार सामने रख सकती है। 

परीक्षा रद्द करने का मामला
शिक्षा मंत्रालय NEET एग्जाम रद्द करने के पक्ष में नहीं है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करता है। मंत्रालय का मानना है कि यदि गड़बड़ी सीमित इलाकों में है तो लाखों मेरिट के छात्रों का ख्याल रखना भी सरकार की जिम्मेदारी है। ऐसे में अब गेंद पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट के पाले में हैं। सुप्रीम कोर्ट पहले ही काउंसलिंग रोकने से इनकार कर चुका है। वहीं, दूसरी ओर अब भी स्टूडेंट और अभिभावक री एग्जाम की मांग पर अड़े हैं। 

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