NEET-UG 2024: सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी में कथित पेपर लीक और गड़बड़ियों से जुड़ी 40 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई अगले गुरुवार (18 जुलाई) तक के लिए आगे बढ़ाई। आज (11 जुलाई को) इन याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी। केंद्र सरकार और एनटीए ने एक दिन पहले (बुधवार को) अदालत में नया हलफनामा दाखिल किया। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ताओं से एफिडेविट पर एक हफ्ते में प्रतिक्रिया दाखिल करने के निर्देश दिया है। इसीलिए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली 3 जजों की बेंच ने आज होने वाली सुनवाई हफ्तेभर के लिए टाली है।
जानिए आज सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?
बेंच ने आज सुनवाई के दौरान पहले मामलों को अगले सोमवार (15 जुलाई) को लिस्ट करने का प्रस्ताव दिया, लेकिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी व्यक्तिगत कठिनाई का हवाला दिया। एसजी ने कहा कि वे और अटॉर्नी जनरल दोनों सोमवार और मंगलवार को उपलब्ध नहीं रहेंगे। यह मानते हुए कि अगले बुधवार को मुहर्रम के कारण छुट्टी है, कोर्ट ने नीट-यूजी मामले को अगले गुरुवार के लिए टाल दिया। बता दें कि सरकार ने एफिडेविट में दोबारा परीक्षा कराने की मांग का कड़ाई से विरोध किया है। साथ ही सरकार ने IIT-मद्रास की डिटेल्ड रिपोर्ट ने कुछ चुनिंदा केंद्रों पर उम्मीदवारों को अनुचित फायदा देने या बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के आरोपों को खारिज कर दिया है।
क्या है NEET-UG 2024 परीक्षा मामला?
नीट-यूजी को राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) आयोजित करती है। यह देशभर में MBBS, BDS, AYUSH और अन्य संबंधित मेडिकल कोर्स के लिए प्रवेश परीक्षा है। 5 मई को आयोजित NEET-UG 2024 परीक्षा पेपर लीक और कुछ छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए जाने के विवादों से घिरी हुई है।
सुप्रीम कोर्ट का क्या है रुख?
- 8 जुलाई को पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने NTA से पूछा था कि पेपर लीक कब और कैसे हुआ? पेपर लीक की घटना और परीक्षा के बीच कितना अंतराल था। अदालत ने केंद्र सरकार से उनके कार्यों का डिटेल देने वाले हलफनामे और NEET-UG परीक्षा के संबंध में सीबीआई से स्थिति रिपोर्ट भी मांगी। अदालत ने स्वीकार किया था कि परीक्षा से समझौता हुआ है।
- सीजेआई समेत 3 जजों की बेंच ने कहा- परीक्षा की पवित्रता से समझौता हुआ, यह संदेह से परे है। स्वीकार्य तथ्य है कि पेपर लीक हुआ है और हम इसकी प्रकृति को निर्धारित कर रहे हैं। अगर यह व्यापक नहीं है, तो पेपर कैंसिंग नहीं होगा। लेकिन दोबारा परीक्षा के आदेश से पहले हमें लीक की सीमाओं को समझना होगा, क्योंकि यह 23 लाख छात्रों के भविष्य से जुड़ा मुद्दा है।
केंद्र और NTA के हलफनामे में क्या?
- सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया कि NEET-UG 2024 में न तो "बड़े पैमाने पर अनुचित गतिविधि" का कोई संकेत है और न ही कुछ उम्मीदवारों को असामान्य स्कोर का फायदा मिला है। सरकार ने आगे कहा कि IIT-मद्रास के डेटा एनालिटिक्स ने नीट-यूजी रिजल्ट में कोई असामान्यता नहीं दिखाई। सरकार के हलफनामे में परीक्षा की पवित्रता सुनिश्चित करने और किसी भी अनुचित गतिविधि को रोकने के लिए उठाए गए उपायों का भी उल्लेख है।
- दूसरी ओर, NTA ने भी हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अब तक केवल 47 उम्मीदवारों पर पेपर लीक और OMR शीट से जुड़ी गड़बड़ियों में शामिल होने का शक है। परीक्षा के संचालन के तरीके को OMR (पेन और पेपर) से ऑनलाइन टेस्ट में बदलने के ऑप्शन पर विचार किया जा रहा है। NTA कार्यवाही के दौरान IIT-मद्रास की रिपोर्ट पर निर्भर करेगा।
यूपी, बिहार, झारखंड में छापेमारी, अब तक 8 गिरफ्तार
बता दें कि नीट-यूजी 2024 में अनियमितताओं की जांच सीबीआई के हवाले है। जांच एजेंसी ने यूपी, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों में छापेमारी की है और अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने मंगलवार को कथित पेपर लीक मामले में पटना से दो और लोगों को दबोचा। अधिकारियों के मुताबिक, नालंदा से एक छात्र सनी कुमार और गया से एक छात्र के पिता रणजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया है। झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल को पहले ही शिकंजा कसा जा चुका है।