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NEET Paper Leak Case: केंद्र सरकार ने 5 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि NEET-UG परीक्षा को रद्द (NEET Exam Cancellation) करना उचित नहीं होगा। इससे लाखों मेहनती कैंडिडेट्स का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा।

NEET Paper Leak Case: केंद्र सरकार ने 5 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि NEET-UG परीक्षा को रद्द (NEET Exam Cancellation) करना उचित नहीं होगा। इससे लाखों मेहनती कैंडिडेट्स का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने भी कहा कि परीक्षा रद्द करने से उन छात्रों के करियर पर बुरा असर पड़ेगा, जिन्होंने परीक्षा पास की है। 

गड़बड़ियों की जांच का जिम्मा CBI को सौंपा
केंद्र और NTA ने एक याचिका के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया, जिसमें उन्होंने कहा कि परीक्षा में हुई कथित अनियमितताओं की जांच का जिम्मा CBI को सौंपा गया है। 5 मई को आयोजित हुई NEET परीक्षा के बाद पेपर लीक और गड़बड़ियों (NEET Irregularities))के आरोप लगे थे, जिससे 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने पर विवाद हुआ था।

परीक्षा रद्द ना करने के लिए केंद्र के तर्क
केंद्र सरकार ने दो प्रमुख तर्क दिए। पहला, राष्ट्रीय स्तर पर गड़बड़ी या गोपनीयता के बड़े पैमाने पर उल्लंघन के सबूत नहीं हैं। दूसरा, ऐसे कई छात्र हैं जिन्होंने बिना किसी गड़बड़ी के परीक्षा दी है। उनके प्रतिस्पर्धा के अधिकार और हितों को खतरे में नहीं डाला जा सकता। 

NTA का सुप्रीम कोर्ट में बयान
NTA ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि NEET-UG 2024 परीक्षा को रद्द करना जनहित के खिलाफ होगा। उन्होंने बताया कि पेपर लीक की कथित घटनाओं का परीक्षा के संचालन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है और यह निष्पक्षता और गोपनीयता के साथ संपन्न हुई है। 

कुछ ही जगहों पर हुई गड़बड़ी
NTA ने माना कि कथित गड़बड़ी केवल पटना और गोधरा केंद्रों (Patna, Godhra Examination Centers) में हुई थी। उन्होंने कहा कि इन व्यक्तिगत उदाहरणों के आधार पर पूरी परीक्षा को रद्द करना अनुचित होगा। उन्होंने यह भी बताया कि गड़बड़ी में शामिल छात्रों के परिणाम रोक दिए गए हैं और उन्हें दंडात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट में याचिकाओं पर सुनवाई
NEET पेपर लीक, परीक्षा में गड़बड़ियों और ग्रेस मार्क्स के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दायर की गई सभी 26 याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी। इनमें से 22 याचिकाएं छात्रों, शिक्षकों, कोचिंग संस्थानों और वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से दायर की गई हैं। वहीं 4 याचिकाएं NTA की तरफ से दायर हुई हैं।

ReNEET के खिलाफ छात्रों की याचिका
गुजरात के 56 छात्रों ने 4 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने ReNEET के खिलाफ अपील की है। छात्रों का कहना है कि उन्होंने दो साल की कड़ी मेहनत और 100% लगन के साथ परीक्षा दी थी। ReNEET कराना उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। 

प्रधानमंत्री ने दिया मदद का भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 3 जुलाई को राज्यसभा में कहा कि पेपर लीक का मुद्दा बेहद संवेदनशील है और दोषियों को सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई के लिए जांच एजेंसियों को खुली छूट दी गई है और कोई भी दोषी बच नहीं पाएगा। 

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