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NEET Paper Leak case: नीट पेपर लीक मामले में बड़ी सफलता हासिल करते हुए सीबीआई ने गुरुवार, 27 जून को मामले में पहली गिरफ्तारी की। सीबीआई ने पटना से मनीष प्रकाश और आशुतोष कुमार को गिरफ्तार किया है।

NEET Paper Leak case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने NEET पेपर लीक मामले में पहली गिरफ्तारी की है। सीबीआई ने गुरुवार, 27 जून को पटना से मनीष प्रकाश और आशुतोष कुमार को गिरफ्तार किया है। मनीष पर आरोप है कि उन्होंने पटना में एक प्ले स्कूल बुक कर वहां 20-25 उम्मीदवारों को प्रश्नपत्र और उत्तर रटवाए। CBI ने मनीष की पत्नी को गिरफ्तारी की सूचना दी है और उससे पूछताछ की जा रही है।

मनीष ने अपने दोस्त के जरिए कराई थी स्कूल की बुकिंग
नीट पेपर लीक मामले में मनीष प्रकाश मुख्य आरोपियों में से एक है। उसने नीट परीक्षा से एक दिन पहले अपने दोस्त आशुतोष के जरिए परीक्षार्थियों के लिए लर्न एंड प्ले स्कूल की बुकिंग कराई थी। बताया जा रहा है कि इसी स्कूल में उम्मीदवारों को आंसर रटवाए गए थे।

पटना के खेमनी चक स्थित लर्न एंड प्ले स्कूल में मिला आधा जला हुआ नीट प्रश्नपत्र नीट पेपर लीक मामले में अहम सबूतों में से एक है। खास बात यह है कि मनीष प्रकाश ने इस स्कूल को एक रात के लिए बुक किया था।

पटना की बेऊर जेल में पूछताछ
CBI की टीम ने दो अन्य संदिग्धों चिंटू और मुकेश को 8 दिन की रिमांड पर लिया। चिंटू NEET पेपर लीक के मास्टरमाइंड संजीव मुखिया का रिश्तेदार है और उसके मोबाइल पर ही पेपर आया था। मुकेश उम्मीदवारों को उस स्कूल में ले गया था जहां सवालों के जवाब रटवाए गए थे।

ओएसिस स्कूल पर संदेह
CBI की टीम ने हजारीबाग के ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक से दोबारा पूछताछ की। संदेह है कि 3 मई को क्वेश्चन पेपर का पैकेट स्कूल में ही खोला गया था। FSL टीम ने भी सबूत इकट्ठे किए हैं। इसी स्कूल में यूजीसी नेट परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने का भी संदेह है। टीम ने वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज आलम का मोबाइल और लैपटॉप जब्त किया है।

प्रिंसिपल से पूछताछ
CBI ने ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल से तीन मुख्य सवाल पूछे: पेपर के पैकेट में टेंपरिंग कैसे हुई, पैकेट के बॉटम में कट मार्क्स क्यों पाए गए, और एग्जाम हॉल में प्रश्नपत्र 15 मिनट देर से क्यों पहुंचा। इन सवालों पर प्रिंसिपल फंस गए और CBI ने दोबारा पूछताछ के लिए उन्हें स्कूल लेकर गई।

6 राज्यों में जांच जारी
CBI 6 राज्यों - बिहार, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और यूपी में पेपर लीक मामले की जांच कर रही है। गिरफ्तार आरोपियों के आपसी संबंधों की पड़ताल की जा रही है। CBI को संदेह है कि गिरफ्तार आरोपी केवल कांट्रैक्टर हैं, असली अपराधी कोई और है। पुराने अपराधियों से भी पूछताछ की जाएगी।

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